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इरफान ने कहा था- एक्टर जन्मजात नहीं पैदा होते

इरफान ने कहा था- एक्टर जन्मजात नहीं पैदा होते

इरफान खान का आज जन्मदिन है। बॉलीवुड से लेकर हॉलिवुड तक उनको याद किया जा रहा है कि आज इरफान होते तो अपना 55वां जन्मदिन मना रहे होते। जाने-माने फिल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज ने इरफान पर एक किताब लिखी है, ढेरों इंटरव्यू किए हैं। उसी पर आधारित है यह लेखः

बॉलीवुड के मशहूर दिवंगत अभिनेता इरफान खान का आज जन्मदिन है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले इस दिग्गज अभिनेता ने 53 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा था। आज अगर इरफान खान जिंदा होते तो अपने फैन्स के बीच अपना 55वां जन्मदिन मना रहे होते। इरफान खान ने कमर्शल सिनेमा में खूब नाम कमाया लेकिन उनके दिल की पहली पसंद हमेशा आर्ट सिनेमा ही रहा।

मशहूर फिल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज ने इरफान पर किताब लिखी है - इरफानः कुछ पन्ने कोरे रह गए। इस किताब में अजय ने इरफान की जिन्दगी के तमाम अनछुए पहलुओं पर रोशनी डाली है। आज इरफान खान को याद करते हुए उस किताब से कुछ चीजों को इस लेख में पेश किया जा रहा है।

अजय ने लिखा है कि किसी कलाकार के घर इरफान और उनकी पत्नी से मुलाकात हुई, उस समय वे लोग एनएसडी से नए-नए आए थे। अजय की पत्रकारिता जारी रही और इरफान और उनकी पत्नी सुतापा से मुलाकातें जारी रहीं। धीरे-धीरे इरफान को सफलता मिल रही थी और अजय से मुलाकातें भी बढ़ रही थीं। फिर एक दिन इरफान इंटरनेशनल स्टार बन गए। हॉलीवुड की फिल्मों में काम मिलने लगा। 

 - Satya Hindi

इरफान एक फिल्म ट्रॉफी के साथ।

अजय ने लिखा है - इरफान से हर मुलाकात आधी-अधूरी होती थी। कभी फुर्सत, कभी जल्दबाजी और कभी औपचारिक तो कभी बेहद आत्मीय मुलाकातों में इरफ़ान अपनी खुशी, चिंता, फिक्र और सोच बांटते रहे। छोटी-बड़ी हर मुलाकात में उनका सोशल और पर्सनल कंसर्न बरकरार रहता था। हल्की और निरर्थक बातें करना उनके स्वभाव में नहीं था। हंसी-मजाक, निंदा-आलोचना के सेशन भी हुए, लेकिन हर बार बेहतरी की उम्मीद के साथ बात खत्म होती थी। खाने-खिलाने के शौकीन इरफ़ान मेरी सेहत को लेकर हमेशा जिज्ञासु रहते थे। हिदायतें देते थे। उन्होंने तो डायबिटीज के कुछ घरेलू उपचार भी बताए थे। 

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एक बार उन्होंने अपने शहर जयपुर से काठ का विशेष गिलास मंगवा कर मुझे दिया था। वे अपने बच्चों की परवरिश और मिल रहे माहौल को लेकर चिंतित रहते थे। वे चाहते थे कि उनके बेटे आम नागरिक के दुख-दर्द को समझ सकें। इस दुनिया के व्यवहार को हमदर्दी से देख सकें। अजय ब्रह्मात्मज ने इरफान से एक इंटरव्यू में सवाल किया था कि आखिर हिन्दी बेल्ट से अब मनोज वाजपेयी और इरफान जैसे लड़के क्यों नहीं आ रहे हैं। इरफान ने जवाब दिया - क्योंकि जब तक आप उस मिडिल क्लास एटीट्यूड को नहीं छोड़ेंगे तब तक आप नहीं आ सकते, क्योंकि उस तरह की फिल्में नहीं बनतीं, फिल्में बनती हैं थोड़ी शो बिजनेस वाली... तो ज्यादा जो इंग्लिश स्पीकिंग लोग हैं वे ज्यादा कंफर्टेबल महसूस करते हैं, इंट्रैक्शन वगैरह के साथ। जिनके पास ज्यादा पैसा है उनके लिए आसान होता है दूसरे सर्किल में मूव करके आना, एक हिंदी क्षेत्र के लड़के की तुलना में। 

आखिर हिन्दी बेल्ट से अब मनोज वाजपेयी और इरफान जैसे लड़के क्यों नहीं आ रहे हैं.... हिंदी बेल्ट के लड़के को वैसे ही कुछ कल्चरल शॉक ज्यादा रहता है। जब मैं दिल्ली गया था तो मेरे साथ भी ऐसा था। तो उसके लिए डील करना थोड़ा मुश्किल होता है।


- दिवंगत इरफान खान, अजय ब्रह्मात्मज को दिए गए इंटरव्यू में

क्या एक्टर जन्मजात होते हैं, इस सवाल के जवाब में इरफान ने अजय को जवाब दिया था - 

ये गलत है। ये बात गलत है। एक्टिंग को आप डेवलप कर सकते हैं बहुत ज्यादा। जैसे मुझे पता है, शुरू में लोग तब भी तारीफ करते थे, लेकिन मैं जानता हूं कि तब क्या करता था, अब क्या करता हूं, कितना फर्क आया है। आपको तैयार होना चाहिए अपने आप पर वर्क करने के लिए, आपको इस बात के लिए कॉन्शस होना चाहिए। एनएसडी में मेरे सीनियर मुझ से बोलते थे, यार तुम परेशान हो एक्टिंग को लेकर, अच्छी बात है... तो यह पहली बार पता चला कि परेशानी अच्छी बात है। अब मुझे लगता है कि ठीक कहते थे वे लोग, क्योंकि आप परेशान हैं तो कहीं न कहीं रास्ता निकालेंगे। यानी आप परेशान हैं किसी बात के लिए तो आप किसी न किसी तरह उस तक पहुंचेंगे ही।


- दिवंगत इरफान खान, पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज को दिए गए इंटरव्यू में

अजय ने एक बहुत ज्वलंत सवाल समाज में हो रहे धार्मिक ध्रुवीकरण पर पूछा था। पढ़िए क्या कहा था इरफान ने उस समय - क्या कहा जाए इसके बारे में पता नहीं, पर ये बहुत ही ज्यादा डिस्टर्विंग (चिंतित) चीज है और ये किसी भी लेवल पर किसी के लिए भी फ़ायदेमंद नहीं है। मतलब, मेरे लिए हिंदू कल्चर ज्यादा मायने रखता है बनिस्बत उस हिंदू के जो समझ नहीं पा रहा है कि हिंदुत्व है क्या? मुझे लगता है कि मैं उससे ज्यादा हिंदू हूं क्योंकि मैं मुतास्सिर हूं उन चीजों से, उसके फलसफे से। मुझे लगता है कि इस तरह का सेलिब्रेशन किसी और दुनिया में किसी और कल्चर में नहीं है कि पूरी जिंदगी जो है, हर चीज जो है, सेलिब्रेशन है। भगवान के जो अफेयर हैं, जो एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है उसे भी सेलिब्रेट किया जाता है। यह एक ऐसी चीज है जो कहीं भी नहीं है दुनिया में। इसका गलत मतलब लगना या गलत मतलब फैलाना, मैं समझता हूं इससे बड़ा क्राइम कोई है नहीं। वो कहते हैं- 

हर धर्म की जो चीजें हैं.. मैं सोचता हूं धर्म के राजनीतिक इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर देना चाहिए। धर्म एक पर्सनल मामला है और इसका इस्तेमाल गलत तरीके से, बहुत बड़ा क्राइम है...


- दिवंगत इरफान खान, अजय ब्रह्मात्मज को दिए गए इंटरव्यू में

इसमें शक नहीं कि इरफान खान बहुमुखी प्रतिभा के धनी एक्टर है। उन जैसा एक्टर सदियों में पैदा होता है। बॉलीवुड में इरफान का जुड़ाव व्यक्तिगत रूप से कम ही रहा है। वो फिल्मी पार्टियों, हंगामों, स्कैंडलों से दूर थे। यही वजह है कि इरफान से जुड़ी कहानियां सिर्फ वे ही बता सकते हैं, जो उनसे बहुत नजदीक रहे हों। (इस लेख के बहुत सारे अंश फिल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज की किताब इरफान खानः कुछ पन्ने कोरे रह गए से साभार सहित)

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