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चंद्रयान-3 पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने लिखा- 'अंतरिक्ष में वैश्विक महाशक्ति'

चंद्रयान-3 पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने लिखा- 'अंतरिक्ष में वैश्विक महाशक्ति'

इसरो के चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने को आख़िर अंतरराष्ट्रीय मीडिया कैसे देखता है? जानिए, प्रमुख अख़बारों ने क्या लिखा।

चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक उतरने की चर्चा दुनिया भर में हुई। दुनिया भर के नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी। और दुनिया भर के प्रमुख मीडिया ने भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के चंद्रयान-3 अभियान पर लिखा। 'भारत के चंद्रमा पर पहुँचने' पर न्यूयॉर्क टाइम्स से लेकर बीबीसी और द गार्जियन से लेकर वाशिंगटन पोस्ट में इसरो ने सुर्खियां बटोरीं।

चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुरू होने वाली 40 दिनों की यात्रा के बाद विक्रम लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग के ज़रिए चांद पर उतरा। इसके साथ ही भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश हो गया।

अमेरिका स्थित सीएनएन ने अपने लेख में लिखा कि यह चंद्र मिशन 'अंतरिक्ष में वैश्विक महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत कर सकता है'। बीबीसी ने इस उपलब्धि को 'भारत के लिए एक बड़ा क्षण' कहा और 'यह उन्हें अंतरिक्ष महाशक्ति सूची में ऊपर उठाता है।' 

द गार्जियन ने लिखा है, 'सफल लैंडिंग भारत के अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरने का प्रतीक है। क्योंकि सरकार निजी अंतरिक्ष प्रक्षेपण और संबंधित उपग्रह-आधारित व्यवसायों में निवेश को बढ़ावा देना चाहती है।'

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने इस मिशन को नरेंद्र मोदी सरकार की 'प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष शक्ति का प्रदर्शन करने की उत्सुकता' करार दिया। जापानी दैनिक निक्केई ने इसे 'ऐतिहासिक छलांग' कहकर मिशन की सराहना की क्योंकि यह 'दक्षिण एशियाई देश को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक पहुंचने वाला चौथा देश' बनाता है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा- चांद पर पहुंचने की ताज़ा रेस में भारत ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की। टीम इसरो ने चंद्रयान-3 को उस साउथ पोल पर लैंड करा दिया जहां अब तक कोई नहीं पहुंच पाया। जर्मनी का सरकार मीडिया डॉयचे वेले ने 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और अंतरिक्ष कार्यक्रम में भी बड़ी लीग का हिस्सा बनने में सक्षम' होने के लिए भारत की सराहना की।

वॉशिंगटन पोस्ट ने पिछले दिनों रूस के लूना मिशन की नाकामयाबी से भारत के चंद्रयान की तुलना करते हुए कहा है कि इंडियन साइंटिस्टों ने बहुत कम बजट में अपने काम को अंजाम दिया है। अख़बार ने भारत की कामयाबी को अनूठा तोहफा बताया।

प्रज्ञान रोवर ने काम शुरू किया

इसरो के प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक तैनात कर दिया गया है। चंद्रयान-3 के साथ ही यह रोवर चंद्रमा पर गया है। चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के कुछ घंटों बाद प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर उतरा और चंद्रमा की सैर की। इसके साथ ही वह रोवर काम पर लग गया है। 

विक्रम लैंडर बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरा। इसरो ने चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करते ही इतिहास रच दिया। अंतरिक्ष यान के विक्रम लैंडर ने शाम 6.04 बजे पर नरम लैंडिंग की। इसरो ने गुरुवार को एक पोस्ट में कहा, 'सीएच-3 रोवर लैंडर से नीचे उतरा और भारत ने चंद्रमा पर सैर की।' रोवर चंद्रमा की सतह पर 500 मीटर तक यात्रा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह चंद्रमा के भूविज्ञान, खनिज विज्ञान और वातावरण का अध्ययन करने के लिए प्रयोग करेगा।

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