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आईपीएस प्रभाकर चौधरी के पिता ने कहा,अब मैं भाजपा के खिलाफ रहूंगा

आईपीएस प्रभाकर चौधरी के पिता ने कहा,अब मैं भाजपा के खिलाफ रहूंगा

पिछले दिनों बरेली में कांवड़ियों पर हुए लाठीचार्ज के चार घंटे बाद ही वहां के एसएसपी आईपीएस प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया था।

पिछले दिनों बरेली में कांवड़ियों पर हुए लाठीचार्ज के चार घंटे बाद ही वहां के एसएसपी आईपीएस प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह उनका 18वां तबादला है। इसके बाद से ही यह मामला चर्चा में है। लोग इसे कावंड़ियों पर हुए लाठीचार्ज से जोड़ कर देख रहे हैं। 

अब इस तबादले पर आईपीएस प्रभाकर चौधरी के पिता पारस नाथ चौधरी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने भाजपा को इसका जिम्मेदार ठहराया है। 

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अब वह भाजपा के खिलाफ ही रहेंगे। आगामी चुनावों में कुछ इलाकों में तो भाजपा को कभी भी जीतने नहीं देंगे। पारस नाथ चौधरी ने कहा है कि बरेली में मेरे बेटे ने अच्छा काम किया है। अगर उस दिन जरा सी भी लापरवाही होती तो  10 से 20 कांवड़िये जरूर मारे जा सकते थे। लेकिन इस अच्छे काम का नतीजा उन्हें काफी बुरा मिला है जिसका हमें बेहद दुख है। 

तबादले का मुख्य कारण ईमानदारी है

उन्होंने कहा कि प्रभाकर के तबादले का सबसे मुख्य कारण है उनकी ईमानदारी है। ईमानदारी के कारण ही उनका तबादला होता रहता है। प्रभाकर नेताओं से दूरी बनाकर रखते हैं। 

वह उनकी गलत बातों को नहीं सुनते हैं, क्योंकि नेता उनसे गलत काम करवाना चाहते हैं। जब वह भाजपा नेताओं की बात नहीं सुनते हैं तब नाराज नेता उनका ट्रांसफर करवा देते हैं। 

यही कारण है कि आईपीएस प्रभाकर चौधरी का दो या तीन महीने में भी ट्रांसफर हो जाता है। उन्होने बताया कि उनके बेटे प्रभाकर चौधरी को को तबादले की आदत पड़ गई है कि वो किसी जिले में 4 से 6 महीने में रहते-रहते खुद ही ऊब जाते हैं। 

रविवार को कांवड़ यात्रा के दौरान हुआ था हंगामा

रविवार को बरेली स्थित पुराना शहर के मोहल्ला जोगी नवादा में कांवड़ यात्रा के दौरान हंगामा हुआ था।  जिसके बाद पुलिस ने कांवड़ियों पर लाठीचार्ज कर किया था। प्राप्त सूचना के मुताबिक कांवड़ियों के जत्थे में शामिल कुछ कांवड़िया गैर पारंपरिक रास्ते जो मुस्लिम मुहल्ले में होकर जाता है से डीजे लेकर जाना चाहते थे।

पुलिस ने उन्हें रोक दिया। डीजे और इसपर बजाए जा रहे गाने पर जब पुलिस द्वारा आपत्ति दर्ज की गई तो बवाल भड़क गया। बरेली के एसएसपी रहे प्रभाकर चौधरी ने दावा किया है कि कांवड़ियों की भीड़ में कुछ लोग नशे में थे तो कुछ अराजकतत्वों हथियार लहराने लगे थे। इसके बाद  मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा। 

अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक बार हो चुका है ट्रांसफर

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले प्रभाकर चौधरी का जन्म एक जनवरी, 1984 को हुआ था। वह 2010 बैच के आईपीएस अफसर हैं। प्रभाकर चौधरी एएसपी के पद पर नोएडा, आगरा, जौनपुर और फिर वाराणसी में करियर की शुरुआत में सेवाएं दे चुके हैं। इसके बाद वह कानपुर नगर के सिटी एसपी भी रह चुके हैं।  

जिले में इनकी पहली पोस्टिंग ललितपुर में हुई।  जनवरी 2015 में इन्हें ललितपुर जिले का एसपी बनाया गया और दिसंबर 2015 यानी करीब 11 महीने ही ललितपुर के एसपी रहे।  ललितपुर इनकी पोस्टिंग इंटेलिजेंस मुख्यालय में हुई। जनवरी 2016 में देवरिया के एसपी बनाए गए ,जहां उनकी तैनाती 18 अगस्त 2016 तक रही। 

देवरिया के बाद इन्हें बलिया का एसपी बनाया गया जहां पर वह 15 अक्टूबर 2016 तक करीब 2 महीने ही एसपी रहे। इसके बाद इन्हें कानपुर देहात का कप्तान बनाया गया। 28 अप्रैल 2017 को प्रभाकर चौधरी का कानपुर देहात से महज 5 महीने में तबादला कर दिया गया। इन्हें एटीएस भेज दिया गया जहां 23 सितंबर 2017 तक प्रभाकर चौधरी तैनात रहे।

   

24 सितंबर 2017 को उन्हें बिजनौर जिले का एसपी बनाया गया।  बिजनौर में भी 6 महीने पूरे नहीं कर पाए और वह 19 मार्च 2017 को उन्हें बिजनौर से हटा दिया गया।  प्रभाकर चौधरी का 13 वर्ष की नौकरी में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक बार ट्रांसफर हो चुका है।

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