द कश्मीर फाइल्स: इजरायली राजदूत बोले- ऑनलाइन हेट से हो रहा सामना
भारत में इजरायल के राजदूत नोर गिलोन ने शनिवार को बताया है कि उन्हें ऑनलाइन हेट का सामना करना पड़ रहा है। गिलोन ने कहा कि ऐसा इस वजह से हो रहा है क्योंकि उन्होंने आईएफएफआई के जूरी बोर्ड के हेड नादव लापिड के कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर दिए गए बयान की निंदा की थी।
लापिड ने सोमवार को 53वें आईएफएफआई के समापन समारोह में द कश्मीर फाइल्स फिल्म को वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बताया था। उनके बयान के बाद सोशल मीडिया और टीवी पर चर्चाओं का दौर तेज हो गया था।
गिलोन ने ट्विटर पर उन्हें भेजे गए एक संदेश का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया है। इस संदेश में लिखा है तुरंत भारत से बाहर निकलो। हिटलर एक महान व्यक्ति था।
गिलोन ने ट्वीट में लिखा है कि जिस शख्स ने उन्हें यह संदेश भेजा है, उसके प्रोफाइल के मुताबिक उसने पीएचडी की हुई है। उन्होंने लिखा है कि वह उसकी पहचान को जाहिर नहीं कर रहे हैं।
Just wanted to share one of a few DMs I got in this direction.
— Naor Gilon (@NaorGilon) December 3, 2022
According to his profile, the guy has a PhD🤔.
Even though he doesn’t deserve my protection, I decided to delete his identifying information. pic.twitter.com/cshJvnvVOF
इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया और बताया कि इस संदेश को ट्वीट करने के बाद उन्हें लोगों का काफी सपोर्ट मिला है। उन्होंने कहा कि अभी भी यहूदी-विरोधी भावनाएं मौजूद हैं, हमें संयुक्त रूप से इसका विरोध करने और सभ्य स्तर की चर्चा को बनाए रखने की जरूरत है।
क्या कहा था लापिड ने?
लापिड ने कहा था कि द कश्मीर फाइल्स से हम सभी परेशान और हैरान थे। यह एक प्रोपेगेंडा और वल्गर फिल्म की तरह लगी जो फिल्म फेस्टिवल की स्पर्धा में शामिल किए जाने लायक नहीं थी। जब उन्होंने यह बात कही, तब केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी मंच पर मौजूद थे।
लापिड को शर्मिंदा होना चाहिए
गिलोन ने इस बारे में ट्विटर पर कहा था कि लापिड को अपने इस बयान के लिए शर्मिंदा होना चाहिए। उन्होंने लिखा था कि भारत की सभ्यता में एक मेहमान को ईश्वर की तरह माना जाता है। लापिड ने जजों के पैनल की अध्यक्षता करने के लिए भारत के द्वारा दिए गए निमंत्रण और उन पर जताए गए भरोसे और सम्मान का दुरुपयोग किया है। उन्होंने लिखा था कि आप यह सोचकर इजरायल वापस जाएंगे कि आपने एक बोल्ड बयान दिया है लेकिन हम इजरायल के प्रतिनिधि के तौर पर यहां रहेंगे। उन्होंने लिखा था कि दोनों देशों के लोगों के बीच गहरी दोस्ती है और आपके द्वारा दिए गए बयान से इसे कोई नुकसान नहीं होगा।
नादव लापिड ने इसके बाद कहा था कि वह 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर दिए अपने बयान पर अडिग हैं। उन्होंने अपने पिछले बयान से एक क़दम आगे बढ़ते हुए कहा था कि 'किसी को तो बोलना पड़ेगा'। उन्होंने यहां तक कहा था कि उस फिल्म में 'फासीवादी विशेषताएं' हैं।
इजरायली मीडिया 'हारेत्ज़' के साथ एक साक्षात्कार में लापिड ने कहा था कि उन्हें पता चला है कि 'द कश्मीर फाइल्स' को 'राजनीतिक दबाव' के कारण फ़ेस्टिवल में शामिल किया गया था।