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IRCTC बनाम अडानीः ट्रेनमैन की सफाई- हम सिर्फ टिकट बेचने आए हैं

IRCTC बनाम अडानीः ट्रेनमैन की सफाई- हम सिर्फ टिकट बेचने आए हैं

कारोबारी गौतम अडानी की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने आज आईआरसीटीसी को लेकर तमाम सफाई पेश की है। उसका कहना है कि वो टिकट बेचने आया है। लेकिन जनता को यकीन नहीं हो रहा है। बहरहाल, अडानी समूह की कंपनी ट्रेनमैन ने आज जो कहा, उसे जानिए इस विश्लेषण के जरिएः

रेलवे की दुधारू गाय कहलाने वाली रेल टिकट बुकिंग सर्विस आईआरसीटीसी (IRCTC) के बारे में यह खबर सोशल मीडिया पर आपकी नजरों से गुजरी होगी कि विश्व के अमीर उद्योगपतियों में शुमार गौतम अडानी की कंपनी जल्द ही आईआरसीटीसी को खरीदने जा रही है। आपको बता दें कि यह खबर सही नहीं है। खबर अलबत्ता ये है कि आईआरएसटीसी की तरह टिकट बेचने के धंधे में अडानी की कंपनी ट्रेनमैन उतरने जा रही है।

ट्रेनमैन, दरअसल अडानी ने टिकट बुकिंग कंपनी स्टार्क एंटरप्राइजेज प्राइवेट में सौ फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है। स्टार्क एंटरप्राइजेज भी आईआरसीटीसी की तरह टिकट बुकिंग के धंधे में थी। लेकिन अडानी अब उसे ट्रेनमैन के नाम से उतारने जा रहे हैं।

चमकदार धंधा

पहली बात तो यह समझिए कि IRCTC के मुकाबले में कोई भी कंपनी हैं। उसके अलावा जितनी भी कंपनियां रेल टिकट बुकिंग के धंधे में हैं वे सभी रेलवे के एजेंट हैं। आईआरसीटीसी उन्हें अपना कोड देता है और वो आईआरसीटीसी को बिजनेस देती हैं। आईआरसीटीसी चूंकि सरकारी कंपनी है तो लोगों का विश्वास उस पर है और देश में करीब 54 फीसदी टिकट आईआरसीटीसी बेचता है।

लेकिन भविष्य कौन जानता है कि कल को अडानी एंटरप्राइजेज आईआरसीटीसी का अधिग्रहण न कर ले। सरकार के हाथ में है। क्या पता 2024 के चुनाव से पहले यह सब हो जाए। लेकिन अभी की स्थिति यह है कि अडानी की कंपनी ट्रेनमैन सिर्फ बुकिंग एजेंट है, जैसे मेक माय ट्रिप और पेटीएम भी रेलवे के बुकिंग एजेंट हैं।

अडानी की कंपनी के तर्क

खैर, कुछ तथ्यों को और जानिए। आर्थिक अखबार लाइव मिंट के साथ एक ई-मेल कम्युनिकेशन में, ट्रेनमैन ने कहा है कि यह घटनाक्रम किसी भी तरह से आईआरसीटीसी के ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग बिजनेस को प्रभावित करने वाला नहीं है। IRCTC अपना एपीआई किसी को भी देता है जिसके पास पैसा होता है। एपीआई वाली करीब 26 कंपनियां हैं जहां से पेटीएम और मेकमायट्रिप की तरह टिकट बुक कर सकते हैं। इसलिए अडानी एंटरप्राइजेज ने जिस ट्रेनमैन को खरीदा है, वह आईआरसीटीसी के एकाधिकार को तोड़ने वाला नहीं है। यह केवल उन कंपनियों में से एक है जिसके पास केवल आईआरसीटीसी साइट पर टिकट बुक करने के लिए एपीआई एक्सेस है। इसलिए, अडानी एंटरप्राइजेज के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग भी आईआरसीटीसी के एपीआई द्वारा संचालित होगी।

यहां यह बताना जरूरी है कि अक्सर आईआरसीटीसी के बुकिंग एजेंटों पर सॉफ्टवेयर के जरिए टिकटों को बेचने का स्कैंडल सामने आया है। उनमें से कई के लाइसेंस भी कैंसल किए गए हैं। बुकिंग एजेटों पर टिकट के दाम बढ़ाने और डायनमिक फेयर के जरिए दाम बढ़ाने के आरोप लगते रहे हैं।

बहरहाल, ट्रेनमैन के प्रवक्ता ने कहा, "ट्रेनमैन आईआरसीटीसी अधिकृत ट्रेन टिकट बुकिंग एजेंट है। हम किसी भी तरह से आईआरसीटीसी को चुनौती नहीं दे रहे हैं या उनके साथ मुकाबला नहीं कर रहे हैं। हम उनके साथ काम करते हैं और यह आईआरसीटीसी की वजह से है कि ऑनलाइन ट्रेन टिकटिंग मौजूद है।"  

IRCTC का रेलवे टिकटिंग में 100% एकाधिकार है। चाहे आप IRCTC से टिकट बुक करें या पेटीएम जैसे एग्रीगेटर से, MakeMyTrip या अब अडानी के ट्रेनमैन से, IRCTC पैसे कमाता है। इसने वित्त वर्ष 2022 में पेटीएम के माध्यम से ₹12 प्रति टिकट की दर से सुविधा शुल्क की वसूली कर ₹70 करोड़ कमाए।"

सरकार की नजर

अक्टूबर 2021 में, सरकार ने एकतरफा घोषणा की थी कि वह इस आईआरसीटीसी के सुविधा शुल्क का 50% राजस्व हिस्सा लेगी। अगले दिन आईआरसीटीसी का स्टॉक क्रैश हो गया। यह गिरावट 20 फीसदी तक दर्ज की गई। सरकार के इस बयान से आप नतीजे निकाल सकते हैं। इतना जरूर है कि कोई न कोई खिचड़ी तो जरूर पक रही है। उम्मीद है कि मोदी सरकार इतने फायदे वाली अपनी कंपनी आईआरसीटीसी को नहीं बेचेगी।

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