ईरानः हिजाब विरोधी प्रदर्शन के दौरान अब तक 41 मौतें
ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद चल रहे विरोध प्रदर्शन में कम से कम 41 लोगों की मौत हो चुकी है। हिजाब विरोधी प्रदर्शन के दौरान 60 महिलाओं सहित 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ईरान की पुलिस हिरासत में मारी गई युवती महसा अमीनी के समर्थन में शनिवार को इराक के एरबिल में भी प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में ज्यादातर कुर्द लोग शामिल थे। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ने कहा है कि ईरान में प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटा जाएगा।
Observen como los agentes represivos de Irán golpean la cabeza de una mujer contra la acera… ella protestaba pacíficamente. La teocracia iraní odia a las mujeres…👇#MahsaAmini #IranProtests2022 pic.twitter.com/LAhJC4ps83
— Luis Vera 🎗 (@luisveramarcos1) September 25, 2022
वेब मॉनिटर नेटब्लॉक्स के हवाले से समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया है, कि ईरान ने तमाम सोशल मीडिया साइट्स जिनमें व्हाट्सएप, स्काइप, लिंक्डइन और इंस्टाग्राम को बैन कर दिया है। ईरानी टीवी ने मरने वालों की संख्या 41 बताई है। ईरानी सरकार का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने तमाम सार्वजनिक और निजी संपत्ति में आग लगा दी है।
ओस्लो स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स (आईएचआर) एनजीओ का दावा है कि सुरक्षा कर्मियों को छोड़कर मरने वालों की तादाद 54 है। एनजीओ के मुताबिक ज्यादातर मौतें मजांदरान और गिलान राज्यों में हुई हैं।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो और तस्वीरें तेहरान के साथ-साथ देश के अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों को सरकार के कड़े कानूनों को तोड़ते हुए दिखाए गए हैं। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो में महिलाओं को सामूहिक रूप से देश के कानूनों के विरोध में दिखाया गया है, जिसमें सात साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को सिर पर स्कार्फ हटाने, अपने बाल काटने और अपने हिजाब को जलाते हुए दिखाया गया है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि शनिवार को इराक के उत्तरी शहर एरबिल में दर्जनों इराकी और ईरानी कुर्दों ने रैली की। प्रदर्शनकारी महसा अमीनी की फोटो के साथ तख्तियां लिए एरबिल में संयुक्त राष्ट्र दफ्तर के बाहर नारे लगाते हुए जमा हुए। लोग नारे लगा रहे थे- "तानाशाह को मौत।" यह नारा ईरानी के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के संदर्भ में था। प्रदर्शनकारियों में ईरानी कुर्द थे जो इराक के अर्ध-स्वायत्त कुर्दिस्तान इलाके में निर्वासन में रह रहे थे।
ईरान में एक हफ्ता पहले 22 साल की कुर्द महिला अमीनी की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। ईरान की मॉरल पुलिस ने सही तरह से हिजाब नहीं पहनने पर महसा अमीनी को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ के दौरान अमीनी को हार्ट अटैक आया और वो कोमा में चली गई। उसके बाद उनकी मौत हो गई।
एरबिल में प्रदर्शनकारी नमाम इस्माइली ने कहा, उन्होंने (अमीनी को) उसके हिजाब न पहनने के कारण मार डाला। ईरान के युवा आजादी मांग रहे हैं। वे सभी लोगों के लिए अधिकार मांग रहे हैं क्योंकि सभी को सम्मान और आजादी का अधिकार है। यह प्रदर्शनकारी ईरान के कुर्द शहर, सरदाश्त से आया था।
अमीनी की मौत से ईरान में व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर प्रतिबंध, महिलाओं के लिए सख्त ड्रेस कोड और प्रतिबंधों से जूझ रही अर्थव्यवस्था सहित मुद्दों पर गुस्सा भड़क उठा है।
प्रदर्शनकारी मेसून मजीदी ने कहा - हम धर्म के खिलाफ नहीं हैं और हम इस्लाम के खिलाफ नहीं हैं। हम धर्मनिरपेक्ष हैं, हम चाहते हैं कि धर्म राजनीति से अलग हो। मेसून मजीदी एक कुर्द ईरानी एक्टर और निर्देशक हैं। इन दिनों वो एरबिल में रहते हैं।
इस बीच, ईरान स्टेट मीडिया ने शनिवार को रईसी के हवाले से कहा कि ईरान देश की सुरक्षा और शांति का विरोध करने वालों से निर्णायक रूप से निपटेगा। रईसी पूर्वोत्तर शहर मशहद में दंगों के खिलाफ कार्रवाई में भाग लेने के दौरान मारे गए बासिज स्वयंसेवी बल के एक सदस्य के परिवार से टेलीफोन पर बात कर रहे थे।
ईरान मीडिया ने प्रदर्शनों को दंगा बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने "विरोध और सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने के बीच अंतर करने की जरूरत पर जोर दिया।