18 दिनों में पीएम का दूसरा झारखंड दौरा, सोरेन ने क्यों लिखा खुला ख़त?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिनों में दूसरी दफा झारखंड दौरे पर आ रहे हैं। दो अक्टूबर को वे हजारीबाग में कई सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इनके अलावा वे हजारीबाग में ही बीजेपी की ‘परिवर्तन यात्रा महासभा’ को भी संबोधित करेंगे। इस बीच सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री के नाम एक खुला पत्र जारी किया है। इसके जरिए सोरेन ने कोयला कंपनियों पर राज्य सरकार का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाए के दावे के साथ कहा है कि झारखंड का यह हक कब मिलेगा?
हेमंत सोरेन का पक्ष है कि बकाया राशि नहीं मिलना राज्य के विकास में बाधक है। सोरेन ने इस मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि कोयला कंपनियों को बकाया राशि भुगतान का निर्देश दें, ताकि राज्य की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का काम प्रभावित नहीं हो। संसाधनों की कमी को पूर्ण करने के लिए यह भी यह राशि जरूरी है।
उनका कहना है कि यदि कोयला कंपनियों द्वारा राज्य के वैध बकाया का समय पर भुगतान कर दिया जाता है, तो झारखंड के लोग सामाजिक क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। ऐसा होने पर गरीबी से लड़ने और राज्य के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा करने में मदद मिलेगी।
हेमंत सोरेन ने बकाया राशि का भुगतान करने के लिए पीएम मोदी के सामने दो विकल्प रखे हैं। पहला, जब तक बकाया राशि का भुगतान किस्तों में नहीं हो जाता तब तक कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों को ब्याज राशि का भुगतान करना शुरू किया जाए। दूसरा, भारतीय रिजर्व बैंक में कोल इंडिया के खाते में जमा राशि से झारखंड राज्य को सीधे डेबिट कराया जाए। जैसा कि झारखंड राज्य बिजली बोर्ड के साथ डीवीसी के बकाया मामले में किया गया था।
हेमंत सोरेन के इस खुले पत्र को मीडिया में विज्ञापन के तौर पर जारी किए गए हैं। हालाँकि इससे पहले 23 सितंबर को इसी विषय पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था।
मंगलवार को ही हेमंत सोरेन ने एक्स पर इस बाबत पोस्ट किया है, “ये हक समस्त झारखंडियों का है। यह हमारी जमीन और मेहनत का पैसा है। इसे मांगने पर बिना किसी कारण मुझे जेल में डाला गया। कल (दो अक्टूबर), जब प्रधानमंत्री झारखंड में होंगे, तो मुझे पूर्ण आशा है कि वे हमारा हक लौटाएंगे।“
ये हक़ समस्त झारखंडियों का है। यह हमारे मेहनत, हमारे ज़मीन का पैसा है।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) October 1, 2024
इसे मांगने के कारण ही मुझे बिना किसी कारण जेल में डाला गया।
कल जब प्रधानमंत्री झारखंड में होंगे - तो मुझे पूर्ण आशा है की वे हमारा हक हमें लौटायेंगे pic.twitter.com/FS9jdFY6Co
झारखंड में नवंबर- दिसंबर में चुनाव संभावित है। हेमंत सोरेन यह मामला पहले भी उठाते रहे हैं, लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने इसे मुद्दे के तौर पर उछाल दिया है। हाल ही में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि अगर ये बकाया पैसा या उसका सूद भी मिल जाए, तो वे मुख्यमंत्री मईंयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रुपए की बजाय दो हजार रुपए देने लगेंगे।
जाहिर तौर पर हेमंत सोरेन का पत्र राजनीतिक गलियारों में चर्चा के केंद्र में है। पीएम के दौरे से पहले जेएमएम नेताओं के बीच प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। सरकार के मंत्री दीपक बिरूआ, विधायक कल्पना सोरेन समेत कई नेताओं ने एक्स पर पूछा है- झारखंड को कब मिलेगा उसका एक लाख 36 हजार करोड़?
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता डॉ. तनुज खत्री कहते हैं, “झारखंड के हक में यह निहायत जरूरी सवाल है और मुख्यमंत्री ने खुला पत्र सही समय पर जारी किया है। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय पीठ ने राज्य के पक्ष में फैसला दिया है, जिसमें स्पष्ट है कि खनन और रॉयल्टी शुल्क वसूलने का अधिकार राज्य को है। दूसरा महत्वपूर्ण है कि हमारी सरकार ने एक लाख 36 हजार करोड़ के बकाये के दावे को भी एकदम साफ कर दिया है कि कोयला रॉयल्टी के रूप में, पर्यावरण मंजूरी की सीमा उल्लंघन के लिए, सूद का, भूमि अधिग्रहण मुआवजे समेत किन नेचर की जमीनों के लिए कितना पैसा बकाया है। आखिर ये पैसे झारखंड को क्यों नहीं मिले।”
पीएम मोदी का दूसरा दौरा
गौरतलब है कि पंद्रह सिंतबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड दौरे पर आए थे। उस दिन उन्होंने जमशेदपुर में बीजेपी की परिवर्तन महारैली को भी संबोधित किया था। इस रैली में उन्होंने राज्य में जेएमएम- कांग्रेस की सरकार पर जोरदार हमले भी किए थे।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के रांची से छह वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के साथ 660 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की डिजिटल माध्यम से शुरुआत करते हुए राष्ट्र को समर्पित किया। इनके अलावा प्रधानमंत्री ने झारखंड के 32 हजार प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए।
दो अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हजारीबाग स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय परिसर में पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम योजना का शुभारंभ करेंगे। उनका आदिवासी समूह के प्रतिनिधियों से भी मिलने का क्रायक्रम है। इनके अलावा वे बीजेपी की परिवर्तन यात्रा महासभा को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी की इस महासभा को लेकर सबकी नजरें टिकी हैं।
दरअसल, झारखंड में बीजेपी ने 20 सितंबर से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की थी। साहिबंगज से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस यात्रा की शुरुआत की थी। इसी दिन साहिबगंज और झारखंडी धाम में गृह मंत्री ने सभा की थी। साथ ही दूसरे प्रदेशों के कई मुख्यमंत्री, आधे दर्जन केंद्रीय मंत्री और झारखंड बीजेपी के प्रमुख नेता विधानसभा क्षेत्रों में परिवर्तन यात्रा से जुड़ी सभा में शामिल होते रहे हैं।
इधर बीजेपी की परिवर्तन यात्रा शुरू होने के तीन दिन बाद 23 सितंबर से जेएमएम की विधायक कल्पना सोरेन ने मुख्यमंत्री मईंया सम्मान यात्रा की शुरुआत की है। इस यात्रा में उनके साथ सरकार की मंत्री बेबी देवी और दीपिका सिंह पांडेय भी शामिल होती रही हैं। हफ्ते भर के दौरान पलामू और कोल्हान में कल्पना सोरेन ने कम से कम 30 सभाएँ की हैं। जगह-जगह वे लोगों से संवाद भी करती रही हैं। राजनीतिक हलके में कल्पना सोरेन की इस यात्रा को बीजेपी की परिवर्तन यात्रा के जवाब के तौर पर भी देखा जा रहा है।
इधर पूर्व सांसद और बीजेपी की प्रदेश प्रवक्ता गीता कोड़ा कहती हैं, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा झारखंड का हित चाहते हैं और हर क्षेत्र में यहां की विकास को उन्होंने प्राथमिकता दी है। हेमंत सोरेन सरकार के जाने की घड़ी नजदीक है। इसलिए वे चीजों को और विषयों को दूसरी तरफ मोड़कर अपनी विफलता पर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। विज्ञापनों के माध्यम से खुला पत्र इसी का उदाहरण है।“