वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बेहद अहम कदम उठाते हुए आयकर रिटर्न की तारीख़ बढ़ा दी है। यानी, आपको आईटी रिटर्न भरने में अतिरिक्त समय मिलेगा। उस समय तक रिटर्न भरने और उस समय तक आयकर भरने पर आपको किसी तरह का ज़ुर्माना नहीं भरना होगा।
- आयकर रिटर्न जमा करने की तारीख़ वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए पहले 31 जुलाई थी।
- अब आप 30 नवंबर तक आयकर रिटर्न जमा कर सकते हैं।
- इस पर किसी तरह का ज़ुर्माना नहीं लगेगा।
- उस समय तक आपको किसी तरह का कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा।
- इस वित्तीय वर्ष के लिए पहले इनकम टैक्स असेसमेंट की तारीख़ 31 सितंबर थी।
- इनकम टैक्स असेसमेंट की तारीख़ बढ़ा कर 31 अक्टूबर कर दी गई है।
- इसका मतलब यह हुआ कि नियोक्ताओं को यह छूट होगी कि वे उस समय तक टैक्स एकत्रित कर सरकार के पास जमा करा दें और उसकी विस्तृत जानकारी सराकर के दे दें।
करदाताओं को क्या मिला?
यह अहम इसलिए है कि लगभग दो करोड़ आयकर रिटर्न जमा करने वाले लोग इस समय देश में हैं। पूरा वेतनभोगी समुदाय और मध्य वर्ग टैक्स भरता है। उन्हें थोड़ी राहत मिल जाएगी।लेकिन सवाल यह है कि इन आयकर दाताओं को क्या कोई वित्तीय फ़ायदा होगा। करदाताओं को पहले जितना कर देना था, वह अब भी देना ही होगा। इस मामले में उन्हें कोई राहत नहीं मिलेगी।
ग़ैर-वेतनभोगी लोगों को राहत
निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि ग़ैर-वेतनभोगी लोगों को टीडीएस और टीसीएस रेट में 25 प्रतिशत की कटौती का लाभ मिलेगा। यह राहत मार्च 2021 तक मिलती रहेगी।इसके अलावा सभी चैरिटेबल संस्थानों, सहकारी संस्थाओं, लघु उद्योगों और स्वरोज़गार में लगी संस्थाओं के लिए टैक्स रिफंड जारी करने का आदेश भी दिया गया।