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बृजभूषण को पहलवान के पास देखा था... कुछ तो ग़लत हुआ था: रेफरी

बृजभूषण को पहलवान के पास देखा था... कुछ तो ग़लत हुआ था: रेफरी

कुछ लोग आख़िर किस आधार पर यौन उत्पीड़न के आरोपी बीजेपी सांसद और डब्ल्यूएफ़आई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रहे हैं? जानिए, महिला पहलवानों के आरोपों के पक्ष में क्या सबूत मिले।

बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप लगाने वाली व्यस्क छह महिला पहलवानों में से एक द्वारा लगाए गए एक आरोप को एक अंतरराष्ट्रीय रेफरी ने पुष्टि की है। यह आरोप एक महिला पहलवान ने लगया था जिसमें कहा गया कि पिछले साल मार्च में टीम ने लखनऊ में एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल के अंत में एक तस्वीर खिंचवाई थी। महिला ने अपनी शिकायत में कहा है, 'जब मैं अंतिम पंक्ति में खड़ी थी (टीम फोटोग्राफ के लिए) … आरोपी (सिंह) आया और मेरे साथ खड़ा हो गया। मुझे अचानक मेरे नितंब पर किसी का हाथ महसूस हुआ। मैं आरोपी (सिंह) के कारनामों से दंग रह गयी। चूँकि वे बेहद घटिया और आपत्तिजनक थे और मेरी सहमति के बिना… जब मैंने दूर जाने की कोशिश की, तो मुझे जबरन मेरे कंधे से पकड़ लिया गया।'

2007 से अंतरराष्ट्रीय कुश्ती रेफरी जगबीर सिंह ने इस आरोप पर अपना बयान दर्ज कराया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जगबीर सिंह बृजभूषण और शिकायतकर्ता से कुछ फीट की दूरी पर खड़े थे। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने दिल्ली पुलिस के सामने अपनी गवाही में पहलवान के आरोप की पुष्टि की है। द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में जगबीर सिंह ने फोटो का हवाला दिया और कहा कि दिल्ली पुलिस ने उनसे इसके बारे में पूछा था।

रिपोर्ट के अनुसार जगबीर सिंह ने कहा, 'मैंने उन्हें (बृजभूषण) उनके (महिला पहलवान) बगल में खड़े देखा। उन्होंने खुद को छुड़ाया, धक्का दिया, बुदबुदाई और दूर हट गई। वह अध्यक्ष के बगल में खड़ी थीं, लेकिन फिर सामने आ गईं। मैंने देखा कि यह महिला पहलवान कैसी प्रतिक्रिया दे रही थी और वह असहज थी। उसके साथ कुछ गलत हुआ। मैंने उन्हें कुछ करते हुए नहीं देखा, लेकिन उसके हाथ पैर खूब चलते थे, इधर आ जा। इधर खड़ी हो जा। उसके (शिकायतकर्ता के) व्यवहार से यह स्पष्ट था कि उस दिन (फोटो सत्र के दौरान) कुछ गलत हुआ था।'

एफ़आईआर के अनुसार, बाद में बृजभूषण सिंह ने जबरन महिला पहलवान के कंधे को पकड़ लिया था, इससे पहले कि वह वहाँ से अलग होकर तस्वीर के लिए आगे की पंक्ति में जा पाती।

बता दें कि इससे पहले 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता ने भी एक महिला पहलवान द्वारा लगाए गए आरोप की पुष्टि की है। अनीता ने कहा कि शिकायतकर्ता ने उन्हें विदेश में एक टूर्नामेंट से उस घटना को साझा करने के लिए फोन किया था जहां बृजभूषण ने कथित तौर पर उन्हें अपने कमरे में बुलाया था और उसे जबरन गले लगाया था। पटियाला में राष्ट्रीय शिविर में लौटने के बाद अनीता को अपनी आपबीती सुनाते हुए शिकायतकर्ता रो पड़ी थीं। 

अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि स्वर्ण-पदक जीतने वाली रात को 'जबरन गले लगाने' के कारण उन्हें आघात लगा था।

महिला पहलवानों द्वारा दिल्ली में दर्ज कराई गई एफ़आईआर में इस महिला पहलवान ने पूरे घटनाक्रम को बताया है। एफ़आईआर में कहा गया है कि जिस दिन महिला पहलवान ने एक प्रमुख चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, आरोपी ने उन्हें अपने कमरे में बुलाया, उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध अपने बिस्तर पर बैठाया और उनकी सहमति के बिना जबरदस्ती गले लगाया। इसमें कहा गया है कि इसके बाद भी वर्षों तक, वह यौन उत्पीड़न के निरंतर कृत्य और बार-बार गंदी हरकतें करते रहे।

एफ़आईआर के अनुसार शिकायतकर्ता ने बृजभूषण सिंह के बारे में अपनी मां से भी बात की। इस पहलवान ने आरोप लगाया कि इनके जोरदार विरोध के बारे में जानकर भी उनतक पहुँचने के लिए उनकी माँ को फोन करने लगा। उन्होंने कहा कि उन्हें अपना निजी मोबाइल नंबर बदलना पड़ा।

रिपोर्ट के अनुसार सिंह पर आरोप है कि इसके बाद उन्होंने उनकी मां के फोन के जरिए पहलवान से फोन पर संपर्क करना शुरू कर दिया। पहलवान ने आरोप लगाया कि इस तरह के एक कॉल के दौरान उसने शारीरिक संबंध बनाने पर उन्हें सप्लीमेंट खरीदने की पेशकश की।

बहरहाल, बृजभूषण शरण सिंह ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उनके ख़िलाफ़ साज़िश रची जा रही है। इधर, प्रदर्शनकारी पहलवानों और सरकार के बीच लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध में बुधवार को सफलता मिली। पहलवान, ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने अनुराग ठाकुर से मुलाकात की और 15 जून तक अपना विरोध प्रदर्शन रोकने पर सहमत हुए। अनुराग ठाकुर ने कहा है कि दिल्ली पुलिस इस तारीख तक चार्जशीट दायर करेगी।

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