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हरियाणा: इंटरनेट बंद होने से किसान नाराज, हाईवे पर लगाया जाम

हरियाणा: इंटरनेट बंद होने से किसान नाराज, हाईवे पर लगाया जाम

किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा में भी जबरदस्त उबाल है। किसान और आम लोग हरियाणा सरकार के द्वारा इंटरनेट को बंद किए जाने से आग बबूला हैं और सड़कों पर उतर आए हैं। 

किसान आंदोलन के बीच हरियाणा सरकार के द्वारा इंटरनेट को बंद किए जाने से किसान आग बबूला हैं और सड़कों पर उतर आए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा भी चेता चुका है कि सरकार इंटरनेट बंद करने से बाज आए। टिकरी, सिंघु, ग़ाज़ीपुर बॉर्डर सहित हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट बीते कई दिनों से बंद है। 

मंगलवार को किसानों ने पटियाला-जींद-रोहतक-दिल्ली और हिसार-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। किसानों का गुस्सा इस बात को लेकर था कि सरकार ने कुछ जिलों में इंटरनेट को बैन किया हुआ है। 

इससे पहले सोमवार रात को किसानों ने जींद-चंडीगढ़ हाईवे को कुछ देर के लिए जाम कर दिया था। उनका कहना था कि इंटरनेट के बंद होने से दफ़्तरों के कामकाज और बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। 

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, खाप से जुड़े एक एक नेता आज़ाद पालवा ने कहा कि इंटरनेट बंद होने की वजह से सभी लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार अफ़वाहें न फैलें, इसलिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करती थी लेकिन मोदी सरकार इसलिए यह काम करती है कि लोग सच्चाई से वाकिफ ना हो सकें। 

आज़ाद ने कहा कि सरकार लोगों की आवाज़ को दबाना चाहती है और उनकी दिनचर्या को बिगाड़कर उनका उत्पीड़न करना चाहती है। 

पालवा ने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को तोड़ना चाहती है लेकिन किसान सरकार की तानाशाही के आगे नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा कि हाईवे को जाम करने का फ़ैसला खाप पंचायतों के आह्वान पर लिया गया। 

किसान आंदोलन पर देखिए वीडियो- 

खट्टर सरकार का कहना है कि उसने सोशल मीडिया पर अफ़वाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट बंद किया है। खट्टर सरकार ने मंगलवार को (2G/3G/4G/CDMA/GPRS) व एसएमएस सेवाओं पर रोक को 3 फ़रवरी शाम 5 बजे तक बढ़ा दिया है। यह रोक कैथल, पानीपत, जींद, रोहतक, चरखी दादरी, सोनीपत और झज्जर में जारी रहेगी। इन इलाक़ों के लोग सिर्फ़ वाइस कॉल कर सकेंगे। 

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, खेड़ा खाप के अध्यक्ष सतबीर पहलवान ने कहा कि अब तक बीजेपी सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही थी लेकिन अब वह पूरे देश का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार डिजिटल इंडिया पर जोर देती है लेकिन इसने इंटरनेट को बंद किया हुआ है, जिससे बैंक औक दुकानों के काम पर असर पड़ रहा है। 

खाप के नेताओं ने सरकार की ओर से टिकरी बॉर्डर पर बिछाई जा रही नुकीली कीलों को लेकर उसकी आलोचना की। खाप के नेताओं ने कहा कि सरकार ने धरना स्थल पर राशन और पानी की सप्लाई रोक दी है और वह हमारे साथ ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे हम चीनी या पाकिस्तानी हों।

खाप के नेताओं ने कहा, ‘सरकार दिल्ली के बॉर्डर्स पर कंक्रीट के ढांचे क्यों बना रही है। उन्होंने बॉर्डर पर बैठे किसानों को घेर लिया है।’ एक अन्य खाप नेता विजेंद्र सिंधू कहते हैं कि सरकार इस तरह के इंतजाम पाकिस्तान से लगती सीमा पर क्यों नहीं करती जिससे आतंकवादियों को घुसपैठ करने से रोका जा सके। 

 - Satya Hindi

पश्चिमी यूपी में महापंचायतों का दौर

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली-यूपी के ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों को हटाने की कोशिश के बाद किसान नेता राकेश टिकैत के भावुक भाषण ने माहौल बदल दिया है। राकेश टिकैत जिस दिन भावुक हुए थे, उस दिन रात से ही पूरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश उबलने लगा था। कई गांवों से ट्रैक्टर-ट्रालियों में लोग ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचने लगे थे। उसके अगले दिन मुज़फ्फरनगर में पहली किसान महापंचायत हुई थी। मुज़फ्फरनगर के बाद मथुरा, बाग़पत और बिजनौर में महापंचायत हो चुकी हैं। 

6 फ़रवरी को जाम करेंगे सड़कें

दो महीने से ज़्यादा वक़्त से दिल्ली के बॉर्डर्स पर धरना दे रहे किसान नेताओं ने आंदोलन को धार देने का एलान किया है। सोमवार शाम को संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि वे 6 फ़रवरी को देश भर में सड़कों को जाम करेंगे। यह जाम दिन में 12 से 3 बजे तक लगाया जाएगा। किसान नेताओं ने 1 फ़रवरी को संसद मार्च का भी आह्वान किया था लेकिन 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद इसे स्थगित करना पड़ा था। 

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