लेबनान में हमास नेता की हत्या के बाद हालात और बिगड़ने की आशंका
इजराइल ने मंगलवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में एक बिल्डिंग पर हमला किया, जिसमें हमास के डिप्टी लीडर सालेह अल अरुरी की मौत हो गई। लेबनान में उच्चस्तरीय सुरक्षा अधिकारी ने एएफपी को बताया कि इस हमले में सालेह के बॉडीगार्ड भी मारे गए। इस हमले में टारगेट की गई बिल्डिंग की दो मंजिलें और एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। लेबनानी मीडिया के मुताबिक बेरूत के दक्षिणी हिस्से की इस बिल्डिंग में हमास का दफ्तर था। लेबनान ईरान समर्थित हिजबुल्लाह संगठन का गढ़ है।
हमास टीवी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि इज़राइल ने बेरूत में सालेह को मार डाला है। लेबनानी मीडिया ने कहा कि हमले में कुल छह लोग मारे गए। इस हमले से यह आशंका बढ़ गई है कि लगभग तीन महीने से चल रहा इजराइल-हमास युद्ध अभी भी जारी रहेगा। क्योंकि हमास अब जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा। हिजबुल्लाह ने इस घटना के बाद बयान में कहा कि लेबनान की राजधानी पर हमला, जिसमें कम से कम छह लोग मारे गए, "इसकी सजा जरूर दी जाएगी।"
इस टारगेट हत्या के बड़े निहितार्थ हैं। लेबनान के साथ इजराइल की उत्तरी सीमा पर पहले से ही काफी गोलीबारी हो रही है, जो युद्ध बढ़ने के साथ और भी तेज हो गई है। हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह ने खुद कहा कि लेबनानी धरती पर किसी भी प्रतिरोध गुट के किसी भी समूह की टारगेट हत्या को बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसका जवाब दिया जाएगा।
#BREAKING
— HaniOnX (@HaniOnX) January 2, 2024
Hamas’s deputy leader abroad Saleh al-Arouri was killed in an Israeli drone strike in the Beirut suburb of Dahiyeh. Death toll stands at six as of now.pic.twitter.com/CkVh0mEJCopic.twitter.com/uQZQZ58u3C pic.twitter.com/AyPQxFHj8s
इस टारगेट हत्या के बाद इजराइल हाई अलर्ट पर है। इज़राइली अधिकारियों ने इज़राइली मीडिया से कहा कि वे किसी भी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं। यही कारण है कि वे अपना अलर्ट स्तर बढ़ा रहे हैं। यह प्रतिक्रिया विरोध प्रदर्शन से लेकर लंबी दूरी के रॉकेट हमले तक कुछ भी हो सकती है।
इजराइल-हमास युद्ध पर नजर रखने वाले अल जजीरा के विश्लेषकों ने कहा है कि हमास के उप नेता सालेह अल-अरुरी की हत्या संगठन के लिए एक "छोटा झटका" है। हालांकि अल-अरुरी को हमास के भीतर बहुत सम्मान दिया जाता था और उन्होंने हिज़्बुल्लाह, ईरान और हमास के बीच संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हमास जैसा संगठन ऐसे हमलों और नेताओं को खोने के लिए हमेशा तैयार रहता है और वे हर समय इसकी अपेक्षा में रहते हैं। हमास के जिन लड़ाकों को शहीद का सम्मान मिलता है, उनके परिवार भी गौरव महसूस करते हैं।
अल जजीरा पर विश्लेषकों ने कहा- “हमास और हिजबुल्लाह और उस जैसे समूह यह उम्मीद करते हुए बनाए गए हैं कि ये लोग शायद मारे जाएंगे। यह कहना अजीब बात है, लेकिन वे जानते हैं कि उनका सामना एक खूंखार दुश्मन से है, और वे दृढ़ संकल्पित हैं। वे मरने से नहीं डरते।'' हालांकि नेतन्याहू के इस कदम को इजराइल की जनता सख्त नापसंद कर रही है, क्योंकि नतीजे उन्हें ही भुगतने होंगे। बेशक अल-अरुरी की हत्या इज़राइल अपनी ओर से "सफलता" के रूप में प्रदर्शित करेगा और कर रहा है लेकिन युद्ध बढ़ने पर नुकसान इजराइल की जनता का होगा।
फ्रांस की प्रतिक्रियाः बेरूत में हमास के उप नेता की हत्या के बाद इमैनुएल मैक्रॉन ने बुधवार को इजराइली मंत्री बेनी गैंट्ज़ को फोन किया। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांसीसी राष्ट्रपति के कार्यालय ने इज़राइल से "विशेष रूप से लेबनान में किसी भी तनावपूर्ण रवैये से बचने" की सलाह दी है। मैक्रॉन ने गैंट्ज़ से यह भी कहा कि फ्रांस "ये संदेश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से क्षेत्र में शामिल सभी संगठनों को भेज रहा है।"
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने "स्थायी युद्धविराम" का आह्वान दोहराया और गजा में नागरिकों की बढ़ती मौत पर अपनी "गहरी चिंता" व्यक्त की।
इस बीच फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने क वीडियो जारी कर कहा कि दक्षिणी गजा पट्टी में राहत संगठन के मुख्यालय पर इज़राइली बलों के घातक हमले के बाद लोग दहशत में भाग रहे हैं। खान यूनिस में संगठन के मुख्यालय पर हुए दूसरे हमले में रेड क्रिसेंट इमारत में शरण लिए हुए एक नवजात शिशु सहित पांच नागरिक मारे गए। घायल हुए तीन अन्य लोगों में एक सोशल वर्कर भी शामिल था।
गजा फिलिस्तीन का ही हैः अमेरिका
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान जारी कर "इजराइली मंत्रियों स्मोट्रिच और बेन-ग्विर के भड़काऊ और गैर-जिम्मेदाराना बयानों" को खारिज कर दिया है। मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि "गजा से फिलिस्तीनियों का बड़े पैमाने पर विस्थापन नहीं होना चाहिए।" मिलर ने कहा, "हम स्पष्ट कर रहे हैं कि गजा फिलिस्तीनी भूमि है और फिलिस्तीनी भूमि ही रहेगी, हमास के पास अब इसके भविष्य का नियंत्रण नहीं है और कोई भी आतंकी समूह इजराइल को धमकी देने में सक्षम नहीं है।"
बहरहाल, करीब तीन महीने पहले शुरू हुए इस युद्ध में अमेरिका के कई चेहरे हैं और उसका हर बयान किसी खास मकसद के लिए होता है। अभी तक इजराइली हमले में गजा में करीब 22000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। जिनमें बच्चों और महिलाओं की संख्या ज्यादा है। करीब साढ़े चार लाख लोग विस्थापित हो गए हैं। गजा मलबों के ढेर में बदल चुका है। दुनिया के कई देशों ने इजराइल और वहां के प्रधानमंत्री को युद्ध अपराधी कहा है। इजराइल में भी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का विरोध बढ़ता जा रहा है।