इंडिगो की दो घरेलू उड़ानों के बीच हवा में टक्कर से बाल-बाल बचाव के मुद्दे की जांच सिविल एविएशन के डीजी करेंगे। एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन की घटना के बारे में भारत के विमानन रेगुलेटरी डीजीसीए को सूचित किया गया था और डीजीसीए के महानिदेशक अरुण कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था। अरुण कुमार ने बताया, "हम जांच कर रहे हैं और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।" इंडिगो एयरलाइंस ने घटना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, बेंगलुरु से कोलकाता और दूसरी भुवनेश्वर से इंडिगो की दो उड़ानों की नज़दीकी राडार ऑपरेटरों और एटीसी अधिकारियों के बीच लापरवाही और गलत कम्युनिकेशन को दर्शाती है। क्योंकि दो विमान एक ही एयर वे पर काम नहीं कर सकते।
डीजीसीए के अधिकारी ने बताया, "7 जनवरी, 2022 को, इंडिगो की दो उड़ानें 6ई 455 (बेंगलुरु-कोलकाता) और 6ई 246 (बेंगलुरु-भुवनेश्वर) बेंगलुरू हवाईअड्डे पर इस कथित घटना में शामिल थीं।"
"दोनों रनवे उपयोग में थे, शिफ्ट पर अधिकारी ने सिंगल रनवे ऑपरेशन यानी आगमन और प्रस्थान के लिए नॉर्थ रनवे के लिए फैसला किया। साउथ रनवे बंद था। लेकिन साउथ टॉवर कंट्रोलर को इसकी सूचना नहीं दी गई थी। साउथ टॉवर कंट्रोलर ने 6E 455 कोलकाता बाउंड एयरक्राफ्ट को डिपार्चर दिया था। और साथ ही नॉर्थ टावर कंट्रोलर ने बिना समन्वय के 6ई 246 भुवनेश्वर जाने वाले विमान को रवाना कर दिया।" एक प्रथम दृष्टया रिपोर्ट में कहा गया है -
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घटना के समय रडार नियंत्रकों और एटीसी अधिकारियों के बीच कम्युनिकेशन की कमी के कारण घटना हुई।" एयरबस की इंडिगो फ्लाइट में सैकड़ों यात्री सवार थे।
रिपोर्ट में सुझाव दिया कि दोनों विमानों ने अपने निर्दिष्ट गंतव्यों के लिए उड़ान भरी और बेंगलुरु के ऊपर आसमान में 3000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर हवा में आमना-सामना हुआ। लेकिन पायलट हादसा बचा ले गए।