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अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए कैसे बढ़ रहे भारतीय मूल के दावेदार?

अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए कैसे बढ़ रहे भारतीय मूल के दावेदार?

अमेरिका में जिस रूढ़िवादी दल रिपब्लिकन पार्टी से आप्रवासी आम तौर पर दूरी बनाए रखते हैं उसमें ही अब दूसरे आप्रवासी ने कैसे राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर दावा पेश कर दिया?

2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के लिए पहले भारतीय अमेरिकी निक्की हेली ने दावा पेश किया था और अब एक अन्य भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने भी उम्मीदवारी का दावा करने की घोषणा की है। इस राष्ट्रपति चुनाव में ये भारतीय मूल के दूसरे शख्स हैं जिन्होंने सर्वोच्च पद के लिए दावा किया है। लेकिन रोचक तथ्य यह है कि ये दोनों ही उस रिपब्लिकन पार्टी से हैं जो रूढ़ीवादी पार्टी है। 

रिपब्लिकन पार्टी दक्षिणपंथी विचारधारा वाला दल है जो आम तौर पर गर्भपात, शादियों व समलैंगिकों के अधिकारों के मामले में रूढ़िवादी विचार रखता है। परिवार व शादी से संबंधित मामलों में रिपब्लिकन लोग पारंपरिक ईसाई मूल्यों व मान्यताओं को मानते हैं। इसी कारण यह गर्भपात, समलैंगिक शादियों व समलैंगिकों के अधिकारों का विरोध करते हैं। रिपब्लिकन पार्टी में सामान्य तौर पर श्वेत लोगों का प्रभुत्व है व प्रवासी लोग अक्सर इनसे दूरी बनाए रखते हैं। इसके बावजूद दो भारतीय मूल के लोगों का दावा ठोकना, काफी अहम है।

भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी ने योग्यता को तवज्जो देने और चीन पर निर्भरता समाप्त करने के वादे के साथ अपनी 2024 की राष्ट्रपति पद की दौड़ शुरू की है। रामास्वामी के माता-पिता केरल से संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए थे और ओहियो में एक जनरल इलेक्ट्रिक प्लांट में काम करते थे। 

एक वीडियो में उन्होंने अपनी दावेदारी की घोषणा यह कहते हुए की कि अमेरिका में इस समय एक 'राष्ट्रीय पहचान का संकट' खड़ा हो गया है जो एक वामपंथी विचारधारा द्वारा चलाया जा रहा है। बता दें कि डेमोक्रेटिक पार्टी सामाजिक मुद्दों पर उदारवादी रूख रखने वाली वामपंथी पार्टी मानी जाती है।

उन्होंने कहा, 'मैं अमेरिका को सबसे पहले रखने के पक्ष में हूं, लेकिन अमेरिका को पहले रखने के लिए, हमें सबसे पहले यह पता लगाना होगा कि अमेरिका क्या है।'

रामास्वामी रिपब्लिकन प्रेसिडेंशियल प्राइमरी में प्रवेश करने वाले दूसरे भारतीय-अमेरिकी हैं।

इस महीने की शुरुआत में दक्षिण कैरोलिना के दो-कार्यकाल के पूर्व गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने अपने राष्ट्रपति अभियान की घोषणा की। उन्होंने घोषणा की कि वह रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन के लिए अपने पूर्व बॉस और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी।

बता दें कि अन्य देशों से आए प्रवासियों की तरह ही यहाँ भारतीय लोग भी मुख्यत: डेमोक्रेटिक विचारधारा के ही समर्थक हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार लगभग 65% अमेरिकी भारतीय या तो डेमोक्रेट हैं या डेमोक्रेटिक विचारधारा की ओर झुकाव रखते हैं। अमेरिका की मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का भी भारत से जुड़ाव रहा है। वह संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रथम महिला उप राष्ट्रपति हैं। वह जनवरी 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ उपराष्ट्रपति बनीं, उन्होंने 2020 के चुनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस को हराया था।

एक अनुमान के अनुसार अमेरिका में 34 लाख से ज़्यादा भारतीय रहते हैं। इनमें से काफी लोग उच्च शिक्षा व कामकाज के वीजा पर हैं। क़रीब एक तिहाई लोग ग्रीन कार्ड हासिल कर अमेरिका की नागरिकता ले चुके हैं। माना जाता है कि अमेरिका में 10 लाख से भी ज़्यादा भारतीय मूल के मतदाता हैं। 

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