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गाजा में इजराइली थल सेना का प्रवेश नहीं होगा आसान, पेश आयेंगी ये चुनौतियां 

गाजा में इजराइली थल सेना का प्रवेश नहीं होगा आसान, पेश आयेंगी ये चुनौतियां 

इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच यह खबर आ रही है कि इजराइल हवाई हमले के बाद अब गाजा में जमीनी सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इजराइली सेना इसके लिए तैयार है लेकिन सैन्य विश्लेषक मान रहे हैं कि यह इतना भी आसान नहीं होगा। 

इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच यह खबर आ रही है कि इजराइल हवाई हमले के बाद अब गाजा में जमीनी सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इजराइली सेना इसके लिए तैयार है लेकिन सैन्य विश्लेषक मान रहे हैं कि यह इतना भी आसान नहीं होगा। 

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट कहती है कि शनिवार को बड़े पैमाने पर आतंकी हमला करने वाले हमास से लड़ने के लिए इजरायली थल सेना दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले स्थानों में से एक गाजा पट्टी में प्रवेश करने के लिए तैयार है। 

इस आतंकी हमले में 1,200 से अधिक इजरायली मारे गए हैं जबकि इजरायली जवाबी हमले में 1,500 हमास लड़ाके मारे गए हैं। 

हमास के आतंकी हमले के बाद इजरायली जवाबी हवाई हमलों में गाजा पट्टी के कम से कम 1,300 निवासियों की मौत हो गई है। इजरायल के हवाई हमले में कई बड़ी इमारतें मलबे के ढेर में तब्दील हो चुकी हैं। 

गुरुवार को इजरायली सेना ने कहा है कि वह गाजा पट्टी में हमास पर जमीनी हमले के लिए तैयार है, लेकिन देश के राजनीतिक नेताओं ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। 

समाचार एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना के प्रवक्ता रिचर्ड हेचट ने पत्रकारों बातचीत में कहा है कि हम यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि हमारा राजनीतिक नेतृत्व संभावित जमीनी घुसपैठ के बारे में क्या निर्णय लेता है। 

सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि यदि इजरायली थल सेना गाजा पट्टी में हमलावर हेलीकॉप्टरों की हवाई सहायता के साथ घुसती है तो उसे भीषण प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा होने पर इस समुद्र तटीय क्षेत्र की संकरी गलियों में शहरी युद्ध का एक भयंकर रूप छिड़ जाएगा। 

यहां युद्ध छिड़ता है तो एक बड़ी आबादी से इजरायली थल सेना का सामना होगा। यह चुनौतिपूर्ण इसलिए भी है कि गाजा में प्रति वर्ग किलोमीटर 5,500 लोगों की भारी आबादी है। जबकि इसकी तुलना में इजराइल में प्रति वर्ग किमी 400 लोग रहते हैं। 

गाजा पट्टी में सामने आयेंगी ये सामरिक चुनौतियां 

एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इतनी बड़ी आबादी के लिए जगह की कमी के कारण गाजा पट्टी में इमारतें घनी खड़ी हैं। सड़कें संकरी हैं। बमबारी के बाद इमारतों से सड़क पर गिरे मलबे के कारण बख्तरबंद वाहन और टैंकों के लिए गाजा पट्टी में नेविगेट करना और भी मुश्किल हो जाएगा।

इजरायली सैनिकों के लिए गाजा में जमीनी हमला काफी जोखिम भरा हो सकता है। उनके लिए हमास समूह की इमारतों में प्रवेश करना, उसका सत्यापन करना और इलाके को साफ़ करना आसान नहीं होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा पट्टी की संकरी गलियों में अंधेरी खिड़कियों वाली ऊंची इमारतों के चक्रव्यूह में किसी भी दिशा से स्नाइपर हमले हो सकते हैं। 

सीरिया और यूक्रेन में युद्ध से पता चला है कि एक बड़े मशीनीकृत पैदल सेना बल को एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों और रॉकेट चालित ग्रेनेड का उपयोग करने वाली छोटी टीमों द्वारा बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया जा सकता है। 

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हेलीकॉप्टरों के साथ इस सैन्य अभियान में थल सैनिकों को शामिल करना जोखिम भरा होगा क्योंकि हमास के पास मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम हो सकता है। 

यदि सैन्य-परिवहन हेलीकॉप्टर बहुत नीचे उड़ते हैं तो उनके लिए यह खतरनाक हो सकता है। 1993 में मोगादिशू की लड़ाई में घनी आबादी वाले सोमालियाई शहर के ऊपर कम और तेजी से उड़ान भरते समय दो अमेरिकी हेलीकॉप्टरों को मार गिराया गया था, इस घटना को मीडिया में "ब्लैक हॉक डाउन" के रूप में जाना जाता है। 

बड़ी संख्या में आम नागरिक हताहत हो सकते हैं

वहीं अगर इजरायली सैनिक गाजा पट्टी में चौतरफा हमले के लिए प्रवेश करते हैं तो बड़ी संख्या में आम नागरिक हताहत हो सकते हैं। आम लोगों की जान कम से कम जाए इसे सुनिश्चत करना एक बड़ी चुनौती होगी। 

एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि लंबे समय से अवरुद्ध गाजा के निवासी 15 वर्षों में पांचवें युद्ध को झेल रहे है। इस युद्ध के कारण गाजा के 24 लाख निवासियों के बीच भय बढ़ गया है। गाजा में इजरायल ने पानी, भोजन और बिजली की आपूर्ति भी बंद कर दी है।  

गाजा के निवासियों के लिए चिंता की बात इसलिए भी है कि इजरायली ऊर्जा मंत्री काट्ज़ ने कसम खाई है कि गाजा की पूर्ण घेराबंदी तब तक जारी रहेगी जब तक कि लगभग 150 इजरायली बंधकों को मुक्त नहीं कर दिया जाता।

उन्होंने एक बयान में कहा है कि गाजा को मानवीय सहायता, कोई बिजली का स्विच चालू नहीं किया जाएगा, कोई पानी का नल नहीं खोला जाएगा और जब तक इजरायली अपहृतों की घर वापसी नहीं हो जाती, तब तक कोई ईंधन ट्रक प्रवेश नहीं करेगा।   

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