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इज़राइल ने कहा-लोग ग़ज़ा छोड़ दें; यूएन ने चेताया- विनाशकारी नतीजे होंगे

इज़राइल ने कहा-लोग ग़ज़ा छोड़ दें; यूएन ने चेताया- विनाशकारी नतीजे होंगे

हमास- इज़राइल युद्ध के बीच अब क्या यह मानवीय संकट और भी बढ़ेगा? जानिए, इज़राइल ने सभी ग़ज़ावासियों को ग़ज़ा छोड़ने को क्यों कहा और इसका क्या असर होगा।

हमास और इज़राइल के बीच संकट और गहराने की आशंका है। इज़राइल के एक फ़ैसले से स्थिति ख़राब होने के आसार हैं। इज़राइली सेना ने संभावित जमीनी आक्रमण की तैयारी की है। इसने शुक्रवार को उत्तरी गाजा को 24 घंटे के भीतर खाली करने का आदेश दिया है। इसने कहा है कि ग़जावासी वह जगह खाली कर दें ताकि वह 'आतंकियों' के ख़िलाफ़ कार्रवाई करे। इस क्षेत्र में 11 लाख लोगों का घर है। इज़राइल के इस फ़ैसले पर संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा है कि इस आदेश के विनाशकारी नतीजे होंगे, विनाशकारी नतीजे के बिना यह असंभव है। 

इज़राइली सेना ने कहा है कि ग़ज़ावासियों को हटाने का उनका आदेश ग़ज़ा शहर के नीचे सुरंगों में छिपे हमास के लोगों की वजह से दिया गया है। इजराइली रक्षा बल ने एक बयान में कहा है कि 'ग़ज़ा के निवासी अपनी और अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए दक्षिण की ओर चले जाएं। हमास आतंकवादियों से दूरी बनाएं जो आपको मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हैं। आईडीएफ आने वाले दिनों में ग़ज़ा शहर में महत्वपूर्ण रूप से काम करना जारी रखेगा, और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहता है।' 

सेना ने ग़ज़ावासियों को इजराइल के साथ लगाए गए बाड़ाबंदी वाले क्षेत्र में नहीं जाने का भी आदेश दिया। इसमें कहा गया है कि यह आदेश संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों और ग़ज़ा में स्कूलों और क्लीनिकों जैसी संयुक्त राष्ट्र सुविधाओं में आश्रय प्राप्त लोगों पर भी लागू होगा। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा है कि विनाशकारी मानवीय परिणामों के बिना इज़राइल के इस आदेश को लागू करना असंभव है। 

इधर, हमास ने इज़राइल के इस आदेश को प्रोपेगेंडा क़रार दिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि हमास ने आदेश को फेक प्रोपेगेंडा करार बताया और नागरिकों से इसके झाँसे में न आने को कहा। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी यानी यूएनआरडब्ल्यूए ने कहा है कि उसने अपने केंद्रीय संचालन केंद्र और अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों को ग़ज़ा के दक्षिण में भेज दिया है, और इज़राइल से अपने आश्रयों में सभी नागरिकों की रक्षा करने का भी आग्रह किया है।

इज़राइल का यह फ़ैसला ऐसे वक़्त में आया है जब शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को तेल अवीव का दौरा किया और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अपने देश के समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, 'मैं अपने साथ जो संदेश लेकर आया हूं वह यह है: आप अपनी रक्षा करने के लिए अपने आप में काफी मजबूत हो सकते हैं, लेकिन जब तक अमेरिका मौजूद है, आपको ऐसा कभी नहीं करना पड़ेगा।'

इज़राइल ने कहा है कि इसने उन्हें गोलियों से छलनी बच्चे और सैनिकों के कटे हुए सिर वाली भयावह तस्वीरें दिखाई गईं। अमेरिका ने इजराइल में कम से कम 22 अमेरिकियों की मौत की पुष्टि की है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर को इजरायली समुदायों पर घातक हमले के बाद हमास को नष्ट करने की कसम खाई है। हालाँकि, ग़ज़ा मानवीय तबाही के कगार पर है क्योंकि मरने वालों की संख्या 1,500 से अधिक हो गई है। इसके अलावा वहाँ महत्वपूर्ण आपूर्ति कम हो गई है। रिपोर्ट है कि क़रीब 1,300 इजराइली लोग भी मारे गए। 

ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने चेतावनी दी है कि अगर इज़राइल ने अपनी बमबारी बंद नहीं की, तो युद्ध 'अन्य मोर्चों' पर खुल सकता है। ईरान हमास के हमलों में शामिल होने से इनकार करता है। 

इस बीच इज़राइल ने गुरुवार शाम को सीरिया के दो एयरपोर्टों को निशाना बनाया है। सीरिया के सरकारी टेलीविजन ने ही यह दावा किया है। उसने कहा है कि इज़राइल ने गुरुवार को राजधानी दमिश्क और उत्तरी शहर अलेप्पो में मुख्य हवाई अड्डों पर हमले किए। इस हमले के जवाब में सीरिया ने एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया है। कुछ रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि ईरान के विदेश मंत्री का विमान दमिश्क में कुछ समय बाद ही उतरनेवाला था, उससे पहले ही वहाँ बमबारी कर रनवे नष्ट कर दिया गया।

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