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इंदौर के चर्चित बल्ला पिटाई कांड में विधायक से पिटने वाला अफसर कोर्ट में मुकरा

इंदौर के चर्चित बल्ला पिटाई कांड में विधायक से पिटने वाला अफसर कोर्ट में मुकरा

कैमरे पर बैट से अधिकारी को पिटाई करते दिखे कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय फिर से चर्चा में हैं। जानिए, पिटाई का आरोप लगाने वाले अधिकारी ने अब ऐसा क्या कह दिया।

पहले आवेदन, फिर निवेदन और उसके बाद दे दनदान… इस डायलॉग के साथ इंदौर नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अमले के अफसर की बीजेपी विधायक द्वारा सरेआम बल्ले से पिटाई के दृश्यों को शायद ही कोई भूला होगा! देशवासी भले ही ना भूल पायें हों, लेकिन जमकर पिटने वाला निगम का अफसर कोर्ट में ‘स्मरण’ नहीं कर पाया कि-‘पिटाई किसने की थी!’

27 जून 2019 को इंदौर में पूरा घटनाक्रम हुआ था। इंदौर नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी अमला, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय के निर्वाचन क्षेत्र इंदौर तीन में अवैध कब्जे हटाने पहुंचा था। भनक लगने पर आकाश भी मौक़े पर पहुंच गये थे। विजयवर्गीय के पहुंचते ही उनके समर्थक बेकाबू हो गये थे। अमले की जेसीबी की चाबी समर्थकों ने निकालकर कार्रवाई रोकने का प्रयास किया था।

भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को उनके निर्वाचन क्षेत्र में इस तरह की कार्रवाई बेहद नागवार गुजरी थी। उन्होंने अमले को चेतावनी देते हुए कहा था, ‘10 मिनट में यहां से निकल जायें, अन्यथा जो भी होगा उसके ज़िम्मेदार आप लोग ही होगे।’

इसके बाद अमले के साथ जमकर हुज्जत हुई थी। अतिक्रमण विरोधी दस्ते की अगुवाई करने वाले आईएमसी (इंदौर म्युनिसिपल कार्पोरेशन) के अधिकारी धीरेंद्र बायस को आकाश ने कथित तौर पर क्रिकेट बैट से पीटना शुरू कर दिया था। सामने आये अन्य अफसर असित खरे की भी उन्होंने कथित तौर पिटाई की थी। आकाश के समर्थकों ने भी अमले और अधिकारियों पर हाथ साफ़ किए थे।

घटना के वक़्त राज्य में कमलनाथ की सरकार थी। गृहमंत्री पद पर बाला बच्चन काबिज़ थे। बच्चन ने आदेश दिया था कि क़ानून को अपने हाथ में लेने वाले बीजेपी विधायक आकाश और उनके समर्थकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

पूरे घटनाक्रम के वीडियो फुटेज़ जमकर वायरल हुए थे। देश भर के मीडिया के सुर्खियों में यह घटना रही थी। इस मुद्दे पर बीजेपी चौतरफ़ा घिरी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘सरकारी अधिकारी और अमले पर हमला करने वाला चाहे किसी का भी बेटा हो, इस तरह का रवैया बर्दाश्त योग्य नहीं माना जा सकता। क़ानून के तहत ही काम होगा।’

इधर मध्य प्रदेश सरकार के निर्देशों पर आकाश विजयवर्गीय सहित कुल 11 लोगों को पूरे घटनाक्रम में आरोपी बनाया गया था। गिरफ्तारियां हुई थीं। आकाश और उसका साथ देने वालों को कई दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा था।

‘चार लोग क्रिकेट बैट लेकर खड़े हुए थे’

यह पूरा मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट में बयानों का सिलसिला चल रहा है। इसी क्रम में गत दिवस निगम के अफसर धीरेन्द्र बायस के बयान हुए।

बायस ने कोर्ट को दिए गए अपने बयान में कहा है, ‘उन पर पीछे से हमला हुआ था। मैंने नहीं देखा था कि हमला आकाश ने किया या किसी और ने। उस दिन मैं फोन पर बात कर रहा था और मेरे पीछे 4 लोग बल्ला लेकर खड़े थे। किसने मुझे मारा था, यह मुझे नहीं पता। पीछे चार लोगों के साथ आकाश विजयवर्गीय भी खड़े हुए थे।’

बायस के इस बयान के बाद आकाश और उनके अन्य समर्थक आरोपियों को मामले में राहत मिलना तय माना जा रहा है।

घटना वाले दिन यह थी बायस की शिकायत

घटना के बाद धीरेन्द्र बायस ने पुलिस में की गई शिकायत में बीजेपी विधायक और उनके समर्थकों पर मारपीट एवं सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप लगाए थे। जबकि आकाश विजयवर्गीय ने घटना वाले दिन अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, ‘मैं बहुत ग़ुस्से में था। मैंने क्या कर दिया मुझे पता नहीं है। निगम के अफसर ने एक महिला के साथ गाली-गलौज की थी। हाथ पकड़ा था। इस वजह से मुझे ग़ुस्सा आ गया था।’

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