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जहांगीरपुरी हिंसाः कोर्ट की फटकार के बीच एक और 'मास्टरमाइंड' की खबर आई

जहांगीरपुरी हिंसाः कोर्ट की फटकार के बीच एक और 'मास्टरमाइंड' की खबर आई

जहांगीरपुरी हिंसा में दिल्ली पुलिस को अदालत की फटकार लगी तो दिल्ली पुलिस ने एक और मास्टरमाइंड को पकड़ने का दावा पेश कर दिया। लेकिन दिल्ली पुलिस उन आरोपियों पर खामोश है, जिन्होंने अवैध शोभायात्रा निकाली और जिस पर उसे कोर्ट से फटकार मिली।

दिल्ली पुलिस को जहांगीरपुरी हिंसा में अदालत की फटकार लगने की खबर मीडिया में आने के बाद चंद घंटों में पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने की खबर मीडिया को दी। दिल्ली पुलिस ने इससे पहले भी एक ही समुदाय के गिरफ्तार कई लोगों को मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड बताया था। शनिवार को गिरफ्तार किए गए जिस मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने की बात दिल्ली पुलिस ने रविवार को बताई है, उसका नाम तबरेज खान है। ये वो तबरेज खान है जो दिल्ली पुलिस की पीस कमेटी की बैठकों और पीस मार्च में भी हिस्सा लेता था। पुलिस ने जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को अवैध शोभायात्रा निकालने वालों में से किसी की गिरफ्तारी नहीं की है। 

जहांगीरपुरी हिंसा में दिल्ली पुलिस की नाकामी पर दिल्ली की एक अदालत ने तीखी टिप्पणियां की हैं। अदालत ने पूछा है कि शोभायात्रा को अनुमति के बिना कैसे निकलने दिया गया। अवैध शोभायात्रा की सुरक्षा में पुलिस क्यों चल रही थी। इस शोभायात्रा को निकलने देने के लिए जिम्मेदार अफसरों पर क्या कार्रवाई हुई। इस मामले में अभी तक एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई। अदालत ने इस सारे मामले की जांच का आदेश दिल्ली पुलिस को दिया है।

मीडिया में जब ये खबरें रविवार को प्रमुखता से चलने लगीं तो दिल्ली पुलिस ने मीडिया को बताया कि हमने हिंसा के मुख्य आरोपी तबरेज खान समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इससे पहले पुलिस अंसार को मुख्य आरोपी बता चुकी है। एक ही समुदाय के पांच लोगों पर एनएसए लगा चुकी है। अभी तक 36 लोग इस मामले में गिरफ्तार किए गए हैं। जिनमें मुस्लिम लोग सबसे ज्यादा हैं। 

अवैध शोभायात्रा के आयोजक कब गिरफ्तार होंगे

दिल्ली पुलिस ने अवैध शोभायात्रा के आयोजकों में से अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। इन लोगों से पुलिस ने जब पूछताछ की हिम्मत दिखाई तो विश्व हिन्दू परिषद की ओर से दिल्ली पुलिस को आंदोलन छेड़ने की धमकियां दी गईं। इसके बाद दिल्ली पुलिस पीछे हट गई। उसने इस मामले में जारी प्रेस नोट तक वापस ले लिया था। पुलिस के पास वो वीडियो सबूत भी मौजूद हैं, जिनमें कुछ लोगों को शोभायात्रा के दौरान पिस्तौल, तलवारें, चाकू और डंडे लहराते देखा गया। पुलिस उन आरोपियों को भी अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस के तमाम एक्शन उसे विवादास्पद बना रहे हैं। 

 - Satya Hindi

जहांगीरपुरी की शोभायात्रा में ऐसे दृश्य भी दिखे थे, पुलिस इन आरोपियों को आज तक नहीं पकड़ सकी है

कौन है तबरेज खान

दिल्ली पुलिस ने जिस तबरेज खान की गिरफ्तारी की सूचना रविवार को दी, उसके बारे में सोशल मीडिया पर लोग फोटो शेयर करके बता रहे हैं कि किस तरह वो पुलिस की पीस कमेटी की बैठक में शामिल रहता था, किस तरह उसने पुलिस अधिकारियों के साथ इलाके में पीस मार्च में हिस्सा लिया, किस तरह पीस कमेटी की ओर से मीडिया को संबोधित किया। तबरेज जहांगीरपुरी का सामाजिक कार्यकर्ता है। बीजेपी के नेताओं ने उसे कांग्रेस का आदमी ठहराने की कोशिश की लेकिन कांग्रेस ने इसका खंडन कर दिया है।

तमाम मीडिया द्वारा एक्सेस किए गए कुछ वीडियो और तस्वीरों में, तबरेज़ को पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) उत्तर पश्चिम, उषा रंगनानी के साथ 'तिरंगा यात्रा' में भाग लेते देखा जा सकता है। दिलचस्प बात यह है कि खान ने ही तिरंगा यात्रा करने के लिए दिल्ली पुलिस को एक पत्र लिखा था।

दिल्ली पुलिस ने किया बचाव

पुलिस अधिकारी के साथ तबरेज़ की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के तुरंत बाद, पुलिस ने कहा कि अमन कमेटी की एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें उस समय कई लोग जमा हुए थे और खान उनमें से एक हो सकता है। इस पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए पुलिस ने रविवार को एक प्रेस नोट में कहा, मीडिया में यह खबर प्रसारित की जा रही है कि तबरेज आलम नाम के एक आरोपी को अपराध शाखा दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी थाने के 16/04/22 के दंगा मामले में गिरफ्तार किया है।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि तबरेज़ पीएस जहांगीरपुरी की शांति अमन समिति के सदस्यों में से एक थे और 20 अप्रैल को जहांगीरपुरी इलाके में तिरंगा यात्रा के आयोजकों में से एक थे, ताकि सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश भेजा जा सके। क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति जो स्थानीय पुलिस से समान विचार के साथ संपर्क करता हैं, उसे अमन समिति से जोड़ा गया था। जांच कानून और व्यवस्था से स्वतंत्र है और यदि किसी की भूमिका स्थापित होती है। जांच के दौरान, इसे कानून के अनुसार निपटाया जाता है, भले ही उसने स्थानीय पुलिस को क्षेत्र में दंगों के बाद शांति और सद्भाव स्थापित करने में मदद की हो या अन्यथा।बहरहाल, इस स्पष्टीकरण के बावजूद, पुलिस के साथ खान की तस्वीरें और वह भी हिंसा के तुरंत बाद यह सवाल उठने लगा है कि पुलिस का खुफिया विभाग उस समय आरोपियों की पहचान करने में कैसे विफल रहा।

खान को शनिवार को दो अन्य लोगों जहीर खान उर्फ जलील और अनाबुल उर्फ शेख के साथ गिरफ्तार किया गया था।

  

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