ईरान में मॉरल पुलिस खत्म, हिजाब कानून पर विचार शुरू
ईरान ने रविवार को मॉरल पुलिस (नैतिक पुलिस) को खत्म कर दिया। महीनों से चल रहे हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के दबाव में ईरान सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है। यह जानकारी एएफपी ने रविवार को दी।
#BREAKING Protest-hit Iran abolishes morality police: prosecutor general pic.twitter.com/Ju4rSHKZkx
— AFP News Agency (@AFP) December 4, 2022
हिरासत में महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया। एएफपी के अनुसार ईरानी अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जाफर मोंतजरी ने रविवार को कहा कि नैतिक पुलिस को दूर रखने के साथ ही वे उस कानून की समीक्षा करेंगे जिसमें सभी महिलाओं को अपने सिर को ढकने की जरूरत होती है। संसद और अदालत दोनों ही इस पर काम कर रहे हैं। पिछले बुधवार को एक समीक्षा दल ने इस विषय पर चर्चा करने के लिए संसद के कल्चरल कमीशन से मुलाकात की थी।
अटॉर्नी जनरल का यह बयान हिंसक विरोध प्रदर्शनों के ढाई महीने बाद आया है। मॉरल पुलिस ने 13 सितंबर को राजधानी तेहरान में महसा अमीनी को हिरासत में लिया गया था। महसा अमीनी ने हिजाब या हेडस्कॉर्फ नहीं पहना हुआ था। ईरान में सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के लिए हिजाब एक अनिवार्य ड्रेस कोड है। मॉरल पुलिस इसे सख्ती से लागू कराती है। हालांकि ईरानी अधिकारियों ने कहा था कि 16 सितंबर को दिल का दौरा पड़ने से महसा अमीनी की मौत हुई थी। लेकिन सरकारी विरोधी आंदोलनकारियों का कहना है कि हिजाब कानून को न मानने पर अमीनी की पिटाई की गई, जिसमें उनकी मौत हुई।
अमीनी की मौत के बाद हुई हिंसा में करीब 200 लोगों की मौत हो गई। रॉयटर्स ने बताया कि ईरान के आंतरिक मंत्रालय की राज्य सुरक्षा परिषद ने मौत का यह आंकड़ा जारी किया है। हालांकि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के एक कमांडर अमीर अली हाजीज़ादेह ने कहा कि हिंसा में सुरक्षा अधिकारियों सहित 300 लोग मारे गए हैं।
शनिवार को राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा था कि देश की इस्लामी नींव संविधान में निहित है। लेकिन संविधान को लागू करने के तरीके लचीले हो सकते हैं।
ईरान में 1983 से सभी महिलाओं के लिए सार्वजनिक रूप से अपना सिर ढकना अनिवार्य है। देश की मुख्य सुधारवादी पार्टी यूनियन ऑफ इस्लामिक ईरान पीपल हिजाब को अनिवार्य करने वाले कानून को रद्द करने की मांग कर रही है।