इजराइल-हमास युद्ध 7 अक्टूबर को शुरू हुआ था। नुकसान में गजा और फिलिस्तीनी रहे। लेकिन कुर्सी इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की हिल रही है। इजराइली मीडिया पूरी ईमानदारी से नेतन्याहू से लगातार सवाल पूछ रहा है कि हमास के हमले की ज़िम्मेदारी क्या वो स्वीकार करेंगे। पिछले हफ्ते उनसे यह सवाल सीधा ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया। उन्होंने कहा कि हर्गिज नहीं। उन्होंने इस सवाल को भी खारिज कर दिया कि वो इस्तीफा देने वाले हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि जब हमास के साथ युद्ध समाप्त हो जाएगा तो सभी को कठिन सवालों का जवाब देना होगा। एक हफ्ते में इजराइल की जनता का मूड बदल गया। रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, इजराइल का एक बड़ा बहुमत उन्हें दोषी ठहरा रहा है। उनकी कैबिनेट का कोई मंत्री जब अपनी कार से बाहर निकलता है तो लोग सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार तक करते हैं। लोगों में गुस्सा है।
रॉयटर्स ने इजराइल के मारीव अखबार के हवाले से बताया कि 18-19 अक्टूबर को मारीव के सर्वेक्षण से पता चला कि पूर्व रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ को 48 फीसदी लोगों ने देश के अगले पीएम के रूप में पसंद किया है जबकि नेतन्याहू सिर्फ 28 फीसदी लोगों की पसंद हैं। बता दें कि बेनी गैंट्ज़ इस समय इजराइल की वॉर कैबिनेट में भी हैं। इजराइल में इस समय विपक्ष और नेतन्याहू की पार्टी की मिली-जुली सरकार चल रही है। वहां के संविधान का नियम है कि जब भी इजराइल युद्ध में जाता है तो वहां फौरन विपक्ष भी वॉर कैबिनेट के जरिए सत्ता में आ जाता है।
रॉयटर्स के मुताबिक इजराइली दैनिक अखबार इज़राइल हयोम ने इस सप्ताह एक संपादकीय में लिखा, "नेतन्याहू जाने वाले हैं। उसने शीर्ष सैन्य, खुफिया और जीएसएस (खुफिया सेवा) अधिकारियों के हवाले से लिखा- क्योंकि वे नाकाम रहे।" हालांकि इसी बात को हारेत्ज अखबार काफी समय पहले से ही लिख रहा था। लेकिन हयोम और मारीव इजराइल में तटस्थ अखबार माने जाते हैं।
यूएस ने क्यों दी सफाईः व्हाइट हाउस ने बुधवार देर रात एक खंडन जारी किया। जिसमें उसने कहा कि यह सूचना गलत है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके सहयोगियों का मानना है कि बेंजामिन नेतन्याहू के अधिक समय तक इज़राइल के प्रधानमंत्री बने रहने की संभावना नहीं है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा- “यह सूचना पूरी तरह गलत है। इस विषय पर राष्ट्रपति द्वारा चर्चा नहीं की गई है और न ही चर्चा की जा रही है। हमारा इस संकट पर है।
दरअसल, इस खंडन के पीछे की कहानी दिलचस्प है। अमेरिका की प्रमुख पत्रिका पोलिटिको ने बुधवार को दो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट छापी थी। पोलिटिको की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाइडेन ने इस मामले पर चर्चा की थी और पिछले महीने इज़राइल की अपनी युद्धकालीन यात्रा के दौरान नेतन्याहू से भी उत्तराधिकारी वाले मामले पर बात की थी। बाइडेन ने प्रधानमंत्री को उन सबक पर विचार करने की सलाह दी थी जो उन्होंने नेतन्याहू से साझा किया था। बाइडेन के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि बाइडेन प्रशासन को यह भी डर है कि नेतन्याहू अपने राजनीतिक भविष्य को युद्ध से जोड़ सकते हैं, उनके कार्यों को प्रभावित कर सकते हैं।
एक तीसरे अमेरिकी अधिकारी ने पोलिटिको को बताया कि बाइडेन प्रशासन के भीतर यह उम्मीद यह है कि नेतन्याहू केवल कुछ और महीनों तक या शायद गजा में इज़राइल के ऑपरेशन के पहले चरण के खत्म होने तक सत्ता में बने रह पाएंगे।
पोलिटिको के मुताबिक अमेरिका ने नेतन्याहू के बाद के संभावित परिदृश्य पर विचार करना शुरू कर दिया है। एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने पोलिटिको को बताया कि प्रशासन ने नेशनल यूनिटी पार्टी के अध्यक्ष बेनी गैंट्ज़ सहित अन्य शीर्ष इजराइली हस्तियों के साथ बातचीत की है, जो युद्ध के फैलने के बाद सरकार में शामिल हुए थे। इनमें विपक्षी नेता यायर लैपिड और पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट भी शामिल हैं।
बहरहाल, इजराइल में हवा कुछ और बह रही है। इजराइल मिलिट्री इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख मेजर-जनरल अमोस मल्का ने गुरुवार सुबह हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध में प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आचरण की आलोचना की। मल्का ने कहा- "इस समय युद्ध के संचालन में उनके फैसले गलत है और दोषारोपण और खुद को जिम्मेदारी से बचाने के लिए वो किसी अलग योजना की ओर जा रहे हैं।"
जेरुशलम पोस्ट के मुताबिक 103FM से बात करते हुए, मल्का ने कहा, "आईडीएफ के ऑपरेशन के दौरान तीन घंटे मैंने देखा कि उनका (नेतन्याहू) ध्यान लड़ाई के ऑपरेशन पर नहीं है। उसका ध्यान खुद की कुर्सी बचाने पर है। अगर उनके पास युद्ध के दूसरे और तीसरे दिन लड़ाई पर सोचने की बजाय इस बात पर ध्यान है कि युद्ध के बाद एक जांच आयोग बनेगा, जो उनकी सरकार बनाएगी या वॉर कैबिनेट बनाएगी तो समझा जा सकता है कि वो किस तरह सोचते हैं। उनको ये सब ट्वीट करने का समय कैसे मिल गया, जो देश युद्ध लड़ रहा है।"
पूर्व सैन्य खुफिया अधिकारी मल्का ने कहा- "उनकी (नेतन्याहू) सारी ऊर्जा युद्ध पर केंद्रित नहीं है। अगर यह सब युद्ध पर केंद्रित होता, तो हम वही देखते जो हम आईडीएफ नेताओं और शिन बेट [इज़राइल सुरक्षा एजेंसी] के बयानों में देखते हैं। आईडीएफ ने कहा था कि वे साहस और ईमानदारी के साथ जो हुआ उसकी जांच बाद में करेंगे, लेकिन अभी वे विशेष रूप से युद्ध के संचालन में लगे हुए हैं और यह हमारी 'जिम्मेदारी' है। जिम्मेदारी ऐसा शब्द हो जो इस समय जरूशलम से कुछ हद तक गायब हो गया है।" यानी उनका इशारा यह है कि हमास के हमले की जिम्मेदारी नेतन्याहू खुद पर न लेकर वॉर कैबिनेट पर डालना चाहते हैं, जबकि वॉर कैबिनेट युद्ध घोषित होने के बाद बनी थी।
27वें दिन के अपडेट
इजराइल हमास युद्ध को गुरुवार को 27वां दिन है। अल जजीरा के मुताबिक उत्तरी गजा और गजा शहर में इजराइली बलों और फिलिस्तीनी लड़ाकों के बीच भीषण लड़ाई की खबर है, क्योंकि घिरे हुए इलाके में बमबारी तेज हो गई है। इजराइल ने अपने 17 सैनिक मारे जाने की पुष्टि की है। 7 अक्टूबर से गजा पर इजराइली हमलों में कम से कम 9,061 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इजराइल में हमास के हमले में 1,400 से अधिक लोग पहले दिन मारे गए थे। गजा अधिकारियों का कहना है कि जबालिया शरणार्थी शिविर पर इजराइल की बमबारी में 195 लोग मारे गए, 120 लापता हैं।
हॉलीवुड एक्ट्रेस एंजेलिना जोली
मशहूर अमेरिकी एक्ट्रेस और यूएनएचसीआर की विशेष दूत एंजेलिना जोली ने "घिरी हुई आबादी पर जानबूझकर बमबारी करने" के लिए इज़राइल की आलोचना की है। जोली ने बुधवार को इंस्टाग्राम पर लिखा- “गजा लगभग दो दशकों से एक खुली जेल रही है और अब तेजी से एक सामूहिक कब्र बनती जा रही है। मरने वालों में 40 फीसदी मासूम बच्चे हैं। पूरे परिवारों की हत्या की जा रही है।''
उन्होंने लिखा है- "जबकि दुनिया देख रही है और कई सरकारों के सक्रिय समर्थन से, लाखों फिलिस्तीनी नागरिकों - बच्चों, महिलाओं, परिवारों - को सामूहिक रूप से दंडित किया जा रहा है। सब कुछ अमानवीय है। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ जाकर उन्हें भोजन, दवा और मानवीय सहायता से वंचित किया जा रहा है। युद्धविराम की मांग से इनकार करके और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को दोनों पक्षों पर इसे लागू करने से रोककर, विश्व नेता इन अपराधों में भागीदार हैं।"