भारत में घुसने की फिराक में 500 आतंकवादी: सूत्र

06:07 pm Sep 23, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

सूत्रों के मुताबिक़, क़रीब 500 आतंकवादी भारत में घुसने की फिराक में हैं और सीमा के पास मौजूद हैं। भारतीय सेना इसका जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। सोमवार को ही सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि पाकिस्तान ने बालाकोट में अपने आतंकवादी कैंपों को फिर से सक्रिय कर दिया है। बालाकोट में ही पुलवामा हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी। पुलवामा हमले में भारत के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे।

सेना प्रमुख ने कहा कि इन आतंकवादियों से निपटने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है। बता दें कि बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान ने कई बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है लेकिन भारत ने हर बार इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है।

सेना प्रमुख ने चेन्नई में कहा था कि पाकिस्तान ने बालाकोट के कैंप को हाल ही में फिर से सक्रिय किया है और इससे यह पता चलता है कि भारतीय वायु सेना के हमले में इसे नुक़सान पहुँचा था और यह ख़त्म हो चुका था। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कल ही ह्यूस्टन में हुए हाऊडी मोडी शो में कहा था कि यह आतंकवाद और जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उनसे लड़ने का समय है। प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा था कि चाहे वह अमेरिका में हुए 9/11 का हमला हो या मुंबई में हुआ 26/11 का हमला, इसके साज़िशकर्ता कहां मिले थे। मोदी ने वहाँ मौजूद भारतीयों से कहा था कि यह केवल आप ही नहीं पूरी दुनिया जानती है। 

भारत ने पुलवामा हमले का आरोप आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद पर लगाया था और भारत के ही दबाव के बाद जैश के सरगना मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा था कि उनके देश में कोई भी आतंकवादी संगठन नहीं चल रहा है। लेकिन सेना प्रमुख के बयान के बाद यह साफ़ है कि इमरान ख़ान का आतंकवाद से लड़ने का दावा झूठा है। 

पाकिस्तान भयंकर आर्थिक बदहाली झेल रहा है और उस पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफ़एटीएफ़) की ब्लैक लिस्ट में डाले जाने का ख़तरा मंडरा रहा है।

एफ़एटीएफ़ की ब्लैक लिस्ट में आने के डर से ही पाकिस्तान ने इस साल 17 जुलाई को आतंकवादी संगठन जमात-उद दावा के सरगना हाफ़िज़ सईद को गिरफ़्तार कर लिया था। 

कुछ दिन पहले ही भारत सरकार ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अज़हर, हाफ़िज़ सईद, लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर ज़की-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को यूएपीए क़ानून के तहत आतंकवादी घोषित किया था।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और वह दुनिया भर में इस मुद्दे को उठा चुका है। लेकिन चीन के अलावा किसी भी देश से उसे कोई समर्थन नहीं मिला है। इस सबसे हताश होकर वह भारत में आतंकवादी हमले करने की बड़ी साज़िश रच सकता है। पाकिस्तान के मंत्री तक यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनकी सरकार आतंकवादी संगठन जमात-उद दावा पर लाखों रुपये खर्च कर चुकी है। 

भारत सरकार स्पष्ट कह चुकी है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना पूरी तरह भारत का आतंरिक मामला है लेकिन फिर भी पाकिस्तान परमाणु युद्ध की धमकियाँ देता रहता है, यह जानते हुए भी कि वह सैन्य ताक़त में भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता। 

पाकिस्तान ने आतंकवाद को अपना हथियार बनाकर बहुत बड़ी ग़लती की है और इसका सीधा नतीजा यह है कि वह भयानक मुसीबत के दौर से गुज़र रहा है। आतंकवाद का यह भस्मासुर उसे निगल जाने की तैयारी में है। भारत से अलग होने के बाद वह एक विखंडन झेल चुका है और आतंकवाद को पनाह देते-देते अब वह ख़ुद आतंकवाद का शिकार बन गया है।