जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को सरेंडर करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हरिद्वार हेट स्पीच मामले में आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की अंतरिम जमानत खत्म कर दी और उन्हें अगले शुक्रवार तक सरेंडर करने को कहा है। आरोपी वसीम रिजवी को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी थी।
अदालत ने त्यागी को 17 मई को जमानत दी थी, जिसे बढ़ाया गया था। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने कहा, यह व्यक्ति वक्फ बोर्ड के कई मामलों में शामिल प्रतीत होता है। बता दें कि वसीम रिजवी ने पिछले साल 6 दिसंबर को सनातम धर्म अपनाकर 'हिंदू' घोषित कर दिया था।
पीठ ने कहा, आपके मुवक्किल को अपने खिलाफ मामलों पर नज़र रखने के लिए एक निजी सचिव को नियुक्त करना होगा। बेंच ने उत्तराखंड सरकार के चार्ट के जरिए कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में वसीम रिजवी और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की तारीख नोट करने के लिए वसीम रिजवी को एक निजी सचिव रखना होगा।
त्यागी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत को बताया कि इन मामलों में एक ही घटना को लेकर उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर शामिल हैं। त्यागी, जिन पर पिछले साल दिसंबर में आयोजित हरिद्वार धर्म संसद में अभद्र भाषा देने का आरोप है, ने मेडिकल आधार पर जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग की।
बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी 8 मार्च को उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करते हुए उनके खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा-
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चूंकि आप अंतरिम जमानत पर हैं, आप पहले आत्मसमर्पण करें, फिर हम हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आपकी अपील पर सुनवाई करेंगे।
-सुप्रीम कोर्ट, 29 अगस्त को
इस पर वसीम रिजवी के वकील लूथरा ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल की उम्र 51 साल है और एंजियोग्राफी करने वाले डॉक्टरों ने उन्हें एक महीने के आराम की सलाह दी है। इस पर कोर्ट ने कहा-
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उन्हें (त्यागी उर्फ वसीम रिजवी) बूढ़ा नहीं कहा जा सकता, वह सिर्फ 51 साल के हैं। अब लोग हिरासत से बचने के लिए मेडिकल आधार पर बाहर रहते हैं। आपके खिलाफ केस साल 1994 से हैं जब आप उम्र में छोटे थे। ऐसा नहीं हो सकता कि आप शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे, इसलिए आपके खिलाफ इतने मामले दर्ज किए गए।
-सुप्रीम कोर्ट, 29 अगस्त को
अपने आदेश में, पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता जिसकी मेडिकल जमानत आज समाप्त हो रही है, वह और विस्तार चाहता है। यह अदालत इच्छुक नहीं है। हम याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील को निर्देश देते हैं कि वह अपने मुवक्किल को शुक्रवार (2 सितंबर) तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दे। मामले को नौ सितंबर को सूचीबद्ध किया जाए।
त्यागी के साथ ही हरिद्वार कार्यक्रम के आयोजक गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के प्रधान पुजारी यती नरसिंहानंद को भी गिरफ्तार किया गया है. बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया और त्यागी ने इसी तरह की राहत पाने के लिए इस तथ्य का हवाला दिया।