रामदेव के बयानों का विरोध, काला दिन मना रहे एलोपैथिक डॉक्टर्स

12:37 pm Jun 01, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

एलोपैथिक पद्धति को लेकर दिए गए बयानों को लेकर डॉक्टर्स के निशाने पर आए योग गुरू रामदेव के ख़िलाफ़ विरोध बढ़ता जा रहा है। इस पद्धति से इलाज करने वाले डॉक्टर्स मंगलवार को काला दिन मना रहे हैं। रामदेव का एक वीडियो हाल ही में वायरल हुआ था, जिसमें वह एलोपैथिक पद्धति को दिवालिया साइंस और एलोपैथिक दवाइयों की वजह से लाखों लोगों की मौत हो जाने की बात कह रहे थे। 

फ़ेडरेशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। फ़ेडरेशन का कहना है कि उसकी ओर से कई बार रामदेव के बयानों के ख़िलाफ़ आपत्ति दर्ज कराई जा चुकी है लेकिन अब तक योग गुरू के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई है और इस वजह से उन्हें 1 जून को राष्ट्रीय स्तर पर काला दिन मनाने का आह्वान करना पड़ा। हालांकि उन्होंने कहा है कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी तरह की बाधा नहीं पैदा होगी। 

काली पट्टी बांधकर विरोध 

फ़ेडरेशन की ही तरह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी रामदेव से बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने के लिए कहा था। आईएमए भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल है और इसके तहत डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं। 

रामदेव को लेकर हुए विवाद पर देखिए चर्चा- 

नोटिस भेजा था

आईएमए ने कुछ दिन पहले रामदेव के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। एसोसिएशन ने अपील की थी कि मोदी रामदेव के द्वारा टीकाकरण के ख़िलाफ़ चलाए जा रहे कुप्रचार को रोकें। आईएमए ने यह भी अपील की थी कि प्रधानमंत्री मोदी रामदेव के ख़िलाफ़ राजद्रोह के क़ानून के तहत उचित कार्रवाई करें। 

आईएमए ने रामदेव से कहा था कि वह अपने इस बयान के लिए 15 दिन के भीतर माफ़ी मांग लें और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें 1000 करोड़ रुपये मानहानि के रूप में देने होंगे। 

आरोपों का खंडन करें 

नोटिस में यह भी कहा गया था कि रामदेव एक वीडियो बनाकर जारी करें जिसमें वे अब तक एलोपैथी को लेकर लगाए गए सभी आरोपों का खंडन करें। इसके अलावा वे अपने उस विज्ञापन को भी सभी जगहों से वापस ले लें जिसमें वे अपनी कोरोनिल किट का समर्थन कर रहे हैं। 

बयान पर हुआ था बवाल 

रामदेव के इन बयानों को लेकर डॉक्टर्स ने उन्हें ख़ूब खरी-खोटी सुनाई और सोशल मीडिया पर भी लोगों ने रामदेव को आड़े हाथों लिया है। बवाल बढ़ने के बाद केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने रामदेव से इस बयान को वापस लेने को कहा था। डॉक्टर हर्षवर्धन ने ख़ुद भी इस बयान को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। इसके बाद रामदेव को अपना बयान वापस लेना पड़ा था। 

रामदेव का एक और बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वह कह रहे हैं कि उन्हें किसी का बाप भी अरेस्ट नहीं कर सकता। इसमें वह उन लोगों का जिक्र कर रहे हैं जो लोग उनके ख़िलाफ़ ट्विटर पर लगातार ट्रेंड चलाते रहते हैं।

‘ईसाईयत में बदलने का षड्यंत्र’ 

रामदेव ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ओपन लैटर जारी किया है और इसमें आईएमए से 25 सवाल पूछे हैं। इन सवालों में यह भी पूछा गया है कि क्या एलोपैथी में हाइपरटेंशन और डायबिटीज के टाइप-1 और टाइप-2 का कोई पक्का इलाज है। इसके बाद रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण ने ट्वीट कर कहा कि पूरे देश को ईसाईयत में बदलने के षड्यंत्र के तहत रामदेव को निशाना बनाकर योग एवं आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे गहरी नींद से जागें वरना आने वाली पीढ़ियां उन्हें माफ नहीं करेंगी।