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चीन के कोरोना वाइरस से फटेहाल होगी भारत की बदहाल अर्थव्यवस्था?

चीन के कोरोना वाइरस से फटेहाल होगी भारत की बदहाल अर्थव्यवस्था?

भारत की अर्थव्यवस्था पहले से बदहाल है, ऐसे में चीन में फैले कोरोना वाइरस का असर इस पर पड़ेगा तो इसकी स्थिति और बदतर होगी।

चीन में कोरोना वाइरस से जुड़ी महामारी के फैलने से भारत को करोड़ों डॉलर के व्यवसाय का नुक़सान होगा। ऐपल और फ़ॉक्सकॉन जैसी बड़ी कंपनियों से लेकर छोटे-मोटे काम करने वाली कंपनियों पर इसका असर पड़ेगा। इससे नौकरियाँ जाएंगी, आयात- निर्यात कम होंगे और सरकार को कर के रूप में पहले से कम पैसे मिलेंगे।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपने एक अध्ययन में पाया है कि चीन में बनने वाले उपकरण की कमी होगी। मोबाइल फ़ोन और टेलीविज़न सेट्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों तक की कमी भारत में देखी जाएगी। शियोमी, वोवो, ओप्पो, वन प्लस, लीनोवो, ऐपल, रीयलमी के उपकरणों की आपूर्ति कम होगी। टीसीएल और लीनोवो जैसी बड़ी कंपनियों के उत्पाद भी कम होंगे।

इसका असर यह होगा कि फ़ॉक्सकॉन और स्काईवर्थ जैसी कंपनियों के कामकाज पर भी बुरा असर पड़ेगा। ये दोनों कंपनियां टेलीविज़न के उपकरण बनाती हैं और चीन व भारत में उनका बहुत बड़ा बाज़ार है। 

भारत पर कैसे पड़ेगा असर?

भारत के उद्योग-व्यापार जगत पर असर कैसे पडे़गा, यह इससे समझा जा सकता है कि भारत में बीते दिनों कई कारखाने खुले हैं, जो मोबाइल फ़ोन बनाते हैं। पर ये ईकाइयाँ चीनी कंपनियों ने या तो ख़ुद या किसी स्थानीय कंपनी के साथ मिल कर खोली हैं और ये पूरी तरह चीनी कल-पुर्जों पर निर्भर हैं।

चीनी कल-पुर्जों की आपूर्ति कम होने से उत्पादन पर असर पड़ेगा। उत्पादन कम होने से रोज़गार कम होगा यानी लोग नौकरी से निकाले जाएंगे। सरकार को कर के रूप में कम पैसे मिलेंगे।

उपाय क्या है?

हालाँकि इन ईकाइयों ने बफ़र स्टॉक के रूप में पहले से ही कल-पुर्जे जमा कर रखे थे, पर उनका इस्तेमाल हो रहा है, स्टॉक ख़त्म होता जा रहा है। यह स्टॉक ख़त्म हो जाएगा तो उत्पादन ठप ही हो जाएगा।

कुछ कंपनियों ने इस स्थिति से निबटने के लिए वियतनाम जैसे देशों से उपकरण वगैरह आयात करने की योजना बनाई है। पर वियतनाम स्थित ईकाइयों के पास कितने उपकरण होंगे और वे कितने समय तक उपकरणों की आपूर्ति कर पाएंगी, यह सवाल अहम है।

एक चीनी कंपनी के आला अफ़सर ने कहा, ‘हम स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं, स्थिति बदल सकती है।’ 

ऑटो सेक्टर पर असर?

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऑटो उद्योग पर कोरोना वाइरस की बहुत बुरी मार पड़ने वाली है। भारत में बिजली से चलने वाली गड़ियाँ आने लगी हैं, ख़ास कर दोपहिया वाहनों के सेक्टर में। चीन के पास इस सेक्टर में एकाधिकार है। दिल्ली के नज़दीक ग्रेटर नोयडा में 5 फ़रवरी से 12 फ़रवरी तक ऑटो एक्सपो लगने वाला है।

इसमें एसएआईसी, बीवाईडी, ग्रेट वॉल और एफ़एडब्लू जैसी कंपनियों के भाग लेने की पूरी संभावना है। ये सभी चीनी कंपनियाँ हैं। यह एक्सपो ऐसे समय होने वाला है जब चीन में कोरोना वाइरस का मामला ज़ोर पकड़ चुका है।

भारत में कार बनाने वाली कंपनियों के समूह सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटो मैन्युफ़ैक्चरर्स इस पर पैनी नज़र रखे हुए है। सियाम के प्रमुख राजन वढेरा ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से कहा, ‘सियाम के सारे सदस्य सरकार के दिशा निर्देशों का ख्याल रखते हैं और पूरी तत्परता से उसका पालन करते हैं।’

चीन के नव वर्ष का उत्सव शुरू हो चुका है। इस समय लगभग पूरा चीन ही बंद रहता है, लगभग सारे ही चीनी छुट्टियों पर रहते हैं, अपने-अपने घर जाते हैं। अनुमान है कि लगभग 1 अरब लोग चीन में एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। इस वजह से इस समय तो चीन सरकार या चीनी कंपनियाँ इस मामले में ठीक से रिएक्ट नहीं कर रही हैं।

पर कुछ दिनों बाद स्थिति साफ़ हो जाएगी। यह साफ़ हो जाएगा कि चीन सरकार किस तरह इस रोग को फैलने से रोकती है और उसका उद्योग जगत पर क्या असर पड़ता है। इसके साथ ही यह भी साफ़ हो जाएगा कि भारतीय उद्योग जगत या भारत में काम करने वाली कंपनियाँ क्या करती हैं।    

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