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यूक्रेन: छात्राओं की गुहार- हो रही बमबारी, हमें यहां से बाहर निकालें 

यूक्रेन: छात्राओं की गुहार- हो रही बमबारी, हमें यहां से बाहर निकालें 

रूस औऱ यूक्रेन के बीच हो रही जंग को देखते हुए सभी भारतीयों को वहां से निकालना बेहद मुश्किल काम बन गया है। भारतीय छात्रों और उनके परिजनों की चिंता भी बढ़ती जा रही है।  

लगभग 500 भारतीय छात्र-छात्राएं पूर्वी यूक्रेन के सुमी शहर में फंसे हुए हैं। यह इलाका रूस के बॉर्डर से 2 घंटे दूर है। यहां फंसी कुछ भारतीय छात्राओं ने अपील की है कि उन्हें रूस के रास्ते से बाहर निकाला जाए। इनका कहना है कि उनके लिए 20 घंटे का रास्ता तय कर यूक्रेन के पश्चिमी इलाके में पहुंचना मुमकिन नहीं है क्योंकि सड़क के रास्तों में धमाके हो रहे हैं और रेलवे ट्रैक धमाकों के कारण तहस-नहस हो गए हैं।

छात्राओं ने भारतीय दूतावास से कहा है कि उन्हें जल्द से जल्द यहां से निकाल लिया जाए। इसके अलावा बंकरों में रह रहे कुछ भारतीयों ने कहा है कि वे नहीं जानते कि कहां से बम गिरेगा। 

खारकीव में मंगलवार को हुए रूसी सैनिकों के हमले में भारतीय छात्र की मौत के बाद तमाम दूसरे छात्र बुरी तरह डरे हुए हैं। इसके साथ ही उनके परिजनों की भी चिंता बहुत ज्यादा बढ़ गई है।

सुमी शहर खारकीव से 200 किलोमीटर दूर है। ऐसा अंदेशा है कि आने वाले दिनों में रूस और यूक्रेन के बीच में युद्ध और बढ़ सकता है और इसे लेकर भी भारतीय छात्रों और उनके परिजनों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।

बंकरों में गुजार रहे रात

सुमी मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली इन छात्राओं ने कहा है कि वे लोग कॉलेज के बंकरों में रात गुजार रहे हैं और यहां पर बहुत ज्यादा ठंड है। यहां लगातार बमबारी हो रही है और आम लोगों ने भी हाथों में हथियार लिए हुए हैं। इसके अलावा यहां खाने और पानी की भी कमी हो गई है। 

उधर, भारत अगले 3 दिन में यूक्रेन से पड़ोसी देशों में पहुंच चुके भारतीयों को निकालने के लिए 26 फ्लाइट्स को भेजेगा। ऑपरेशन मिशन गंगा के तहत 8 मार्च तक भारत 46 फ्लाइट्स के जरिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में फंसे भारतीयों को लेकर आएगा।

हालात को देखते हुए कीव में स्थित भारतीय दूतावास को बंद कर दिया गया है और यहां के स्टाफ को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है।

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