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ईरान का इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन से जवाबी हमला, यूएन ने बुलाई इमरजेंसी बैठक

ईरान का इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन से जवाबी हमला, यूएन ने बुलाई इमरजेंसी बैठक

ईरान ने रविवार को करीब दो सौ मिसाइलें और ड्रोन से इजराइल पर हमला कर दिया। हालांकि यह जवाबी हमला है। 1 अप्रैल ने इजराइल ने सीरिया में ईरानी दूतावास पर जो बम बरसाए थे, उसका यह जवाब है। इस घटनाक्रम से खाड़ी क्षेत्र में इस युद्ध के फैलने का खतरा बढ़ गया है।

ईरान-इजराइल युद्ध की आशंका सही साबित हो रही है। ईरान ने इजराइल पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर दिया है। ईरान ने इसे जवाबी हमला कहा है। यानी ईरान का यह सीमित हमला है। अगर इजराइल ने इसका जवाब दिया तो ईरान आगे की कार्रवाई करेगा। इजराइल और अमेरिका ने कहा कि ईरान के हमले को नाकाम कर दिया गया है। इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में 1 अप्रैल को ईरानी दूतावास पर बम बरसाए थे। जिसमें 13 लोग मारे गए थे। मारे जाने वालों में ईरान की सेना के बड़े अधिकारी शामिल थे। उसी समय ईरान ने इसका बदला लेने की घोषणा की थी। 

इससे पहले ईरान ने शनिवार को इजराइल का एक मालवाहक शिप (MCS Aries) पकड़ लिया। इजराइली शिप होरमुज के पास पकड़ा गया। इस शिप पर 17 भारतीय भी सवार हैं। इजराइल ने जवाब में कहा है कि ईरान को इसके नतीजे भुगतने होंगे।

  • इजराइल में रॉयटर्स के पत्रकारों ने दूर तक भारी गड़गड़ाहट और धमाकों की आवाजें सुनीं। जिसे स्थानीय मीडिया ने विस्फोटक ड्रोनों का हवाई अवरोधन कहा। यानी ड्रोनों को हवा में ही गिरा दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि 7 साल की एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई।

कतर और कुवैत ने ईरान के खिलाफ हमलों के लिए अपने हवाई क्षेत्र और हवाई अड्डों के किसी भी उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। तुर्की की यह घोषणा पहले ही कर चुका है। ईरान के चारों तरफ अमेरिकी सैन्य अड्डे ज्यादातर खाड़ी देशों में या उनके आसपास हैं।


  • संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने कहा कि "ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 का आह्वान किया। लेकिन सुरक्षा परिषद इजराइली शासन की आक्रामकता की निंदा करने में विफल रहा। वो लगातार चुप्पी साधे हुए निष्क्रिय रहा। 13 दिनों की अवधि के बाद यह हमला हुआ।" यानी ईरान के बयान का आशय यह है कि जब दूसरे देश में उसके दूतावास पर इजराइल ने हमला किया और 13 लोग मारे गए तो संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए यह हमला किया गया।

  • इजराइल ने हमले की पुष्टि की है। इजराइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने कहा कि ईरान से सतह से सतह पर मार करने वाली दर्जनों मिसाइलों को इजराइली क्षेत्र की ओर आते हुए देखा गया। लॉन्च के इजराइयली क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले, आईडीएफ एरियल डिफेंस ने इजराइयल के रणनीतिक सहयोगियों के साथ मिलकर एरो एरियल डिफेंस सिस्टम का उपयोग करके अधिकांश लॉन्च को सफलतापूर्वक रोक दिया। बहुत कम संख्या में हमलों की पहचान की गई, जिसमें दक्षिणी इज़राइल में आईडीएफ बेस भी शामिल है, जहां बुनियादी ढांचे को मामूली क्षति हुई। पिछले कुछ घंटों में कई दर्जन शत्रुतापूर्ण विमानों, साथ ही दर्जनों क्रूज मिसाइलों को ईरान से इजराइली क्षेत्र की ओर आते हुए पहचाना गया और उन्हें रोक दिया गया। आईडीएफ सभी मोर्चों पर तैनात है, तैयार है और इजराइली क्षेत्र की रक्षा करना जारी रखे हुए है।

  • इजराइल ने ताजा हालात के मद्देनजर हमास से सीजफायर का अनुरोध किया था। हमास ने इजराइल के अनुरोध को ठुकरा दिया है।

  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक ट्वीट कर कहा कि मैं इजराइल के खिलाफ ईरान के हमलों पर नवीनतम जानकारी के लिए अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से मिला। ईरान और उसके प्रतिनिधियों से खतरों के खिलाफ इज़राइल की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ है। उन्होंने बैठक का फोटो ट्वीट किया।

  • एनबीसी न्यूज़ की रिपोर्ट है कि शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों के बीच चिंता है कि 'ईरान के हमलों के जवाब में इज़राइल संभावित नतीजों के बारे में सोचे बिना जल्दी से कुछ भी कर सकता है।'

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि ईरान "जल्द" ही इजराइल पर हमला करेगा। अमेरिकी अधिकारियों ने भी सीबीएस न्यूज को बताया है कि इजराइल पर जल्द ही बड़ा हमला हो सकता है। इज़राइल का कहना है कि वह अपनी रक्षा के लिए तैयार है। बाइडेन ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा: "आप ऐसा मत करें। हम इजराइल की रक्षा करेंगे। आप कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे।"

यह युद्ध क्यों

1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में इजराइल ने ईरान की वाणिज्य दूतावास की इमारत पर बम बरसाए। जिसमें ईऱान के कई अधिकारियों समेंत 13 लोग मारे गए। इज़राइल ने यह हमला इस आड़ में किया था कि ईरान लेबनान और सीरिया में गुप्त हथियारों की आपूर्ति कर रहा था। इस हमले के बाद इजराइल ने कहा कि हमास के अलावा खाड़ी क्षेत्र में ईरान के साथ कई मोर्चे खुल सकते हैं। 

बढ़ते तनाव के कारण अमेरिका, ब्रिटेन, भारत और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने इज़राइल की यात्रा के खिलाफ चेतावनी जारी की है। जर्मनी ने अपने नागरिकों से ईरान छोड़ने का आह्वान किया। कई देशों ने तेहरान और तेल अवीव की फ्लाइट्स रद्द कर दी हैं।

 - Satya Hindi

लाल सागर में ईरानी युद्धपोत

अमेरिकी विदेश विभाग ने इज़राइल में राजनयिक कर्मचारियों और उनके परिवारों को तेल अवीव, येरुशलम और बेर्शेबा शहरों के बाहर यात्रा करने से भी रोक दिया। चेतावनियों के बीच इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने वॉर कैबिनेट के सदस्यों से मुलाकात की है। 

इज़राइली सरकार ने अपने लोगों को पानी, तीन दिनों के लिए भोजन और आवश्यक दवा का स्टॉक रखने के मौजूदा मार्गदर्शन के अलावा कोई नई सलाह जारी नहीं की है। हालाँकि, इज़राइली रेडियो ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को सार्वजनिक आश्रयों की तैयारी का आकलन करने सहित हमले की संभावना के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया था। पिछले हफ्ते, इज़राइली सेना ने लड़ाकू सैनिकों की छुट्टियाँ रद्द कर दीं, हवाई सुरक्षा बढ़ा दी और रिजर्व सैनिकों को बुला लिया।

कई देशों के अधिकारी ईरान को हमला करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें डर है कि इससे व्यापक क्षेत्रीय युद्ध छिड़ सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन, सऊदी अरब और तुर्की के विदेश मंत्रियों से बात करके उन्हें ईरान के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने के लिए मनाने की कोशिश की है।

खाड़ी देशों की चेतावनीः तनाव बढ़ते ही सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और कुवैत ने कहा कि अमेरिका इस युद्ध से दूर रहे। आधार समझौतों के जटिल विवरण पर सवाल उठाए हैं जो हजारों अमेरिकी सैनिकों को तेल समृद्ध प्रायद्वीप में तैनात करने की अनुमति देते हैं। इन देशों के अलावा तुर्की ने भी अमेरिका द्वारा ईरान पर जवाबी हमला करने की स्थिति में अमेरिकी युद्धक विमानों को अपने हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने से रोकने के लिए कदम उठाए हैं। यहां बताना जरूरी है कि अमेरिका खाड़ी में सैन्य अड्डों में बहुत ज्यादा निवेश कर चुका है। ईरान से उन सैन्य अड्डों की निकटता को देखते हुए, वे एयरबेस ईरान के खिलाफ अमेरिका के लिए सबसे सुविधाजनक लॉन्चिंग पैड होंगे।

खाड़ी नेता अब अपने अमेरिकी सहयोगी, ईरान और उनकी आबादी के बीच नाजुक हालत में फंस गए हैं। गजा पर हमले की वजह से खाड़ी देश इजरायल पर गुस्से से भरे हुए हैं। हमास इजराइल युद्ध में 75 हजार फिलिस्तीनी लोग मारे जा चुके हैं। जिनमें बच्चे, महिलाएं, बुजुर्गों की जघन्य हत्याएं शामिल हैं। कई अस्पतालों को तबाह कर दिया गया। लाखों घर मलबे में बदल चुके हैं। अमेरिका अगर इजराइल के साथ ईरान के युद्ध में भी खड़ा हुआ तो खाड़ी देशों में नागरिक विद्रोह हो सकता है। यह स्थिति अमेरिका के लिए भी खतरनाक हो सकती है। अमेरिका में चुनाव इसी साल के अंत में हैं। 

नई रक्षा खुफिया एजेंसी वर्ल्डवाइड थ्रेट असेसमेंट में कहा गया है कि इज़राइल पर कोई भी ईरानी हमला शायद मिसाइलों और ड्रोन के जरिए होगा।

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