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बिहार: उद्योग मंत्री समीर महासेठ के ठिकानों पर आईटी की छापेमारी

बिहार: उद्योग मंत्री समीर महासेठ के ठिकानों पर आईटी की छापेमारी

बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ के कई ठिकानों पर गुरुवार को आयकर विभाग ने छापेमारी की है। विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बना रही है।

बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ के कई ठिकानों पर गुरुवार को आयकर विभाग ने छापेमारी की है। सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग साकार बिल्डर के ठिकानों पर भी छापेमारी कर रहा है। साकार ग्रुप के प्रमोटर बिहार सरकार में मंत्री समीर महासेठ के रिश्तेदार बताए जाते हैं। समीर महासेठ बिहार सरकार में आरजेडी के कोटे से मंत्री हैं। 

सीबीआई की लगातार छापेमारी 

अगस्त में कथित रेलवे भर्ती घोटाले के मामले में आरजेडी के कई बड़े नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने छापेमारी की थी। आरजेडी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह और सुबोध राय, राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के पटना और फैयाज़ अहमद के मधुबनी स्थित आवास पर जांच एजेंसी ने छापा मारा था। ये तीनों ही नेता आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी हैं। 

छापेमारी पर सवाल उठाते हुए आरजेडी ने कहा था कि केंद्र सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। 

लालू परिवार पर शिकंजा 

पिछले महीने ही सीबीआई ने कथित रेलवे भर्ती घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट में कुल 16 लोगों के नाम हैं। इनमें लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का भी नाम शामिल है। 

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सीबीआई ने जुलाई में भी रेलवे भर्ती घोटाला मामले में लालू यादव के पूर्व ओएसडी भोला यादव को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि मई में आरजेडी प्रमुख लालू यादव के 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राज्यसभा सांसद और बेटी मीसा भारती के बिहार और दिल्ली में स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।

छत्तीसगढ़ में छापेमारी

अक्टूबर में जांच एजेंसी ईडी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी अफसरों, कांग्रेस नेताओं, और व्यवसायियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति की जांच के मामले में की गई थी। इस दौरान रायपुर, रायगढ़, महासमुंद, कोरबा और अन्य जिलों में कई ठिकानों को खंगाला गया था। 

ईडी, आईटी की छापेमारी

सितंबर में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। यह छापेमारी राजस्थान मध्याह्न भोजन कथित घोटाला मामले में की गई थी। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी ईडी लगातार दिल्ली-एनसीआर व कई शहरों में छापेमारी कर चुकी है। 

सीबीआई ने आबकारी नीति को लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाला था।

विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ईडी के सामने पेशी को लेकर भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर हमला बोला था।

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कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में शिवसेना के सांसद संजय राउत व उनके करीबियों के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई, एनसीपी के बड़े नेताओं पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में काफी बवाल हुआ था। 

एजेंसियों का गलत इस्तेमाल?

ऐसे में वही पुराना सवाल फिर से खड़ा हो जाता है कि क्या ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स का गलत इस्तेमाल हो रहा है। पिछले आठ सालों में जांच एजेंसियों की छापेमारी पर ढेरों सवाल उठे हैं कि क्यों ये एजेंसियां विपक्षी नेताओं, उनके रिश्तेदारों, करीबियों को धड़ाधड़ समन भेज रही हैं या उनके घरों-दफ़्तरों पर छापेमारी कर रही हैं।

विपक्षी नेता निशाने पर?

जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से विपक्षी नेताओं में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, शिवसेना नेता संजय राउत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रूजिरा नरूला बनर्जी, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार, सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा सहित कई और नेताओं और आम आदमी पार्टी के कई विधायकों को जांच एजेंसियों की ओर से समन भेजा जा चुका है या पूछताछ की जा चुकी है। 

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