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मोदी-ट्रम्प प्रेस कॉन्फ्रेंसः क्या वहां भी भारत के गोदी पत्रकार सवाल पूछ रहे थे?

मोदी-ट्रम्प प्रेस कॉन्फ्रेंसः क्या वहां भी भारत के गोदी पत्रकार सवाल पूछ रहे थे?

पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की बहुचर्चित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ भारतीय पत्रकारों के सवालों की खासी चर्चा है। उन्हीं सवालों के आधार पर भारतीय मीडिया में सुर्खियां भी बनीं। कुछ सवालों को जानियेः

प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भारतीय मीडिया की सुर्खियां देखने लायक थीं। एक मीडिया हाउस ने लिखा- मोदी को ट्रम्प ने कठिन वार्ताकार (tougher negotiator) कहा। कुछ ने मुंबई हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को लेकर सवाल किये, जबकि राणा के प्रत्यर्पण पर भारत-अमेरिका लंबे समय से बात कर रहे हैं। वहां अब कोर्ट ने अनुमति भी दे दी है।

द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन ने एक्स पर लिखा है कि ट्रम्प-मोदी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए सबसे खराब सवाल का पुरस्कार उस भारतीय पत्रकार को मिलना चाहिए, जिसने ट्रम्प से पूछा था कि क्या मोदी उनसे ज्यादा सख्त वार्ताकार हैं! यह बताना जरूरी है कि इसके जवाब में ट्रम्प ने परंपरा के अनुसार यही कहा कि मोदी उनसे ज्यादा सख्त वार्ताकार हैं। अगले दिन यही जवाब सुर्खियां बना था। लेकिन अब यह जगजाहिर हो चुका है कि मोदी की यात्रा से अमेरिका ज्यादा फायदे में रहा। ट्रम्प ने अपने ज्यादातर प्रस्ताव पर मोदी से हां कहलवा दिया। जिसमें तेल और एलएनजी की खरीद, कई रक्षा सौदे, एआई पर निर्भरता आदि शामिल हैं। भारत को रूस से दूर ले जाने का पूरा प्रयास ट्रम्प ने मोदी के सहारे अंजाम दिया। साथ ही टैरिफ वाला मुद्दा तो बहरहाल भारतीय कंपनियों की हालत अभी से खराब कर रहा है। 

उन्होंने लिखा कि एक महिला रिपोर्टर तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए ट्रम्प को धन्यवाद देती नजर आईं। एक और पत्रकार ने खालिस्तानियों के बारे में सवाल किया और एक यूएस नागरिक के हत्या प्रयास में भारतीय अधिकारी से जोड़ते हुए इतना अस्पष्ट सवाल किया कि ट्रम्प उसे समझ भी नहीं पाये। ऐसा करते हुए उसने भारतीय विदेश मंत्रालय के गुस्से से बचने का पूरा इंतजाम किया। भारत में अगले दिन तहव्वुर राणा को लेकर सुर्खियां बनीं और इसका श्रेय पीएम मोदी को दिया गया। 

एक अमेरिकी रिपोर्टर ने तो फिर भी अडानी से संबंधित सवाल पूछ लिया। लेकिन एक भारतीय रिपोर्टर ने तो मोदी से अवैध प्रवासियों के बारे में पूछा, लेकिन वो पत्रकार उनसे यह पूछने की हिम्मत नहीं जुटा पाया कि क्या उन्होंने ट्रम्प के साथ भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी-बेड़ी पहनाने और गलत बर्ताव करने का मुद्दा उठाया था। यह सबसे बुनियादी सवाल था। लेकिन यह सवाल नहीं पूछा गया।

सोशल मीडिया पर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक अन्य वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति अमेरिका में भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़े एक सवाल को टालने की कोशिश करते हुए रिपोर्टर के “उच्चारण” को दोषी ठहराते हैं और कहते हैं कि उनसे पूछा जा रहा “एक भी शब्द उन्हें समझ में नहीं आ रहा है।” भारतीय पत्रकार ने अमेरिकी नेता से पीएम मोदी के सामने अमेरिका में भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में पूछा। जवाब में उन्होंने कहा कि वह सवाल सुन नहीं पाए। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "आपको ज़ोर से बोलना होगा..."

हालांकि, रिपोर्टर ने जब फिर से वही सवाल पूछने की कोशिश की, तो ट्रंप ने कहा, "मैं उनकी कही एक भी बात नहीं समझ पा रहा हूं।" उन्होंने आगे कहा, "यह उनका उच्चारण है, यह मेरे लिए थोड़ा कठिन है।"

बता दें कि इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी से पूछा गया था कि क्या उन्होंने अडानी के मामले पर ट्रम्प से बात की। तो मोदी ने उसे निजी मामला बता दिया था। बहरहाल, मोदी भारत लौट आये हैं। भारतीय मीडिया में उनके यूएस दौरे की सफलता की कहानियां अभी भी लिखी जा रही है। बहुत कम इस बारे में लिखा जा रहा है कि आखिर भारत को इस दौरे से क्या हासिल हुआ।

(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)

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