तुषार गांधी ने आरएसएस को 'कैंसर' कहा, इस पर संघ वालों ने ये किया

09:15 am Mar 13, 2025 | सत्य ब्यूरो

केरल में महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी के साथ आरएसएस के लोगों ने धक्कामुक्की की। तुषार गांधी ने सिर्फ यह कहा था कि आरएसएस कैंसर की तरह है जो देश की आत्मा में फैल रहा है। इस पर आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने खूब शोर मचाया और उनके साथ बदसलूकी की। यह घटना तिरुवनंतपुरम जिले के नेय्यातिनकारा में बुधवार शाम को हुई। इससे वहां कुछ देर के लिए तनाव भी बना। 

केरल में तुषार गांधी का घेराव करते आरएसएस के लोग

नेय्यातिनकारा में टीबी जंक्शन के पास गांधीवादी नेता गोपीनाथन नायर की प्रतिमा के अनावरण के दौरान यह घटना हुई। अपने भाषण में तुषार गांधी ने कहा, “राष्ट्र की आत्मा कैंसर से ग्रसित है और संघ परिवार इसे फैला रहा है।” इस बयान से कार्यक्रम में मौजूद भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं में फौरन आक्रोश भड़क उठा, जिन्होंने मांग की कि वह अपने शब्द वापस लें और माफ़ी मांगें। पीछे हटने से इनकार करते हुए तुषार गांधी अपने रुख पर अड़े रहे। 

इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया। नारे लगाए और उनके साथ धक्का-मुक्की की। तुषार गांधी जब जाने के लिए कार की तरफ बढ़ने लगे तो आरएसएस कार्यकर्ताओं ने उनका रास्ता रोकने की कोशिश की। इससे विचलित हुए बिना, तुषार गांधी ने कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलते समय “गांधी की जय” का नारा लगाया। फिर उन्होंने अपना नारा और तेज कर दिया। “आरएसएस मुर्दाबाद” और “गांधीजी जिंदाबाद” जैसे नारे हालांकि संघियों के शोर में डूब गये। स्थानीय अधिकारियों ने स्थिति को संभालने के लिए हस्तक्षेप किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई तनाव न बढ़े। 

इस टकराव ने कुछ समय के लिए कार्यक्रम को बाधित किया, लेकिन तुषार गांधी इसी अराजकता के बीच वहां से बाहर निकलने में कामयाब रहे। इस विरोध प्रदर्शन ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। कांग्रेस पार्टी ने आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं की हरकतों की तुरंत निंदा की।

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के. सुधाकरन ने एक तीखा बयान जारी किया, जिसमें संघ परिवार पर “नाथूराम गोडसे के भूत” का साया होने का आरोप लगाया, जिसने 1948 में महात्मा गांधी की हत्या की थी। सुधाकरन ने इस घटना पर चुप्पी के लिए सत्तारूढ़ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीएम) की भी आलोचना की, बढ़ते तनाव पर उसके रुख पर सवाल उठाया। 

इस प्रकरण ने भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, वैचारिक मतभेदों और महात्मा गांधी की विरासत पर बहस को फिर से सुलगा दिया है। अभी तक, न तो आरएसएस और न ही भाजपा ने तुषार गांधी के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी की है, लेकिन यह घटना भारत में गहराते राजनीतिक विभाजन को बताती है। आरएसएस से जुड़े लोग खुलेआम गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन कर रहे हैं। 

रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी