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इसरो ने कहा, चंद्रयान-3 मिशन ने तीन में से दो उद्देश्य पूरे कर लिए हैं 

इसरो ने कहा, चंद्रयान-3 मिशन ने तीन में से दो उद्देश्य पूरे कर लिए हैं 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन या इसरो ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट लिख कर कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन ने अपने तीन उद्देश्यों में से दो को पूरा कर लिया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन या इसरो ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट लिख कर कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन ने अपने तीन उद्देश्यों में से दो को पूरा कर लिया है। इसने चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है। चंद्रमा पर रोवर के घूमने का उद्देश्य भी पूरा हो गया है। वहीं तीसरे उद्देश्य के तहत वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं। इसरो ने जानकारी दी है कि इसके सभी पेलोड सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं। 

वहीं इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि हम इस मिशन की कामयाबी पर बहुत खुश हैं।  इस वैज्ञानिक मिशन के अधिकांश उद्देश्य पूरे होने जा रहे हैं। सभी वैज्ञानिक डेटा बहुत अच्छे दिख रहे हैं। हम आने वाले 14 दिनों में चंद्रमा से डेटा प्राप्त करना जारी रखेंगे। हमें उम्मीद है कि ऐसा करते हुए हम विज्ञान में सफलता हासिल करेंगे। हम अगले 13-14 दिनों के लिए उत्साहित हैं। 

इसरो प्रमुख के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि जिन उद्देश्यों की खातिर इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को चांद पर भेजा है वह पूरा होता जा रहा है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में चांद से इसरो को कई अहम जानकारियां प्राप्त होंगी जो कि भविष्य में चांद से जुड़े मिशनों की राह को आसान बनाएगी वहीं अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारियां दूसरे ग्रहों और सूर्य से जुड़े मिशनों में भी काफी काम आएंगी। 

इसरो ने प्रज्ञान रोवर का दूसरा वीडियो जारी किया

शनिवार को इसरो ने सोशल मीडिया पर शिव-शक्ति पॉइंट (चांद पर लैंडर जिस जगह उतरा था) पर घूम रहे प्रज्ञान रोवर का दूसरा वीडियो जारी किया है। इसमें दिख रहा है कि चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर चल रहा है। वह लैंडर के आसपास चक्कर लगा रहा है। चांद पर लैंडर जिस जगह उतरा उसके आस-पास रोवर चक्कर लगा रहा है। इससे पहले इसरो ने 25 अगस्त को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर से बाहर निकलते हुए प्रज्ञान रोवर का वीडियो जारी किया था।

प्रज्ञान रोवर अगले 11 दिनों में लैंडर के आसपास आधा किमी घूमता रहेगा। यह एक सेमी प्रति सेकेंड की गति से चलता है और नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल कर अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करता है। इस दौरान वह चंद्रमा की कई महत्वपूर्ण जानकारियां इसरो के भेजेगा। इसरो अब तक चंद्रयान मिशन की 10 फोटो और 4 वीडियो सोशल मीडिया पर जारी कर चुका है। 

चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब रहा था भारत 

मिशन चंद्रयान-3 के तहत लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब रहा था। चांद पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है। इससे पहले अमेरिका, रूस, और चीन ही चांद तक पहुंच पाए थे। भारत के चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी इसलिए भी बेहद खास है कि भारत दुनिया का पहला देश है जो चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचा है। चांद के ध्रुवीय इलाके दूसरे इलाकों से काफी अलग है। यहां पर कुछ जगहें तो ऐसी है जहां पर सूर्य की रोशनी भी कभी नहीं पहुंचती है और रात में तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। इस इलाके के भूगोल को देखते हुए वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शायद यहां पर बर्फ के रूप में पानी मौजूद हो सकता है। 

अब 23 अगस्त को मनाया जाएगा अंतरिक्ष दिवस 

पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह इसरो के कमांड सेंटर में चंद्रयान-3 को चांद तक पहुंचाने वाले वैज्ञानिकों से मिले। यहां उन्होंने वैज्ञानिकों से मिलकर उनकी जमकर हौसला अफजाई की और कई घोषणाएं की है। पीएम मोदी ने कहा कि 23 अगस्त के दिन को अब हर वर्ष राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को तौर पर मनाया जाएगा। माना जा रहा है कि इस दिन को दिवस के तौर पर मनाने से अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में जागरुकता आएगी। इसके साथ ही इस दिन को देश की चांद तक पहुंच के दिन को तौर पर याद रखा जाएगा। 

प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा है कि चांद पर लैंडर जिस जगह उतरा है, उस जगह का नाम शिव-शक्ति प्वाइंट होगा। वहीं उन्होंने कहा है कि 2019 में जिस जगह पर चंद्रयान - 2 ने पदचिन्ह्र छोड़े थे वह जगह अब तिरंगा प्वाइंट के नाम से जानी जाएगी। 

इसरो अब भेजेगा गगनयान मिशन

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो अब आने वाले दिनों में गगनयान मिशन को अंतरिक्ष में भेजेगा। प्राप्त सूचना के मुताबिक अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में इस मिशन के तहत एक अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसको लेकर टेस्टिंग सफल रहने पर इसरो एक महिला रोबोट व्योममित्र को अंतरिक्ष में भेजने की योजना पर काम कर रहा है। व्योममित्र अंतरिक्ष में इंसानों जैसी गतिविधियां करेगी। इसके बाद इसरो अपना मानव मिशन भेजेगा। मानव मिशन को भेजने से पहले ये सारी गतिविधियां इसलिए की जाएंगी ताकि अंतरिक्ष यात्रियों को वापस धरती पर लाने में कोई परेशानी सामने नहीं आए और उन्हें सुरक्षित वापस लाया जा सके। 

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