चंपई सोरेन ने राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के तुरंत बाद ही हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद झारखंड के सीएम चंपई सोरेन ने कहा, 'कुछ दिन पहले मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया और मुझे राज्य की जिम्मेदारी मिली। हेमंत सोरेन के वापस आने के बाद हमारे गठबंधन ने यह फैसला लिया और हमने हेमंत सोरेन को अपना नेता चुना। अब मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।' इससे पहले आज यानी बुधवार को दिन में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन ने हेमंत सोरेन को अपना नेता चुन लिया है।
हेमंत सोरेन ने जनवरी में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके तुरंत बाद उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। पिछले हफ्ते उन्हें जमानत मिल गई है। जेएमएम नेता ने सभी आरोपों से इनकार किया है। पिछले हफ्ते उन्हें जमानत देते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने कहा था कि यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि वे आरोप लगाए गए अपराध के दोषी नहीं हैं। इसी बीच बुधवार को इंडिया गठबंधन के विधायक दल की बैठक हुई।
बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और हेमंत सोरेन की पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन शामिल हुईं। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रम बुधवार को रद्द होने के बाद नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लगाई जा रही थीं। झारखंड में चुनाव अभी कुछ महीने दूर हैं और झामुमो हेमंत सोरेन को अपना चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने की सोच रहा है।
वैसे, रिपोर्ट है कि बुधवार की बैठक में सबकुछ ठीक नहीं रहा था। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी कि हेमंत सोरेन के पद छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन उन्हें बदलने के फ़ैसले से खुश नहीं हैं। एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि झामुमो विधायक दल की बैठक में चंपई सोरेन ने कहा था कि वे अपमानित महसूस कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इस बीच पार्टी ने आगे बढ़कर हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता घोषित कर दिया। चंपई सोरेन द्वारा इस्तीफा सौंपने के साथ ही हेमंत सोरेन के पदभार संभालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने बैठक में हेमंत सोरेन की वापसी पर सहमति बनाई।
बीजेपी अब राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले इसको मुद्दा बना सकती है। बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने बुधवार सुबह ही कहा था, 'झारखंड में चंपई सोरेन युग समाप्त, परिवारवादी पार्टी में परिवार के बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। काश आंदोलनकारी मुख्यमंत्री बिरसा भगवान से प्रेरित होकर भ्रष्टाचारी हेमंत सोरेन जी के खिलाफ खड़े हो पाते?'
बता दें कि हेमंत सोरेन क़रीब पााँच महीने जेल में रहने के बाद बाहर आए हैं। 31 जनवरी को गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। लगभग पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। हेमंत सोरेन पर 31 करोड़ रुपए से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप है।