जेएनयू आफरीन के साथ खड़ा हुआ, कैंपस में प्रदर्शन, मोदी-योगी विरोधी नारे
Nafisa-Hafisa chanting “Yogiraj ho barbad” beating dafali in JNU, Yogi should resign immediately. pic.twitter.com/OQNwZGZj18
— Lala 🇮🇳 (@FabulasGuy) June 12, 2022
दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में आफरीन फातिमा के समर्थन रविवार देर रात विरोध प्रदर्शन चलता रहा। इसका आयोजन आइसा ने किया।फातिमा के पिता मोहम्मद जावेद के खिलाफ की गई 'बुलडोजर' कार्रवाई का छात्र संघ विरोध कर रहा है। प्रदर्शन के दौरान कैंपस में पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। ऐसा ही एक प्रदर्शन सोमवार को यूपी भवन पर तीन बजे बाद दोपहर रखा गया है। इसका आयोजन जेएनयू छात्र संघ ने किया है।
सोशल मीडिया पर भी आफरीन फातिमा के समर्थन में जबरदस्त अभियान चल रहा है। तमाम आम लोगों ने ट्वीट कर उनका घर बुलडोजर से गिराने का विरोध किया है। कुछ लोगों ने इसे पागलपन की पराकाष्ठा कह कर लिखा है। लोगों का कहना है कि अगर ये बुलडोजर चलते रहे तो देश का माहौल खराब हो जाएगा। इतनी सी बात बीजेपी को समझ में नहीं आ रही है।
11 जून को, आफरीन फातिमा ने सोशल मीडिया पर एक अपील की थी, जिसमें उन्होंने अपने पिता की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग को लिखा था। लेकिन यूपी पुलिस का दावा है कि जावेद ही पिछले शुक्रवार को नूपुर शर्मा की टिप्पणी पर प्रयागराज में हुए विरोध प्रदर्शनों के कथित रूप से मास्टरमाइंड हैं।
रविवार को भारी पुलिस सुरक्षा के बीच प्रयागराज की सड़कों पर बुलडोजर निकले और सबसे पहले आफरीन फातिमा का घर तोड़ दिया गया। शाम तक घर पूरी तरह से उजड़ चुका था। पुलिस ने दावा किया इस घर से हथियार भी मिले हैं, लेकिन पुलिस ने यह दावा घर गिराते समय फौरन नहीं किया था।
आफरीन की बहन सुमैया के मुताबिक, जो मकान गिराया गया था, वह उनकी मां को उनके नाना ने गिफ्ट किया था। सुमैया ने दावा किया कि न तो जमीन और न ही घर उनके पिता का था।
शुक्रवार के विरोध प्रदर्शन में जावेद की भूमिका से इनकार करते हुए बेटी ने कहा, जब शुक्रवार को हिंसा हुई, तो मेरे पिता नमाज के बाद सीधे घर आए। उन्होंने किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शन में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
Shocked to receive this from JNU with the update that the family’s home has been demolished: https://t.co/iQ2BEJ9kFt
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 12, 2022
Due process of law is fundamental to democracy. Under what law & following what process has this been done? Has UP exempted itself from the Constitution of India?
इससे पहले दिन में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर फातिमा के समर्थन में आए, जिन्होंने यूपी पुलिस द्वारा उनके परिवार के सदस्यों को अवैध रूप से हिरासत में लेने का आरोप लगाया था।
थरूर ने कहा कि जेएनयू से इस अपडेट को पाकर स्तब्ध हूं कि इस परिवार का घर गिरा दिया गया है। कानून की उचित प्रक्रिया लोकतंत्र के लिए मौलिक है। किस कानून के तहत और किस प्रक्रिया का पालन किया गया है? क्या यूपी ने खुद को भारत के संविधान से छूट ले ली है?
If we do not speak out against these illegal demolitions of houses of protesters, there will be nothing left to defend of the India we so dearly love. This madness must stop
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) June 12, 2022
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी यूपी की बुलडोजर पॉलिटिक्स को देश और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया।
टीवी पर बहस के दौरान पैगंबर मुहम्मद पर बीजेपी प्रवक्ताओं की टिप्पणी पर शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शन और हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने यूपी के नौ जिलों से 316 लोगों को गिरफ्तार किया है।