जेएनयू: दीपिका के पीछे पड़ी ट्रोल आर्मी, बताया 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' का सदस्य
बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा दीपिका पादुकोण के जेएनयू के छात्रों के समर्थन में पहुंचने के बाद बॉलीवुड से जुड़े कई लोगों ने उनके इस क़दम की सराहना की है। फ़िल्म निर्देशक अनुराग कश्यप से लेकर फ़िल्म निर्माता अनुभव सिन्हा, गायक विशाल ददलानी, फ़िल्म अभिनेत्री रिचा चड्ढा, स्वरा भास्कर सहित कई लोगों ने उनके इस क़दम को बहादुरी भरा बताया है। लेकिन सोशल मीडिया पर एक वर्ग ने छात्रों के समर्थन में जेएनयू पहुंचने पर दीपिका को बुरी तरह ट्रोल करना शुरू कर दिया है और कहा है कि वह टुकड़े-टुकड़े गैंग की सदस्य हैं। इस वर्ग ने ट्विटर पर #BycottDeepika नाम से हैशटैग चलाया हुआ है।
इस वर्ग ने सोशल मीडिया पर उनकी फ़िल्म ‘छपाक’ का भी बॉयकॉट करने की अपील की है। इसकी शुरुआत की दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने। बग्गा ने दीपिका के जेएनयू के छात्रों के साथ मौजूद होने की फ़ोटो ट्वीट कर कहा कि दीपिका पादुकोण की फ़िल्म का बॉयकाट करें क्योंकि उन्होंने टुकड़े-टुकड़े गैंग और अफज़ल गैंग का समर्थन किया है।
RT if you will Boycott Movies of @deepikapadukone for her Support to #TukdeTukdeGang and Afzal Gang pic.twitter.com/LN5rpwjDmT
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) January 7, 2020
बीजेपी की हरियाणा इकाई के आईटी और सोशल मीडिया हेड अरुण यादव ने ट्वीट किया कि जो देश के लिए जीते-मरते हैं, हम उन्हीं का साथ देंगे। यादव ने छपाक फ़िल्म का बॉयकाट करने और अजय देवगन की फ़िल्म देखने की बात कही है।
जो देश के लिए जीते मरते हैं हम उन्हीं का साथ देंगे #boycottchhapaak #TanhajiTheUnsungWarrior @TajinderBagga @ajaydevgn @itsKajolD https://t.co/wzFwAkysed
— Arun Yadav (@beingarun28) January 7, 2020
दिग्विजय सिंह ने दीपिका को जेहादी बताते हुए लिखा है कि वह अजय देवगन की ताण्हाजी फ़िल्म से डर गई हैं और चाहती हैं कि देशद्रोही व टुकड़े-टुकडे़ गैंग ही उनकी फ़िल्म को देख लें! दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर अपने बायो में लिखा है कि वह बीजेपी के आईटी विभाग के मेरठ जिले के संयोजक हैं।
अजय देवगन की तानाजी मूवि से डर गई है ये जेहादन ! इसलिए ये चाहती है देशद्रोही व टुकड़े-टुकडे़ गैंग ही इसकी मूवि देख लें !#BycottDeepika pic.twitter.com/TP0eCIW7nR
— Digvijay Singh (@DigvijayBjpIt) January 8, 2020
हिंदुस्तानी नाम के ट्विटर यूजर की ओर से लिखा गया है कि दीपिका कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की फ़ैन रही हैं और उन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन करते देखने में कोई आश्चर्य नहीं है।
Deepika Padukone has been a Rahul Gandhi fan 🙄
— हिंदुस्तानी (@Ujjwal16267494) January 7, 2020
No wonder she is seen supporting JNU ( टुकड़े टुकड़े गैंग +कन्हैया कुमार )over much saner voices. pic.twitter.com/eAqYvWsBHv
कुछ लोगों ने दीपिका के एक पुराने इंटरव्यू का छोटा सा हिस्सा वायरल करना शुरू कर दिया है जिसमें दीपिका कह रही हैं कि राहुल गाँधी युवाओं से कनेक्ट होते हैं और उन्हें भारत का प्रधानमंत्री बनना चाहिए।
Hopefully Rahul Gandhi will become prime minister of India one Day: @deepikapadukone [2011]
— BALA (@erbmjha) January 7, 2020
Oh Well! 😹🙏🙏 pic.twitter.com/ZHFOzHA6DK
अंजू शर्मा नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा है कि जो लोग भी जेएनयू के दंगाइयों के साथ खड़े हैं, उनका बॉयकाट किया जाना चाहिए।
We should boycott each of them, who are standing with JNU rioters..
— ANJU SHARMA (@AnjusharmaN) January 7, 2020
Really shame that these actors not supporting their own country but supporting them who raised भारत तेरे टुकडे होगे slogan... Shame#BoycottChhapaak@deepikapadukone
दीपिका के ख़िलाफ़ जैसे ही ट्रोल आर्मी ने #BycottDeepika ट्रेंड कराना शुरू किया, दूसरी ओर उनके इस क़दम का समर्थन करने वाले भी मैदान में आ गए और उन्होंने #ChhapakDekhoTapaakSe ट्रेंड कराना शुरू कर दिया।
वरिष्ठ पत्रकार कादिंबनी शर्मा ने ट्वीट किया कि ‘छपाक’ उस लड़की की कहानी है जिस पर एसिड अटैक हुआ। दीपिका फ़िल्म की सह प्रोड्यूसर भी हैं। बेटी बचाने, बेटी पढ़ाने के साथ-साथ बेटी के हिम्मत नहीं हारने की भी ज़रूरत है।
‘छपाक’ उस लड़की की कहानी है जिस पर एसिड अटैक हुआ। @deepikapadukone उसकी सह प्रोड्यूसर भी हैं।बेटी बचाने, बेटी पढ़ाने के साथ-साथ बेटी के हिम्मत नहीं हारने की भी ज़रूरत है। JNU में दीपिका का जाना हिम्मत की बात है और जो नौटंकी नेता/पत्रकार हैं उनकी छोड़िए और #ChhapakDekhoTapaakSe
— Kadambini Sharma (@SharmaKadambini) January 8, 2020
अतोशी नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा कि दीपिका बहादुर महिला है और बिना अपनी फ़िल्म की चिंता किए वह जेएनयू के छात्रों के समर्थन में उतरी हैं।
What a gutsy woman this Deepika is I tell you. SHE CAME OUT IN SUPPORT OF THE STUDENTS, NOT CARING ABOUT HOW HER FILM WILL DO TWO DAYS LATER.
— Atoshi (@Atoshiiiiii) January 7, 2020
THESE are the celebrities we want to celebrate. #ISupportDeepika #ChhapakDekhoTapaakSe pic.twitter.com/EMkcZyEfFG
मनोज बुद्धिष्ठ नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि वह अपने 25 दोस्तों के साथ छपाक फ़िल्म देखने जा रहे हैं।
I'm going with 25 friends to watch #Chhapaak.
— Manoj Buddhist (@Manoj_Buddhist) January 7, 2020
😍#ChhapakDekhoTapaakSe#isupportdeepika pic.twitter.com/HC2wT52YSx
वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर ने ट्वीट किया है कि फ़िल्म जगत से जुड़े 87 लोगों ने जेएनयू के छात्रों का साथ दिया है। इसमें दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, तापसी पन्नू से लेकर, सोनम कपूर, आयुष्यमान खुराना, मनोज वाजपेयी, फ़रहान अख़्तर और कई अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
अब तक 87
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) January 8, 2020
फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े वो लोग जिन्होंने छात्रों का साथ दिया है
-दीपिका पादुकोण
-आलिया भट्ट
-तापसी पन्नु
-सोनम कपूर
-आयुष्यमान खुराना
-राजकुमार राव
-मनोज वाजपेयी
-फ़रहान अख़तर
-विशाल भारद्वाज
-उर्मिला मातोंडकर
-रितेश देशमुख
पूरी लिस्ट @rohitkhilnani का थ्रेड👇 https://t.co/oDf2lNvtAE
अब सवाल यह है कि आख़िर दीपिका ने जेएनयू के छात्रों के समर्थन में पहुंचकर ऐसा क्या गुनाह कर दिया कि उन्हें जेहादी, टुकड़े-टुकड़े गैंग की समर्थक, देशद्रोही बताया जाने लगा। जेएनयू में नक़ाबपोशों ने किस तरह छात्रों और टीचर्स को पीटा, क्या यह उनके ख़िलाफ़ अभियान चलाने वाले लोगों ने नहीं देखा। जेएनयू के छात्र बस यही तो चाहते हैं कि उन्हें पीटने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई हो और अगर उन्हें फ़िल्म जगत से जुड़ी कोई हस्ती समर्थन देती है तो इसमें आख़िर परेशानी कहां है। पिछले कुछ सालों में यह ट्रेंड बन गया है कि जो भी जेएनयू के छात्रों के समर्थन में बोलेगा उसे टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थक, देशद्रोही, पाकिस्तानी बता दिया जाएगा। उससे कहा जाएगा कि वह खाता/खाती यहां का है और गाते/गाती पाकिस्तान का हैं।
दीपिका को ट्रोल करने वालों को यह समझना चाहिए कि जेएनयू में हुई बर्बरता की बात दुनिया भर तक पहुंची है। प्रतिष्ठित ब्रिटिश अख़बार ‘फ़ाइनेंशियल टाइम्स’ ने इस हिंसा की ख़बर की हेडिंग लिखी है - ‘दिल्ली की सेक्युलर यूनिवर्सिटी में राष्ट्रवादियों की भीड़ ने हिंसा की।’ नोबेल अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी इसे नात्सीवाद की गूंज बता चुके हैं। ऐसे में बजाय इसके कि जेएनयू में घुसकर 30 से ज़्यादा लोगों को बेरहमी से पीटने वालों के ख़िलाफ़ खड़े हुआ जाए, यह ‘भीड़’ अपने लिए न्याय माँगने वाले और उनका समर्थन करने वालों को ही देशद्रोही बताने और उनका बॉयकाट करने की अपील कर रही है। ऐसे में फ़ैसला अब जनता के ही हाथों में है।