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इज़राइल ने संयुक्त राष्ट्र पर लगाया हमास का समर्थन करने का आरोप

इज़राइल ने संयुक्त राष्ट्र पर लगाया हमास का समर्थन करने का आरोप

इज़राइल-हमास युद्ध को लेकर आख़िर संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा है कि इज़राइल उसको हमास का समर्थक होने का आरोप लगा दिया?

इज़राइल-हमास के बीच युद्ध के दो महीने हो चुके हैं और अभी भी युद्ध जारी है। 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इज़राइल पर हमले के बाद से इज़राइल लगातार ग़ज़ा में बमबारी कर रहा है। इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र इसे बड़ा मानवीय संकट बता रहा है। युद्ध को लेकर इसकी ऐसी टिप्पणियों के बीच ही इज़राइल ने आरोप लगाया है कि संयुक्त राष्ट्र हमास का समर्थन कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इज़राइल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से 1.87 मिलियन लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। यह संख्या ग़ज़ा की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी है। जैसे-जैसे युद्ध बढ़ता जा रहा है, दक्षिणी ग़ज़ा में इजराइल के बढ़ते हवाई और जमीनी हमले ने हज़ारों फिलिस्तीनियों को विस्थापित कर दिया है। इज़राइल ने आरोप लगाया है कि संयुक्त राष्ट्र उनके हमले के लिए हमास आतंकवादियों की निंदा करने में विफल रहा है।

टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस पर हमास आतंकी समूह का समर्थन करने का आरोप लगाया है और उनके इस्तीफे की मांग की है। कोहेन ने यह भी कहा कि गुटेरेस का कार्यकाल विश्व शांति के लिए ख़तरा रहा। उनकी यह प्रतिक्रिया संयुक्त राष्ट्र प्रमुख द्वारा युद्ध में तत्काल युद्धविराम का आग्रह करने और सुरक्षा परिषद के हस्तक्षेप का आग्रह करने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर में एक दुर्लभ अनुच्छेद के इस्तेमाल करने के बाद आयी है।

कोहेन ने कहा कि ग़ज़ा में दो महीने के युद्ध में युद्धविराम के लिए गुटेरेस का आह्वान फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन के लिए समर्थन है और यह बुजुर्गों की हत्या, बच्चों के अपहरण और औरतों के बलात्कार का समर्थन है।

गुटेरेस ने बार-बार युद्धविराम का आह्वान किया है। उन्होंने 2017 में संयुक्त राष्ट्र का नेतृत्व संभालने के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 99 के तहत 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद को लिखा। यह 1989 के बाद पहली बार है जब किसी महासचिव ने इसका उपयोग किया है। 

यह अनुच्छेद महासचिव को किसी भी ऐसे मामले को सुरक्षा परिषद के ध्यान में लाने की अनुमति देता है जिसके बारे में उनका मानना है कि इससे अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को ख़तरा है।

इधर, इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने घोषणा की है कि सुरक्षा कैबिनेट ने ग़ज़ा पट्टी में अनुमति दी गई ईंधन की दैनिक मात्रा को बढ़ाने का फ़ैसला किया है। कथित तौर पर अमेरिकी दबाव के बाद सुरक्षा कैबिनेट बुलाई गई थी, जिसमें वाशिंगटन ने मांग की थी कि 60,000 लीटर ईंधन की दैनिक डिलीवरी दोगुनी या तिगुनी कर दी जाए।

तुर्की के राष्ट्रपति रचप तैयप अर्दवान ने इज़राइल को चेतावनी दी है कि अगर देश तुर्की की धरती पर हमास के अधिकारियों पर हमला करने की धमकी के साथ आगे बढ़ा तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अर्दवान ने यह भी कहा कि उनके देश ने ग़ज़ा में कथित युद्ध अपराधों के लिए इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य अधिकारियों पर मुक़दमा चलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में याचिका दायर की है।

बता दें कि 7 अक्टूबर के हमले में इज़राइल में 1400 लोग मारे गए थे। हमास द्वारा संचालित ग़जा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दो महीने पहले इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 16,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। 42,000 से अधिक घायल हुए हैं। इसमें कहा गया है कि मरने वालों में 6,000 से अधिक बच्चे और 4,000 से अधिक महिलाएं शामिल हैं।

एक बयान में मंत्रालय ने यह भी कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि इजराइल और हमास के बीच एक सप्ताह का संघर्ष विराम 1 दिसंबर को टूटने के बाद से मौतों में तेज वृद्धि हुई है। इसमें कहा गया है कि शुक्रवार को लड़ाई फिर से शुरू होने के बाद से 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।

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