राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। केंद्र सरकार ने सात दिन का शोक घोषित किया है और शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। शुक्रवार को सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी जाएगी। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
सभी दलों के नेताओं ने मनमोहन सिंह के निधन को देश के लिए क्षति बताया और उन्हें देश के सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक बताया। भारत के 14वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को देश के आर्थिक सुधारों का वास्तुकार माना जाता है। अपने कार्यकाल के दौरान वे जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद भारतीय इतिहास में तीसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री बने।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मनमोहन सिंह उन दुर्लभ राजनेताओं में से एक थे, जिन्होंने शिक्षा और प्रशासन की दुनिया में समान रूप से सहजता से काम किया। उन्होंने कहा, 'सार्वजनिक कार्यालयों में अपनी विभिन्न भूमिकाओं में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा, उनके बेदाग राजनीतिक जीवन और उनकी अत्यंत विनम्रता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनका निधन हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं भारत के सबसे महान सपूतों में से एक को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं।'
प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, 'भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। संसद में उनके हस्तक्षेप भी बहुत ही व्यावहारिक थे। हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।'
मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में पूर्व पीएम के साथ अपनी मुलाकातों की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी मनमोहन सिंह के साथ नियमित बातचीत होती थी। मोदी ने कहा, 'हम शासन से संबंधित विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श करते थे। उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा दिखाई देती थी।' उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में उनकी संवेदनाएं मनमोहन सिंह के परिवार, उनके दोस्तों और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, 'मनमोहन सिंह जी ने बहुत ही बुद्धिमत्ता और ईमानदारी के साथ भारत का नेतृत्व किया। उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने पूरे देश को प्रेरित किया। श्रीमती कौर और उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ। मैंने एक मार्गदर्शक खो दिया है। हममें से लाखों लोग जो उनके प्रशंसक थे, उन्हें अत्यंत गर्व के साथ याद करेंगे।'
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। धनखड़ ने उन्हें 'एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बताया जिन्होंने भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया।'
धनखड़ ने एक बयान में कहा, 'पद्म विभूषण से सम्मानित और 1991 में भारत के आर्थिक उदारीकरण के निर्माता, उन्होंने साहसपूर्वक हमारे देश को एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुज़ारा, विकास और समृद्धि के लिए नए रास्ते खोले। भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में मुझे डॉ. सिंह के साथ उनके आवास पर सार्थक, व्यावहारिक बातचीत करने का सौभाग्य मिला। अर्थव्यवस्था की उनकी गहन समझ, सौम्य व्यवहार और भारत की प्रगति के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता हमेशा मेरी यादों में रहेगी।'
उन्होंने कहा, 'डॉ. सिंह के निधन से भारत ने एक महान बुद्धिजीवी और उत्कृष्ट राजनेता को खो दिया है। उनकी विरासत हमेशा भारत के विकास पथ का मार्गदर्शन करेगी।'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मनमोहन सिंह के निधन से भारत ने एक दूरदर्शी राजनेता, एक बेदाग ईमानदारी वाला नेता और बेजोड़ कद का अर्थशास्त्री खो दिया है।
खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया, 'निस्संदेह, इतिहास आपको दयालुता से आंकेगा, डॉ. मनमोहन सिंह जी!' खड़गे ने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह की आर्थिक उदारीकरण और अधिकार-आधारित कल्याण प्रतिमान की नीति ने करोड़ों भारतीयों के जीवन को गहराई से बदल दिया, दरअसल भारत में एक मध्यम वर्ग का निर्माण किया और करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला।
खड़गे ने कहा, 'मैं एक आजीवन वरिष्ठ सहयोगी, एक सौम्य बुद्धिजीवी और एक विनम्र आत्मा की क्षति पर शोक व्यक्त करता हूं, जिन्होंने भारत की आकांक्षाओं को मूर्त रूप दिया, जो अटूट समर्पण के साथ रैंकों में ऊपर उठे। मुझे श्रम मंत्री, रेल मंत्री और समाज कल्याण मंत्री के रूप में उनके मंत्रिमंडल का हिस्सा होने पर गर्व है। शब्दों के बजाय काम करने वाले व्यक्ति, राष्ट्र निर्माण में उनका अपार योगदान हमेशा भारतीय इतिहास के पन्नों में अंकित रहेगा।' खड़गे ने कहा कि भारत के विकास, कल्याण और समावेशिता की नीतियों को आगे बढ़ाने की सिंह की स्थायी विरासत को हमेशा संजोया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर से लेकर देश के वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। नड्डा ने सिंह के परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, 'एक दूरदर्शी राजनेता और भारतीय राजनीति के दिग्गज, सार्वजनिक सेवा में अपने उल्लेखनीय करियर के दौरान उन्होंने लगातार दलितों के कल्याण के लिए आवाज उठाई। उनके नेतृत्व ने पार्टी लाइनों के पार प्रशंसा और सम्मान अर्जित किया। श्री मनमोहन सिंह जी की विरासत राष्ट्र निर्माण के लिए पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।'
आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि सिंह एक बौद्धिक राजनेता थे, जो विनम्रता, ज्ञान और ईमानदारी के प्रतीक थे। उन्होंने कहा, '1991 में वित्त मंत्री के रूप में अपने आर्थिक सुधारों से लेकर प्रधानमंत्री के रूप में अपने नेतृत्व तक उन्होंने देश की अथक सेवा की और लाखों लोगों का उत्थान किया। उनका निधन राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति है।’
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सत्यनिष्ठ और सौम्य व्यक्तित्व वाले महान अर्थशास्त्री सिंह का निधन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपूरणीय क्षति है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। बनर्जी ने कहा, 'मैं बहुत स्तब्ध और दुखी हूं... मैंने उनके साथ काम किया था और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें बहुत करीब से देखा था। उनकी विद्वता और बुद्धिमत्ता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता था और देश में उनके द्वारा शुरू किए गए वित्तीय सुधारों की गहराई को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है।'
जद(यू) नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संदेश में कहा कि सिंह के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है।