चार निर्दलीयों ने दिया एनसी को समर्थन; कांग्रेस के सपोर्ट की ज़रूरत नहीं?
उमर अब्दुल्ला को जब गुरुवार को सर्वसम्मति से नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल का नेता चुना जा रहा था तब चार निर्दलीय विधायकों ने उनकी पार्टी को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी। इन चार निर्दलीयों के समर्थन के साथ ही अब एनसी के पास 46 विधायकों का समर्थन हो गया है। मौजूदा 90 सदस्यीय विधानसभा में यह बहुमत का आँकड़ा है। हालाँकि इसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा मनोनीत किए जाने वाले पांच विधायक शामिल नहीं हैं। इन मनोनयन के बाद बहुमत का आँकड़ा आगे बढ़ जाएगा।
चार निर्दलीय विधायकों द्वारा नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन दिए जाने के बाद कांग्रेस आगामी जम्मू-कश्मीर सरकार में जूनियर पार्टनर से अपेक्षाकृत कमज़ोर हो गई है। अब शुक्रवार को कांग्रेस समेत सहयोगी दलों के साथ बैठक के बाद उनके अगली सरकार बनाने का दावा पेश करने की संभावना है।
इंदरवाल, छंब, सुरनकोट और बानी सीटें जीतने वाल प्यारे लाल शर्मा, सतीश शर्मा, चौधरी मोहम्मद अकरम और डॉ. रामेश्वर सिंह ने गुरुवार को एनसी का समर्थन किया। इनके समर्थन के साथ ही एनसी के पास अब 46 सदस्यों का समर्थन है।
इसका एक मतलब यह भी है कि कश्मीर की पार्टी को अब शासन करने के लिए कांग्रेस के समर्थन की ज़रूरत नहीं है, जिससे पिछले एक दशक से पार्टी के सामने अस्तित्व का संकट और गहरा गया लगता है। हालाँकि, एनसी के पास बहुमत मामूली है और एक विधायक के भी इधर-उधर होने पर सरकार पर ख़तरा हो सकता है, इसलिए फिलहाल कांग्रेस के छह विधायकों का समर्थन भी उसके लिए ज़रूरी होगा।
एनसी ने मंगलवार को 42 सीटों और कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत दर्ज की है। जम्मू क्षेत्र में प्रभुत्व रखने वाली भारतीय जनता पार्टी ने 29 सीटें जीतीं। तीन अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन के बाद बीजेपी की संख्या 32 हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी तीन सीटें जीती हैं। इसके साथ ही पीडीपी के 'किंगमेकर' की भूमिका निभाने की कोई भी संभावना भी ख़त्म हो गई।
उमर विधायक दल के नेता चुने गए
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों की गुरुवार दोपहर बैठक हुई। बैठक के बाद एक और महत्वपूर्ण घोषणा की गई। उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया और वे जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को ही कह दिया था 'उमर अब्दुल्ला बनेगा मुख्यमंत्री'। उनकी यह घोषणा तब आई थी जब मतगणना रुझानों में एनसी-कांग्रेस गठबंधन बहुमत पाता हुआ दिख रहा था।
अब्दुल्ला ने उन्हें अपना नेता चुनने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस से समर्थन पत्र प्राप्त करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'चार निर्दलीय विधायकों ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन दिया है। अब नेशनल कॉन्फ्रेंस की संख्या 42 और चार निर्दलीय विधायक हैं। कांग्रेस से पत्र मिलने के बाद हम सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन जाएंगे।' ये चार निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा, रामेश्वर सिंह, प्यारे लाल शर्मा और चौधरी अकरम नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल की बैठक में शामिल हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अहसान परदेसी ने कहा कि एक अन्य निर्दलीय विधायक मुजफ्फर इकबाल खान के भी उनके साथ शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, 'हम उनके संपर्क में हैं, लेकिन वे आज नहीं आ सके।'