संसद हमले के आरोपियों ने कोर्ट में कहा- विपक्ष को फंसाने के लिए हम पर जुल्म

09:15 am Feb 01, 2024 | सत्य ब्यूरो

संसद के अंदर और बाहर रंगीन धुआं छोड़ने की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन लोगों का आरोप है कि उन्हें अपराध कबूल करने और राजनीतिक दलों का नाम लेने के लिए यातना दी गई, दबाव डाला गया। संसद सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना 13 दिसंबर 2023 को हुई थी।

संसद सुरक्षा चूक के मामले में छह आरोपियों सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया गया था। उनमें से दो, सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा के अंदर उस क्षेत्र में पहुंच गए थे, जहां सांसद बैठते हैं। उ्होंने सदन में पीला धुआं छोड़ा इससे वहां अफरातफरी फैल गई। इन्हीं के दो अन्य साथियों नीलम आज़ाद और अमोल शिंदे ने संसद के बाहर कनस्तरों से वैसा ही पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए। इन्हें फौरन गिरफ्तार कर लिया गया।

पटियाला हाउस कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान नीलम आजम को छोड़कर सभी आरोपियों ने पुलिस पर अमानवीय अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए अर्जी दाखिल की। अदालत ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल से इस पर जवाब मांगा और 17 फरवरी को अगली सुनवाई तय की है। इस महीने की शुरुआत में न्यायिक हिरासत में भेजे जाने तक सभी आरोपी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की कैद में थे।

आरोपी नीलम आजाद को छोड़कर बाकी सभी ने आरोप लगाया कि हर आरोपी से लगभग 70 खाली पन्नों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत बयान दर्ज कराने और राजनीतिक दलों के साथ अपने संबंध का दावा करने के लिए उन्हें यातना दी गई। बिजली के झटके तक दिए गए। दो आरोपियों पर कथित तौर पर पॉलीग्राफ, नार्को या ब्रेन मैपिंग टेस्ट के दौरान राजनीतिक दलों या नेताओं का नाम लेने के लिए दबाव डाला गया।

आरोपियों ने कोर्ट को बताया कि उनसे कथित तौर पर अपने वर्तमान और पिछले मोबाइल नंबरों का खुलासा करने के लिए कहा गया। पुराने मोबाइल नंबरों और वर्तमान सिम कार्ड नंबरों के सिम जारी कराने के लिए उन्हें अवैध रूप से टेलीकॉम कंपनियों के दफ्तरों ले जाया गया। इसके लिए कथित तौर पर आरोपियों को अपने ऑनलाइन सोशल मीडिया अकाउंट, ईमेल अकाउंट और फोन के लिए बायोमेट्रिक डेटा और पासवर्ड उपलब्ध कराने के लिए मजबूर किया गया।

मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को 1 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने उनकी न्यायिक  हिरासत बढ़ा दी है। बता दें कि संसद में 13 दिसंबर 2023 को तब अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब दो लोग सुरक्षा को भेदते हुए लोकसभा में पहुंचे और पीला धुआं छोड़ा। यह धुआं जहरीला नहीं था। आरोपी सागर शर्मा को टेलीविज़न फ़ुटेज में वे एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर कूदते हुए और सदन के वेल की ओर जाते हुए देखा गया था। सदन के अंदर मौजूद सांसदों ने बाद मीडिया को बताया था कि दोनों प्रदर्शनकारी 'तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगा रहे थे। घटनास्थल से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा द्वारा जारी पास बरामद किया गया, जिस पास को दिखाकर दोनों आरोपी संसद के अंदर आए थे। इसके बाद इन्हीं के दो साथियों का संसद के बाहर पीला धुआं छोड़ने और नारा लगाते हुए गिरफ्तार किया गया था।

इस सारे मामले का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि आरोपी सागर शर्मा और डी. मनोरंजन को पास जारी करने वाले भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा आज भी रहस्यों के घेरे में हैं। अदालत में उन्हें लेकर कोई बात पुलिस नहीं बता रही है। अभी हाल ही में प्रताप सिम्हा को कर्नाटक के एक गांव में जाने पर भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।