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ओमिक्रॉन से बचने के लिए 40 से ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज़ देगी सरकार?

ओमिक्रॉन से बचने के लिए 40 से ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज़ देगी सरकार?

प्रयोगशालाओं के कंसोर्शियम आईएएसएसीओजी ने केंद्र सरकार से कहा है कि ओमिक्रॉन रोकने के लिए बूस्टर डोज़ दे। क्या सरकार इसके लिए तैयार है?

ऐसे समय जब लगभग 30 प्रतिशत लोगों को ही कोरोना टीके की दोनो खु़राकें दी गई हैं, 28 प्रयोगशालाओं के एक समूह ने गहन शोध के बाद केंद्र सरकार से कहा है कि वह 40 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज़ यानी तीसरी खुराक़ देने पर विचार करे। ओमिक्रॉन वायरस के पता चलने और तेज़ी से उसके फैलने की आशंकाओं के बीच यह सलाह दी गई है। 

इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक्स (आईएनएसएसीओजी) ने केंद्र सरकार से कहा है, "40 साल से ऊपर के सभी लोगों को बूस्टर डोज़, हाई रिस्क और हाई एक्सपोज़र वाले लोगों को कोरोना टीका दिया जाना चाहिए।"

इस संस्था ने इसकी वजह बताते हुए कहा है, 

कम न्यूट्रलाइजिंग क्षमता वाले एंटीबॉडी ओमिक्रॉन को रोकने में कामयाब नहीं होंगे, हालांकि वे जोखिम कम कर सकते हैं।


इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक्स

कई प्रयोगशालाओं के इस सरकारी कंसोर्शियम ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि ओमिक्रॉन वायरस का जल्द पता लगाने के लिए जीनोमिक सर्वीलांस करना ज़रूरी है। 

आईएनएसएसीओजी ने यह सिफ़ारिश ऐसे समय की है जब अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फ़ॉची ने भी कहा है कि पूरी तरह से वैक्‍सीनेटेड व्‍यस्‍कों को बूस्‍टर डोज़ दिया जाना चाहिए।

चिंता की बात

कर्नाटक के विशेषज्ञों का कहना है कि जिन दो लोगों में ओमिक्रॉन वायरस पाए गए हैं, वे इसके पहले कभी विदेश यात्रा पर नहीं गए, लिहाज़ा उनके वहां संक्रमित होने की कोई संभावना नहीं है। इससे यह कहा जा सकता है कि दक्षिण अफ्रीका में पता चलने से पहले ही ओमिक्रॉन वायरस भारत में रहे हों। 

कर्नाटक में ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों में एक बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल के एनस्थेसियोलॉजिस्ट हैं। वे कभी विदेश नहीं गए हैं। उन्होंने 20 नवंबर को बेंगलुरु के एक पाँच-सितारा होटल में एक कॉन्फ्रेंस में शिरकत की और अगले ही दिन उनमें ओमिक्रॉन संक्रमण के लक्षण पाए गए।

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