कोरोना: देश के नाम मोदी का संबोधन, बोले - 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ को सफल बनाएं

11:31 pm Mar 19, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

भारत में तेज़ी से पैर फैला रहे कोरोना वायरस के संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात 8 बजे देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वायरस से बचने के लिये प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना बेहद आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से बचने के लिये आपको पूरा योगदान देना है और मानव जाति और भारत की जीत के लिये, ऐसा करना ज़रूरी है। 

'घर से ही काम करें'

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘साथियों, आपसे मैंने जो भी मांगा है, आपने मुझे कभी निराश नहीं किया है। अगर आपको लगता है कि आप ठीक हैं, आपको कुछ नहीं होगा और कोरोना से बचे रहेंगे तो यह सोच सही नहीं है। ऐसा करके हम अपने साथ, अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे। इसलिये मेरा सभी देशवासियों से यह आग्रह है कि जब बहुत ज़रूरी हो, तभी घर से बाहर निकलें। चाहे आपका काम बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफ़िस से जुड़ा हो, हो सके तो घर से ही काम करें।’ 

मोदी ने संबोधन में कहा, ‘जो सरकारी नौकरी में हैं, जनप्रतिनिधि हैं, मीडियाकर्मी हैं, उनकी सक्रियता बेहद ज़रूरी है। लेकिन समाज के बाक़ी लोगों को ख़ुद को समाज से आइसोलेट कर लेना चाहिए। मेरा सीनियर सिटीजन से आग्रह है कि 60-65 साल से ऊपर के लोग घर से बाहर न निकलें।’

‘जनता कर्फ्यू’ में सहयोग की अपील 

मोदी ने कहा, ‘मैं प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। मैं लोगों से ‘जनता कर्फ्यू’ मांग रहा हूं। 22 मार्च यानी रविवार को लोग अपने घरों में ही रहें। जो लोग आवश्यक सेवा से जुड़े हैं, उन्हें जाना ही पड़ेगा। लेकिन बाक़ी लोग इसका पालन करें। 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ की सफलता हमें आगे की चुनौतियों के लिये तैयार करेगी। मैं सभी राज्य सरकारों से इसमें सहयोग की अपील करता हूं।’ मोदी ने कहा कि सभी लोग ‘जनता कर्फ्यू’ का संदेश एक-दूसरे तक पहुंचाएं और उन्हें जागरूक करें। 

‘लोगों का आभार व्यक्त करें’

मोदी ने कहा, ‘आपके इन प्रयासों के बीच ‘जनता कर्फ्यू’ के दिन मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं। पिछले दो महीने से सैकड़ों लोग काम में जुटे हुए हैं। इनमें रेलवे, बस, ऑटो की सुविधा से जुड़े लोग, मीडियाकर्मी, सरकारी कर्मचारी, अस्पतालों में काम कर रहे और कई अन्य लोग शामिल हैं। ये सभी लोग दूसरों की सेवा में जुटे हुए हैं। ये लोग अपने संक्रमित होने का ख़तरा भी मोल लेते हैं। 22 मार्च को हम इन लोगों को धन्यवाद अर्पित करें। हम अपने घर के दरवाज़े पर खड़े होकर शाम को 5 बजे 5 मिनट तक ताली बजाकर, घंटी बजाकर, थाली बजाकर इन लोगों का आभार व्यक्त करें। नगर निकाय इसकी सूचना सायरन से लोगों तक पहुंचाएं।’  

प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘साथियों इस वैश्विक महामारी का अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ रहा है। भारत सरकार ने COVID-19 टास्क फ़ोर्स के गठन का फ़ैसला लिया है। यह टास्क फ़ोर्स इस महामारी को लेकर भविष्य के क़दमों के बारे में फ़ैसला लेगी।’ 

मोदी ने कहा, ‘इस महामारी ने मध्यम वर्ग, ग़रीब वर्ग के लोगों के आर्थिक हितों को नुक़सान पहुंचाया है। मैं व्यापारी वर्ग से अपील करता हूं कि वे अपने कर्मचारियों के दफ़्तर न आ पाने के कारण उनका वेतन न काटें।’ 

‘सामान इकट्ठा करने की होड़ न करें’

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘दवाओं की कमी न हो, इसके लिये सरकार ज़रूरी क़दम उठा रही है। मेरा सभी देशवासियों से आग्रह है कि ज़रूरी सामान इकट्ठा करने की होड़ न करें। पिछले दो महीनों में 130 करोड़ भारतीयों ने इस संकट को अपना संकट माना है। आने वाले समय में भी हमको इस संकट से निपटने के लिये तैयार रहना होगा। सभी देशवासियों को दृढ़ संकल्प के साथ इस कठिनाई का मुक़ाबला करना होगा।’