राहुल गाँधी ने संसद में सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस देश को सिर्फ़ चार लोग चला रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को 'हम दो, हमारे दो' के सिद्धांत पर चला रहे हैं। हालाँकि उन्होंने उन चार लोगों के नाम नहीं लिए जिनकी तरफ़ उनका इशारा था। लेकिन कृषि क़ानूनों पर हमला करते हुए यह ज़रूर कहा कि इन कृषि क़ानूनों से किन पूंजीपतियों को फ़ायदे होंगे। राहुल मुख्य तौर पर कृषि क़ानूनों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे थे।
राहुल संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, 'पहले क़ानून की सामग्री यह है कि देश में कहीं भी खाद्यान्नों, फलों और सब्जियों की असीमित खरीद हो सकती है। यदि खरीद देश में कहीं भी असीमित है तो मंडियों में कौन जाएगा? पहले क़ानून की सामग्री क्या है मंडियों को ख़त्म करो।'
राहुल गांधी ने दूसरे कृषि क़ानून को लेकर कहा, 'दूसरे क़ानून की सामग्री यह है कि बड़े व्यवसायी जितना चाहें उतना अनाज, फल और सब्जियाँ स्टोर कर सकते हैं। वे जितना चाहें उतना जमा कर सकते हैं। दूसरे क़ानून की सामग्री आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करना है। यह भारत में असीमित जमाखोली को शुरू करने के लिए है।'
कांग्रेस नेता ने लोकसभा में तीसरे कृषि क़ानून को लेकर कहा, 'तीसरे क़ानून की सामग्री यह है कि जब कोई किसान अपनी फ़सलों की सही क़ीमत मांगने के लिए भारत के सबसे बड़े व्यापारी के सामने जाता है तो उसे अदालत में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।'
इसके साथ ही राहुल ने इन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, 'यह किसानों का विरोध नहीं है, यह पूरे देश का विरोध है। किसान सिर्फ़ रास्ता दिखा रहे हैं।'
राहुल ने कहा कि जब ये क़ानून लागू होंगे तो इस देश के किसान, मज़दूर और छोटे व्यापारियों का धंधा बंद हो जाएगा। इससे किसानों के खेत चले जाएंगे, उसे सही दाम नहीं मिलेगा, छोटे दुकानदारों की दुकान बंद हो जाएगी और सिर्फ़ 'हम दो और हमारे दो' इस देश को चलाएँगे।
इस बीच राहुल गांधी ने कहा, "परिवार नियोजन के लिए पहले एक नारा था 'हम दो हमारे दो।' जैसे अब कोरोना अलग रूप में आ गया है, उसी तरह यह नारा भी दूसरे रूप में आ गया है। राहुल गांधी ने कहा कि देश को चार लोग चला रहे हैं-हम दो हमारे दो। हर एक आदमी उनके नाम जानता है। 'हम दो, हमारे दो' यह किसकी सरकार है।" राहुल ने इसको ट्वीट भी किया।
राहुल ने यह भी कहा कि नोटबंदी और जीएसटी यानी गब्बर सिंह टैक्स लागू करके सरकार ने छोटे व्यापारियों को ख़त्म कर दिया है, अब वे कृषि क़ानूनों को लागू करके किसानों को ख़त्म करना चाहते हैं।
बता दें कि किसान इन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ क़रीब तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने अब एलान किया है कि वे 18 फ़रवरी को 4 घंटे तक देश भर में रेल रोकेंगे। इसका वक़्त दिन में 12 से 4 बजे तक निर्धारित किया गया है।
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने फरवरी के महीने भर में होने वाले प्रदर्शनों के बारे में बुधवार रात को जानकारी दी। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि 12 फ़रवरी को राजस्थान में सभी टोल को फ्री कर दिया जाएगा। इससे पहले हरियाणा और पंजाब में किसान कई बार टोल को फ्री कर चुके हैं।
5 फरवरी को किसानों ने चक्का जाम का आह्वान किया था और यह शांतिपूर्ण रहा था। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह कुछ उपद्रवी तत्वों ने हिंसा का सहारा लिया, उसके बाद किसान संगठन बेहद सतर्कता बरत रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया है कि 14 फ़रवरी को पुलवामा में शहीद हुए जवानों की याद में देश भर में कैंडल लाइट और टॉर्च जलाकर मार्च निकाला जाएगा। फ़रवरी, 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में 40 से ज़्यादा भारतीय जवान शहीद हो गए थे।