जेईई मेन: कोरोना की वजह से जुलाई सत्र की परीक्षा स्थगित
कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात को देखते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीटी ने जेईई मेन जुलाई सत्र को स्थगित कर दिया है। इसकी नयी तारीख़ की घोषणा बाद में की जाएगी। इसके लिए जल्द ही प्रवेश पत्र जारी किए जाने वाले थे, लेकिन अब इस प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है।
इस स्थगन को लेकर डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट किया, 'वर्तमान कोरोना स्थिति को देखते हुए मैंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को जेईई (मेन) - 2021 अप्रैल सत्र को स्थगित करने की सलाह दी। मैं जोर देना चाहता हूँ कि फ़िलहाल हमारे छात्रों की सुरक्षा और उनके शैक्षणिक करियर शिक्षा मंत्रालय और मेरी प्रमुख चिंता का विषय हैं।'
📢 Announcement
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) April 18, 2021
Given the current #covid19 situation, I have advised @DG_NTA to postpone the JEE (Main) – 2021 April Session.
I would like to reiterate that safety of our students & their academic career are @EduMinOfIndia's and my prime concerns right now. pic.twitter.com/Pe3qC2hy8T
यह सत्र मूल रूप से 27 अप्रैल से 30 अप्रैल तक आयोजित होने वाला था।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए के एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, 'कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति के मद्देनज़र अभ्यर्थियों व परीक्षा के अधिकारियों की सुरक्षा व उनकी भलाई को ध्यान में रखते हुए जेईईई (मेन) अप्रैल सत्र को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।'
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि जेईई (मेन) की संशोधित तारीख़ों की घोषणा परीक्षा से कम से कम 15 दिन पहले की जाएगी।
2020 में कोरोना की वजह से शैक्षणिक गतिविधियाँ बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। लगभग सभी प्रवेश परीक्षाओं में देरी हुई और जेईई (मेन), जेईई (एडवांस्ड) और NEET सितंबर 2020 में आयोजित की गई थीं। चूँकि परीक्षाएँ उनकी निर्धारित समयसीमा के अनुसार आयोजित नहीं की गईं, इसलिए शैक्षणिक सत्र 2021-22 भी देर से शुरू हुआ।
आमतौर पर मई में आयोजित होने वाली जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा 3 जुलाई को आयोजित की जानी है और NEET-UG का आयोजन 1 अगस्त को किया जाना है।
संक्रमण के मामलों के बढ़ने के कारण ही सीबीएसई बोर्ड की 10वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है और 12वीं की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस मुद्दे को लेकर बुधवार को एक वर्चुअल बैठक हुई थी, जिसमें कई राज्यों के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और अहम अफ़सरों ने भाग लिया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि 10वीं कक्षा का रिजल्ट ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया के आधार पर तैयार किया जाएगा और इस क्राइटेरिया को सीबीएसई का बोर्ड तैयार करेगा। अगर कोई छात्र इस क्राइटेरिया के आधार पर दिए गए नंबरों से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे परीक्षाओं के लायक हालात बनने पर परीक्षा में बैठने का मौक़ा दिया जाएगा।
निशंक ने कहा कि 1 जून, 2021 को हालात की समीक्षा की जाएगी और इसके बाद अगर 12वीं की परीक्षा कराने वाले हालात बनते हैं तो परीक्षा शुरू करने से 15 दिन पहले छात्रों को नोटिस भेजा जाएगा।
बता दें कि यह फ़ैसला ऐसे वक़्त में लिया गया है जब कोरोना संक्रमण के फिर से रिकॉर्ड मामले आए हैं। शनिवार को एक दिन में 2 लाख 61 हज़ार 500 केस आए। इस दौरान 1501 मौतें हुईं। ये आँकड़े एक दिन पहले के आँकड़ों से कहीं ज़्यादा हैं। शुक्रवार को 2 लाख 34 हज़ार 692 केस आए थे और 1341 लोगों की मौत हुई थी। यह लगातार चौथा दिन है जब एक दिन में 2 लाख से ज़्यादा मामले आए हैं। संक्रमण के मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं। 14 अप्रैल को 2 लाख केस आए थे जो चौथे दिन बढ़कर 2 लाख 61 हज़ार से ज़्यादा हो गए।
संक्रमण कितनी तेज़ी से फैल रहा है यह इससे ही पता चलता है कि 4 अप्रैल को पहली बार एक दिन में 1 लाख से ज़्यादा केस आए थे और 14 अप्रैल को एक दिन में 2 लाख से ज़्यादा केस हो गए।
भारत में पिछले साल 30 जनवरी को पहली बार कोरोना संक्रमण का मामला आया था। हर रोज़ संक्रमण के मामले घटते-बढ़ते रहे, लेकिन पहली बार एक दिन में एक लाख से ज़्यादा केस आने में 1 साल दो महीने लगे। यानी क़रीब 425 दिन। हर रोज़ अब एक लाख से दो लाख के पहुँचने में सिर्फ़ दस दिन लगे। इस रफ़्तार से तो लगता है कि दो-तीन दिनों में संक्रमण के मामले तीन लाख से भी ज़्यादा आने लगेंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने रविवार सुबह जो शनिवार के आँकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार अब तक देश भर में 1 करोड़ 47 लाख 88 हज़ार से ज़्यादा मामले आ चुके हैं और 1 लाख 77 हज़ार 150 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में अब सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 18 लाख से ज़्यादा हो गई है। अब तक कुल 1 करोड़ 28 लाख लोग ठीक हो चुके हैं।