झारखंड में ऑपरेशन लोटस अभी अपने अंजाम तक नहीं पहुंचा है लेकिन उससे पहले हो रहे घटनाक्रम दिलचस्प हैं। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने असम सरकार के प्रवक्ता पीयूष हजारिका के कुछ वीडियो फुटेज के फोटो शेयर करते हुए कहा कि जिस कांग्रेस विधायक ने फर्जी एफआईआर लिखाई, वो खुद केंद्रीय मंत्री से मिला। लेकिन यह फोटो सामने आने से इस बात की भी पुष्टि हुई कि हिमंत बिस्वा सरमा कांग्रेस विधायक के साथ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ मिले थे। हालांकि इसे किसी यूनियन के संबंध में मुलाकात बताई गई थी।
सरमा ने मंगलवार को असम सरकार के प्रवक्ता पीयूष हजारिका का एक ट्वीट साझा किया, जिसमें उन्होंने झारखंड के विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह की केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ असम के मुख्यमंत्री से मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट कीं। हजारिका ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने एफआईआर से पांच दिन पहले जोशी से मिलने के लिए कांग्रेस विधायक को ट्रेड यूनियन से संबंधित मामले में मदद करने के लिए समय लिया था।
सरमा ने कहा कि कांग्रेस विधायक द्वारा दर्ज की गई एफआईआर कांग्रेस द्वारा ओट्टावियो क्वात्रोच्चि को बोफोर्स के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहने के समान थी। इतालवी व्यवसायी ओटावियो क्वात्रोची करोड़ों डॉलर के बोफोर्स घोटाले के केंद्र में थे। बोफोर्स कांड ने स्व. प्रधानमंत्री राजीव गांधी सहित कई भारतीय नेताओं के राजनीतिक करियर को प्रभावित किया था।
सरमा ने हजारिका के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा, झारखंड में फर्जी एफआईआर। तथाकथित एफआईआर @INCIndia जैसे लगता है कि ओट्टावियो क्वात्रोची को बोफोर्स के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कह रही है।
क्या है पूरा मामला
कुमार जयमंगल सिंह झारखंड में बेरमो से कांग्रेस विधायक हैं। उन्होंने एफआईआर कराई कि तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल ने उन्हें फोन करके कोलकाता आने को कहा। तीनों विधायकों ने उनसे यह भी कहा कि वहां से सब लोग गुवाहाटी में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से मिलने जाएंगे। वो उनकी मुलाकात सरमा से करा देंगे।
विधायक जयमंगल सिंह ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि उन्हें आश्वासन दिया गया कि जितने भी विधायक टूटकर आएंगे, उन्हें मंत्री बनाया जाएगा और हर विधायक को दस करोड़ रुपये भी मिलेंगे। ये नई सरकार झारखंड की मौजूदा सरकार को गिराने के बाद बीजेपी की मदद से बनाई जाएगी। विधायक ने कहा कि उन तीनों ने उनसे कहा कि असम के सीएम को दिल्ली के कुछ बड़े नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है, जिस वजह से मौजूदा झारखंड सरकार को गिराया जाना है।
अनूप सिंह के नाम से भी मशहूर इस कांग्रेस विधायक ने कहा कि वो भ्रष्टाचार के इस दलदल में नहीं फंसना चाहते हैं। इसलिए सरकार को डीसी के जरिए सूचित कर रहे हैं। ताकि ऐसा करप्शन करने वालों पर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने मांग की है कि तीनों विधायक इस समय कोलकाता में काफी बड़ी रकम के साथ मौजूद हैं।
विधायक कैश के साथ गिरफ्तार
विधायक, इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी को कोलकाता के पास बंगाल पुलिस ने उनके वाहन को रोक दिया था। एक टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी पर 'जामताड़ा विधायक' लिखा हुआ एक बोर्ड था। वो गाड़ी विधायक इरफान अंसारी की थी। इरफान अंसारी जामताड़ा से विधायक हैं। इन लोगों से बड़ी रकम बरामद होने के बाद इन्हें बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
वकील कैश के साथ गिरफ्तार
इसके बाद यह मामला अभी थमा नहीं था कि कोलकाता में झारखंड के वकील राजीव कुमार को बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनके पास से 50 लाख कैश बरामद हुआ। इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। राजीव कुमार वही वकील हैं, जिन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत कोर्ट में की थी और इसके बाद कोर्ट ने जांच का आदेश दिया था। ईडी वगैरह भी हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच कर रही है।
कांग्रेस ने झारखंड से जुड़े लोगों की इन गिरफ्तारियों और रकम बरामदगी को ऑपरेशन लोटस का हिस्सा बताया। कांग्रेस ने यह भी कहा कि यह ऑपरेशन असम के मुख्यमंत्री सरमा चला रहे हैं। हालांकि अब सरमा के खिलाफ शिकायत करने वाले कांग्रेस विधायक भी शक के दायरे में आ गए हैं। क्योंकि एक तरफ तो वो असम के सीएम के खिलाफ एफआईआऱ करा रहे थे, दूसरी तरफ वो उनसे मिल भी रहे थे। उनके साथ वो केंद्रीय मंत्री तक से मिले।