संसद के चल रहे मानसून सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा को स्थगित कर दिया गया। आज की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही लोकसभा को पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया जबकि राज्यसभा को दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन बाद में दोपहर 12 बजे लोकसभा में फिर से जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, कुछ मिनट बाद ही इसे सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बाद में राज्यसभा को भी सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर दोनों सदनों में हंगामा हुआ। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'मैंने सर्वदलीय बैठक में यह कहा था और मैं इसे संसद में दोहराता हूं कि हम मणिपुर पर सदन में चर्चा चाहते हैं। लेकिन मैं देख रहा हूं कि कुछ राजनीतिक दल हैं जो अनावश्यक रूप से यहां ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं ताकि मणिपुर पर चर्चा न हो सके।'
इससे पहले कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर और हिबी ईडन ने मणिपुर में जातीय हिंसा पर तत्काल चर्चा की ज़रूरत का हवाला देते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया। लोकसभा के महासचिव को टैगोर ने लिखा, 'सदन को प्रधानमंत्री को इस मामले पर उनकी गहरी चुप्पी के लिए जवाब देने और यह बताने का भी निर्देश देना चाहिए कि उन्होंने किस तरह की कार्रवाई की है।' इस बीच ईडन ने लिखा, 'सरकार को धार्मिक अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जनजातियों की रक्षा के लिए अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को बरकरार रखना चाहिए'।
मानसून सत्र के पहले दिन गुरुवार को मणिपुर की बिगड़ती स्थिति पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा और लोकसभा को स्थगित कर दिया गया था।
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए कहा है, 'आपने कल संसद के अंदर कोई बयान नहीं दिया। यदि आप क्रोधित होते तो कांग्रेस शासित राज्यों के साथ झूठी समरूपता बनाने के बजाय सबसे पहले अपने मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त करते। INDIA आपसे अपेक्षा करता है कि आप आज संसद में एक विस्तृत बयान देंगे, न केवल एक घटना पर, बल्कि 80 दिनों की हिंसा पर, जिस पर राज्य और केंद्र में आपकी सरकार बिल्कुल असहाय और पश्चातापहीन दिख रही है।'
मणिपुर मुद्दे पर संसद में हंगामे पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'अध्यक्ष जब भी निर्देश देंगे हम चर्चा के लिए तैयार हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आधिकारिक तौर पर अध्यक्ष और सभापति से कहा है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं। विपक्ष के लिए नई मांग लाना और चर्चा में बाधा डालना ग़लत है। महत्वपूर्ण विधेयक हैं और पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा संसद में व्यापक चर्चा करना चाहती है... विपक्ष सिर्फ़ एक गलत कहानी बनाने और संसद की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश करता है।'