ईरान में फिर से प्रदर्शन, हालात खराब, 185 मौतें
#Iran protests.
— Kiborgz (@Kiborgzzz) October 9, 2022
Protesters together with police against tyranny...
Is it possible in #ruSSia ? Probably not, #ruSSia is not #Iran. Women in #Iran are more brave than man in #ruSSia !#Ukraine #UkraineRussiaWar #UkraineWar #ruSSia pic.twitter.com/ZYJD1VzsBM
ईरान में हालात फिर ख़राब हो गए हैं। रॉयटर्स ने कई मानवाधिकार समूहों की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि तमाम जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सीधे गोली मार दी, जिसमें कुल मिलाकर 185 लोगों की मौत हो गई है। ईरान के सरकारी टीवी चैनल को हैकर्स ने हैक कर लिया।
ईरान में ये प्रदर्शन महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद कथित तौर पर हिजाब के विरोध में शुरू हुए थे लेकिन इसका स्वरूप अब बदल गया है। यह अब सरकार विरोधी प्रदर्शन हो गया है, जिसमें मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने, सुप्रीम लीडर से ईरान को मुक्त कराने की मांग शुरू हो गई है। ईरान सरकार ने इन प्रदर्शनों के शुरू होने पर कहा था कि ये प्रदर्शन अमेरिका और इस्राइल प्रायोजित है। वहां से इसकी फंडिंग की जा रही है, लेकिन हम दुश्मन को जीतने नहीं देंगे। ईरान ने यह भी कहा कि हिजाब सिर्फ ईरान में ही नहीं बल्कि अमेरिका-इस्राइल समर्थक सऊदी अरब, बहरीन, पाकिस्तान, अफ्रीकी देशों में पहना जाता है। ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन के पीछे मकसद कुछ और है।
ईरान में 17 सितंबर से प्रदर्शन शुरू हुए थे लेकिन रविवार को प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकर्मियों पर गोलियाँ चलाईं। ईरानी मानवाधिकार ग्रुप हेगॉ के मुताबिक़ सानंदाज में सुरक्षा बलों ने उनकी कार में एक ड्राइवर की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि साकेज के एक स्कूल में, दो शिक्षक घायल हो गए।
हेगॉ ने कहा कि एक अन्य प्रदर्शनकारी को आईआरजीसी सुरक्षा बलों ने पेट में गोली मार दी और उसकी मौत हो गई। हेगॉ के अज़हिन शेखी ने सीएनएन को बताया, सनंदाज और साकेज के स्कूलों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। फिर, सरकारी बलों ने साकेज के एक स्कूल पर हमला कर दिया। यहां भी काफी लोग मारे गए।
Après plusieurs semaines d'arrestations, de menaces et d'assassinats, les Iraniennes et les Iraniens de plus en plus nombreux dans la rue @AlinejadMasih pic.twitter.com/qpeUuejlY4
— L'important (@Limportant_fr) October 8, 2022
हेगॉ ने कहा कि साकेज़, दिवांडारेह, महाबाद और सनंदाज में व्यापक हमले हो रहे हैं।ईरान के कुर्द इलाक़ों में प्रदर्शन का ज़्यादा असर है। तीन सप्ताह पहले प्रदर्शन तब शुरू हुए जब ईरानी कुर्द महिला महसा अमिनी की हिरासत में मौत हो गई थी।
सीएनएन का दावा है कि तेहरान, कारज, इस्फ़हान, शिराज, करमन, मशहद, तबरेज़ और रश्त सहित देश भर के अन्य स्थानों पर भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
तेहरान में ऑल-गर्ल्स संस्थान, अलज़हरा यूनिवर्सिटी में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने देश भर में नवीनतम दंगों पर टिप्पणी की। उनके कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, दुश्मन ने सोचा कि वे चाहे जो कर सकते हैं, लेकिन इस बात से अनजान हैं कि हमारे छात्र और प्रोफेसर जाग रहे हैं और दुश्मन के झूठे सपनों को सच नहीं होने देंगे।
सोशल मीडिया वीडियो में उसी यूनिवर्सिटी में महिलाओं के साथ विरोध प्रदर्शन दिखाया गया, जिसमें कहा गया है "उत्पीड़क को मौत, चाहे वह शाह हो या सुप्रीम लीडर। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि राष्ट्रपति के यूनिवर्सिटी में रहने के दौरान विरोध हुआ था या नहीं।
यूएस-वित्त पोषित रेडियो फरदा को प्रदान किए गए वीडियो में दंगा पुलिस को तेहरान में एक युवती की पिटाई करते हुए भी दिखाया गया है।
विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से मरने वालों की कुल संख्या सरकार, विपक्षी समूहों, अंतरराष्ट्रीय अधिकार संगठनों और स्थानीय पत्रकारों के अनुसार अलग-अलग है। नॉर्वे, ईरानएचआर में स्थित एक ईरान-केंद्रित मानवाधिकार समूह ने पूरे ईरान में 154 जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से मौतों की संख्या की गणना की।