भारत में आर्थिक सुधारों के जनक मनमोहन सिंह नहीं रहे
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया। वह 92 साल के थे। वह लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। उनको गुरुवार शाम अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी।
भारत के 14वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह देश के आर्थिक सुधारों के वास्तुकार थे। 26 सितंबर, 1932 को पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान में) के गाह गांव में जन्मे मनमोहन सिंह ने चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और बाद में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
मनमोहन सिंह को गुरुवार शाम को तबीयत बिगड़ने के बाद एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था। एम्स ने एक बयान में उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा, 'गहरे दुख के साथ हम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 92 वर्ष की आयु में निधन की सूचना दे रहे हैं। उनका उम्र संबंधी बीमारियों के लिए इलाज किया जा रहा था और 26 दिसंबर 2024 को घर पर अचानक बेहोश हो गए थे। उन्हें रात 8:06 बजे एम्स, नई दिल्ली के मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया। तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।'
प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, 'भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। संसद में उनके हस्तक्षेप भी बहुत ही व्यावहारिक थे। हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।'
Dr. Manmohan Singh Ji and I interacted regularly when he was PM and I was the CM of Gujarat. We would have extensive deliberations on various subjects relating to governance. His wisdom and humility were always visible.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
In this hour of grief, my thoughts are with the family of… pic.twitter.com/kAOlbtyGVs
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, 'मनमोहन सिंह जी ने बहुत ही बुद्धिमत्ता और ईमानदारी के साथ भारत का नेतृत्व किया। उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने पूरे देश को प्रेरित किया। श्रीमती कौर और उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ। मैंने एक मार्गदर्शक खो दिया है। हममें से लाखों लोग जो उनके प्रशंसक थे, उन्हें अत्यंत गर्व के साथ याद करेंगे।'
Manmohan Singh Ji led India with immense wisdom and integrity. His humility and deep understanding of economics inspired the nation.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 26, 2024
My heartfelt condolences to Mrs. Kaur and the family.
I have lost a mentor and guide. Millions of us who admired him will remember him with the… pic.twitter.com/bYT5o1ZN2R
मनमोहन सिंह 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक प्रधानमंत्री रहे और उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए सरकार का ऐतिहासिक 3,656 दिनों तक नेतृत्व किया। अपने कार्यकाल के दौरान वे जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद भारतीय इतिहास में तीसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री बने।
अपने राजनीतिक जीवन से पहले उन्होंने सरकारी सेवा में एक शानदार यात्रा की थी। 1971 में विदेश व्यापार मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार के रूप में शुरुआत करते हुए वे जल्दी ही रैंक में ऊपर उठे। 1976 तक वे वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार थे। इन वर्षों में उन्होंने कई प्रमुख भूमिकाएँ निभाईं, जिनमें भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशक, एशियाई विकास बैंक और अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक में भारत के लिए वैकल्पिक गवर्नर और परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष आयोगों में सदस्य (वित्त) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने समावेशी विकास, सामाजिक कल्याण और कूटनीति को प्राथमिकता दी, वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से भारत को बाहर निकाला और विश्व मंच पर देश की स्थिति मजबूत की।
मनमोहन सिंह स्वास्थ्य कारणों से हाल के वर्षों में राजनीति से दूर रहे हैं और 2024 की शुरुआत से ही उनकी तबीयत ठीक नहीं रही। वह सार्वजनिक तौर पर जनवरी 2024 में अपनी बेटी की पुस्तक के विमोचन के अवसर पर दिखे थे। वे अप्रैल 2024 में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए।
मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में लगातार दो कार्यकाल पूरे किए 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के तहत गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया। वे 1991 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री के रूप में भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार थे।
प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में अभूतपूर्व आर्थिक विकास हुआ, जिसने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया। उन्होंने मनरेगा और सूचना का अधिकार अधिनियम जैसे ऐतिहासिक सामाजिक सुधारों की शुरुआत की। उन्होंने ऐतिहासिक भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर भी बातचीत की, जिससे भारत के दशकों के परमाणु अलगाव का अंत हुआ।