'भीख में आज़ादी' बयान पर कंगना को गिरफ्तार करें, पद्मश्री वापस लें: विपक्षी नेता

04:37 pm Nov 12, 2021 | सत्य ब्यूरो

राजनीतिक दलों के नेताओं ने 1947 में भारत की आज़ादी को 'भीख' में मिली हुई आज़ादी बताने वाली कंगना रनौत से पद्मश्री वापस लेने की मांग की है। ऐसा करने वालों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ, एनसीपी नेता नवाब मलिक जैसे नेता शामिल हैं। मलिक ने तो यहाँ तक कह दिया कि स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने के लिए कंगना को गिरफ़्तार किया जाए।

इससे पहले बीजेपी नेता वरुण गांधी ने भी कंगना के लिए कड़ी टिप्पणी की थी। उन्होंने कंगना रनौत के बयान वाले वीडियो को साझा करते हुए लिखा कि इसे 'पागलपन कहा जाए या फिर देशद्रोह'?

दो दिन पहले ही पद्मश्री अवार्ड से नवाजी गईं कंगना रनौत के ताज़ा बयान को देश के ख़िलाफ़ बताया जा रहा है। उन्होंने यह बयान टाइम्स नाउ न्यूज़ चैनल के एक कार्यक्रम में दिया। उसमें कंगना ने कहा, '...और उन्होंने एक क़ीमत चुकाई... बिल्कुल वो आज़ादी नहीं थी, वो भीख थी। और जो आज़ादी मिली है वो 2014 में मिली है।' कंगना के बयान पर उस कार्यक्रम में शामिल कुछ लोगों द्वारा तालियाँ बजाने की आवाज़ भी आती है।

कंगना की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि उनके बयान से पता चलता है कि जब पद्म पुरस्कारों के अयोग्य लोगों को ये सम्मान दिया जाता है तो क्या होता है। गौरव वल्लभ ने कहा, 'मैं मांग करता हूं कि कंगना रनौत को उनके बयान के लिए सभी भारतीयों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का अपमान किया गया।'

वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने टिप्पणी को चौंकाने वाला और अपमानजनक करार दिया और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से कंगना को दिए गए पद्म पुरस्कार को वापस लेने का आग्रह किया।

उन्होंने ट्वीट में यहाँ तक कह दिया कि 'इस तरह के पुरस्कार देने से पहले मानसिक मनोचिकित्सीय मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे व्यक्ति राष्ट्र और उसके नायकों का अपमान न करें।'

आनंद शर्मा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और राष्ट्र को बताना चाहिए कि क्या वह सुश्री रनौत के विचारों का समर्थन करते हैं? यदि नहीं, तो सरकार को ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।'

महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने तो कह दिया कि अभिनेत्री ने कहीं ड्रग्स के प्रभाव में तो टिप्पणी नहीं की थी। उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि कंगना रनौत ने ऐसा बयान देने से पहले मलाना क्रीम (एक प्रकार की हशीश) की भारी खुराक ली थी।'

उन्होंने कहा, 'हम अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया। केंद्र को कंगना रनौत से पद्मश्री वापस लेना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए।'

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि "गाँधी-नेहरू-पटेल-बोस-भगत सिंह और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों का संघर्ष व बलिदान वो नहीं समझ सकते जो 'अंग्रेज के पिट्ठू' थे।"

इससे पहले शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ट्वीट किया था, 'ब्लॉक पर नई रुचि पाठक। 99 साल की लीज से लेकर भीख में मिली आजादी तक। झाँसी की रानी सहित हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सारा खून, पसीना और बलिदान को मास्टर को खुश करने के लिए खारिज कर दिया। वाट्सऐप इतिहास के प्रशंसक।'

बता दें कि बीजेपी नेता वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि कंगना कभी महात्मा गांधी के त्याग और तपस्या का अपमान करती हैं तो कभी उनके हत्यारे का सम्मान। उन्होंने कहा था कि अब तो कंगना ने मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद जैसे लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार किया है। उन्होंने कहा था इसे 'पागलपन कहा जाए या फिर देशद्रोह'?

वरुण गांधी की यह आलोचना इसलिए काफ़ी अहम है क्योंकि कंगना रनौत बीजेपी की क़रीबी के तौर पर जानी जाती हैं और अब बीजेपी नेता ने ही उनकी जबरदस्त आलोचना की। कंगना रनौत को बीजेपी की मोदी सरकार द्वारा ही पद्मश्री अवार्ड दिया गया है।