विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने फिर से जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा है कि दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू 'ड्रग्स लेते थे और सिगरेट पीते थे।
कौशल किशोर, जो इस समय केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री हैं, ने कहा कि महात्मा गांधी के बेटे भी ड्रग्स लेते थे।
राजस्थान के भरतपुर में राष्ट्रीय हिन्दू स्वाभिमान मंच ने कल बुधवार को एक नशामुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें केंद्रीय मंत्री मुख्य अतिथि थे। न्यूज एजेंसी एएनआई ने आज गुरुवार 15 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री का वीडियो बयान ट्वीट किया है। उस वीडियो में मंत्री कौशल किशोर को स्पष्ट रूप से कहते देखा और सुना जा सकता है। वो कहते हैं - जवाहरलाल नेहरू ड्रग्स लेते थे, सिगरेट पीते थे और महात्मा गांधी का एक बेटा ड्रग्स लेता था। अगर आप पढ़ेंगे और देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा।
मंत्री ने आगे कहा- हमारा पूरा देश नशीली दवाओं के खतरे की चपेट में है। मैं मीडियाकर्मियों से आग्रह करता हूं कि वे लोगों को ड्रग्स लेने के नुकसान के बारे में जागरूक करें और उन्हें ड्रग्स के कारण होने वाली मौतों और अन्य मानसिक, शारीरिक समस्याओं के बारे में सूचित करके लोगों को ड्रग्स लेने के खिलाफ डर पैदा करें। अगर ऐसा होता है तो जिस तरह जहर की बिक्री बंद होती है उसी तरह से ड्रग्स की बिक्री भी बंद हो जाएगी।
मंत्री को शायद यह नहीं मालूम है कि सिगरेट पीना फिलहाल मादक द्रव्य (ड्रग्स) के दायरे में नहीं आता। उन्होंने महज जवाहरलाल नेहरू का नाम नशा लेने वालों में घसीटने के लिए ऐसा किया। तमाम वाट्सऐप संदेशों में भी पिछले दिनों ऐसे फर्जी संदेशों की बाढ़ आ गई थी, जिसमें नेहरू को कथित तौर पर नशेड़ी बताया गया था। इस तरह की हरकत करने वाले अराजक तत्व कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ते, जिसमें नेहरू के खिलाफ फर्जी बातों को लेकर दुष्प्रचार न करते हों।
पहले का विवादित बयान
आज से ठीक एक महीना पहले भी केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का विवादास्पद बयान पढ़ी लिखी लड़कियों को लेकर आया था। नवंबर में न्यूज 18 के रिपोर्टर ने उनसे श्रद्धा वालकर के मामले में टिप्पणी मांगी तो इस तरह के अपराध के लिए कौशल किशोर ने पढ़ी-लिखी लड़कियों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने लिव इन रिलेशनशिप पर बैन लगाने की मांग की।
न्यूज 18 को दी गई वीडियो बाइट में मंत्री कौशल किशोर फरमा रहे थे कि लड़कियों की भी जिम्मेदारी बनती है। जिन्हें मां-बाप पाल पोसकर बड़ा करते हैं और वो एक झटके में मां-बाप को छोड़ देती हैं। लिव इन रिलेशनशिप में रहने का क्या मतलब है। लिव इन रिलेशनशिप में रहना है तो उसके लिए बाकायदा रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। अगर मां-बाप तैयार नहीं है तो पहले आप कोर्ट मैरिज कीजिए। ये सब घटनाएं उन लोगों के साथ हो रही हैं जो पढ़ी लिखी लड़कियां हैं। जो अपने आप को बहुत फ्रैंक बता देती हैं। मैं बालिग हो गईं हूं। निर्णय लेने की क्षमता मेरे अंदर है। वही इन मामलों में फंसती हैं।
मंत्री आगे फरमाते हैं - हमारी लड़कियों को ध्यान देना चाहिए कि हम ऐसा क्यों कर रहे हैं। फिर रिपोर्टर सवाल के रूप में अपना मत देता है। वो कहता है - यानी पढ़ी लिखी लड़कियां खुद इसके लिए ज्यादा जिम्मेदार हैं। वो खुद फंस रही हैं। मंत्री जवाब में कहते हैं - बिल्कुल जिम्मेदार हैं। अब इस घटना को लीजिए। उनके माता-पिता ने मना किया। जैसा कि उस लड़की के पिता ने बताया कि बहुत मनाया लेकिन वो नहीं मानी। पढ़ी लिखी लड़की ने ही तो निर्णय लिया। जिम्मेदारी ली। इन सब चक्करों में नहीं पड़ना चाहिए। पहले शादी करो। लिव इन रिलेशन से क्या होता है। ये तरीका अपराध को बढ़ावा दे रहा है। ये गलत तरीका भी है। इसी के परिणाम लोगों को भुगतने पड़ रहे हैं। मैं समझता हूं कि ये नहीं होना चाहिए।
टीवी 18 ने खुद ही इस रिपोर्ट को दिखाते हुए मंत्री के बयान पर सवाल उठाए। महिला एंकर ने कहा कि यह बयान अजीबोगरीब है। वो भी ऐसे में जब सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को लीगल ठहराया है। एंकर ने सवाल किया कि आखिर मंत्री ऐसा बयान क्यों दे रहे हैं। रिपोर्ट दिखाने के दौरान चैनल के अन्य रिपोर्टर ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने एक तरह से ग्रामीण लड़कियों को ऐसे मामलों से दूर रहने की तस्वीर पेश की और पढ़ी लिखी लड़कियों को इसका जिम्मेदार बता डाला।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और तमाम हाईकोर्ट ने समय-समय पर सुनाए गए फैसलों में लिव इन रिलेशनशिप को जायज ठहराया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में यह भी कहा है कि लिव इन रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चे का अधिकार संपत्ति में होगा। अभी तक ऐसे बच्चों को लेकर स्थिति साफ नहीं थी लेकिन अब अदालत ने उसे भी साफ कर दिया है।