पीएम मोदी ने संसद में राहुल गांधी पर जमकर हमला किया, आंकड़े पेश किये

09:01 pm Feb 04, 2025 | सत्य ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं पर तीखा हमला बोला। पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ नेताओं पर "शहरी नक्सलियों की भाषा" बोलने और युवाओं को झूठे वादों से गुमराह करने का आरोप लगाया।

नरेंद्र मोदी ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज कुछ लोग खुलेआम शहरी नक्सलियों की भाषा बोल रहे हैं, भारत (स्टेट) को चुनौती दे रहे हैं और इसके खिलाफ लड़ाई की घोषणा कर रहे हैं। जो लोग यह भाषा बोलते हैं वे न तो संविधान को समझते हैं और न ही देश की एकता को।"

15 जनवरी को, राहुल गांधी ने कहा था कि "भाजपा और आरएसएस ने हर एक संस्थान पर कब्जा कर लिया है, और अब हम भाजपा, आरएसएस और सरकार से हर कदम पर लड़ रहे हैं।" राहुल के इसी बयान को मोदी सरकार, गोदी मीडिया ने राज्य यानी स्टेट के खिलाफ युद्ध छेड़ने की बात मान लिया और उसी हिसाब से उसको प्रचारित किया। अब पूरी भाजपा कह रही है कि राहुल गांधी ने स्टेट यानी देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की बात कही। यह प्रचार फर्जी है। 

लोकसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, मोदी ने कहा कि दशकों तक, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया था। उन्होंने इसे लोगों और संविधान दोनों के लिए “अन्याय” बताया।

मोदी ने जोर देकर कहा कि “हम संविधान की भावना से जीते हैं, और इसीलिए हम मजबूत निर्णय लेते हैं। हमारा संविधान भेदभाव करने का अधिकार नहीं देता है।”

मोदी ने विपक्षी दलों पर अधूरे वादों से युवाओं को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा- "हम युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर लगातार काम कर रहे हैं। लेकिन कुछ पार्टियां हैं जो युवाओं को धोखा दे रही हैं। वे चुनाव के समय भत्ते का वादा करते हैं लेकिन उन वादों को पूरा नहीं करते हैं। ये पार्टियां युवाओं के भविष्य के लिए 'आपदा' हैं।" 

मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, 'जो लोग गरीबों की झोपड़ी में फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात उबाऊ लगेगी।' यह हमला भी राहुल गांधी पर था। यह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया के संदर्भ में था, जहां उन्हें इसे "उबाऊ" कहते हुए सुना गया था।

एक अन्य कटाक्ष में, मोदी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना उन पर भी निशाना साधा और कहा, "कुछ नेता जकूज़ी और स्टाइलिश शावर पर ध्यान केंद्रित करते हैं जबकि हमारा ध्यान हर घर में पानी उपलब्ध कराने पर है।" अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, मोदी ने दावा किया, "हमने लोगों को झूठे नारे नहीं, बल्कि वास्तविक विकास दिया।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को प्रमुखता से रखा कि उनकी सरकार ने गरीबों का सच्चा विकास किया है, खोखले नारे नहीं दिये। प्रधानमंत्री ने कहा, "पांच दशकों तक हमने गरीबी हटाओ का नारा सुना और अब हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।" 

राहुल का भाषण आप यहां क्लिक करके पढ़ और सुन सकते हैं। हालांकि राहुल गांधी के चीन वाले भाषण के अंश पर बीजेपी सांसदों ने राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

पीएम मोदी ने कहा- हमने गरीब लोगों के लिए इतना कुछ किया है कि राष्ट्रपति ने अपने भाषण में इसके बारे में विस्तार से बात की। हमारी सरकार ने 12 करोड़ परिवारों को नल से जल दिया। वे हमारे स्वच्छता कार्यक्रम का उपहास उड़ाते थे। हमने सरकारी योजनाओं के 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को हटा दिया है।

मोदी ने कहा- हमारा मॉडल है 'बचत भी, विकास भी' - जनता का पैसा, जनता के लिए। हम डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की योजना लेकर आये। हमने 40 लाख करोड़ रुपये सीधे लोगों के बैंक खातों में जमा किये।

कुछ लोगों के लिए, AI एक फैशनेबल शब्द है। मेरे लिए, इसके दोहरे अर्थ हैं - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आकांक्षी भारत। इस बजट में 50,000 नई एआई लैब का प्रावधान है।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने 'तीन तलाक' खत्म कर मुस्लिम महिलाओं को उनका अधिकार दिया है। मोदी ने कहा, ''जो लोग संविधान को अपनी जेब में लेकर चलते हैं, उन्हें नहीं पता कि उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को कैसे परेशानी भरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर कर दिया था।''

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां कुछ लोगों ने "तुष्टिकरण" को चुना था, वहीं उनकी सरकार ने "संतुष्टिकरण" का रास्ता अपनाया है। मोदी ने कहा, "वास्तविक सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और संविधान के प्रति सम्मान योजनाओं की 100 प्रतिशत संतृप्ति है।"

यह कहते हुए कि जाति के बारे में बात करना कुछ लोगों के लिए फैशन बन गया है, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 30 से 35 वर्षों से, विभिन्न दलों के संसद सदस्य ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे। मोदी ने कहा, ''जो लोग अब इसके बारे में बात करते हैं उन्हें तब यह याद नहीं था, लेकिन हमने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।''