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CWC: चुनावी हार पर खड़गे- राज्य ईकाई कब तक राष्ट्रीय नेताओं पर निर्भर रहेंगी?

CWC: चुनावी हार पर खड़गे- राज्य ईकाई कब तक राष्ट्रीय नेताओं पर निर्भर रहेंगी?

हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में ख़राब नतीजों के बीच कांग्रेस वर्किंग कमिटी में कई मुद्दों पर चर्चा हुई और प्रस्ताव पारित किया गया। जानिए, इसमें क्या कहा गया।

चुनावी हार को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफ़-साफ़ कह दिया है कि पार्टी की राज्य ईकाइयों को राष्ट्रीय नेताओं और राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं निर्भर रहना चाहिए। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि पार्टी को विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा राज्य स्तर के मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा और मूड को जीत में बदलना सीखना होगा।  

खड़गे ने कहा, 'हम चुनाव हार गए हैं, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता ज्वलंत मुद्दे हैं। जाति जनगणना भी आज एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। संविधान, सामाजिक न्याय और सद्भाव जैसे मुद्दे लोगों के मुद्दे हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम चुनावी राज्यों में महत्वपूर्ण स्थानीय मुद्दों को भूल जाएं। समय रहते राज्यों के अलग-अलग मुद्दों को विस्तार से समझना और उनके इर्द-गिर्द एक ठोस अभियान रणनीति बनाना भी जरूरी है। राष्ट्रीय मुद्दों और राष्ट्रीय नेताओं के सहारे आप कब तक राज्य के चुनाव लड़ेंगे?'

खड़गे ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में माहौल कांग्रेस के पक्ष में था, लेकिन उन्होंने कहा, 'माहौल के पक्ष में होने से जीत की गारंटी नहीं मिलती। हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा। क्या कारण है कि हम माहौल का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं? हमें चुनाव नतीजों से तुरंत सीख लेने और संगठनात्मक स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और कमियों को दूर करने की जरूरत है। ये नतीजे हमारे लिए एक संदेश हैं।'

खड़गे ने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैं कहता रहता हूं, वह यह है कि एकजुटता की कमी और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी से हमें बहुत नुकसान होता है। जब तक हम एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ेंगे और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी बंद नहीं करेंगे, तब तक हम अपने विरोधियों को राजनीतिक रूप से कैसे हरा पाएंगे? इसलिए जरूरी है कि हम अनुशासन का कड़ाई से पालन करें। हमें हर परिस्थिति में एकजुट रहना होगा।' 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी को समय रहते रणनीति बनानी होगी, बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करना होगा और मतदाता सूची तैयार होने से लेकर मतगणना तक दिन-रात सतर्क, सावधान और सचेत रहना होगा। उन्होंने कहा, '

हमारी तैयारी शुरू से लेकर मतगणना तक ऐसी होनी चाहिए कि हमारे कार्यकर्ता और व्यवस्था पूरी लगन से काम करें। कई राज्यों में हमारा संगठन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है। हमारी सबसे बड़ी जरूरत संगठन को मजबूत करना है।


मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष

खड़गे नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति यानी सीडब्ल्यूसी की बैठक में बोल रहे थे। उनकी ये बातें शुरुआती भाषणों से निकल सामने आईं। क़रीब साढ़े चार घंटे तक सीडब्ल्यूसी की बैठक चली। बैठक के बाद कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित किया। बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीडब्ल्यूसी में पारित किए गए प्रस्ताव को साझा किया गया। इसमें कहा गया कि प्रमुख रूप से तीन राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के बीच आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। यह सत्र अब तक तीन अहम राष्ट्रीय मुद्दों पर तत्काल चर्चा करने से इनकार करने की मोदी सरकार की हठधर्मिता के कारण विफल रहा है। वेणुगोपाल ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री के सबसे करीबी रिश्ते वाले कारोबारी समूह द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के बारे में खुलासे, मणिपुर में जारी हिंसा और मई 2023 के बाद से प्रधानमंत्री द्वारा एक बार भी अशांत राज्य का दौरा न करने के कारण सभी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ना और भाजपा द्वारा विभिन्न राज्यों में सांप्रदायिक तनाव भड़काने के व्यवस्थित प्रयास करना तीन बड़े राष्ट्रीय मुद्दे हैं।

वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने चार विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, 'वायनाड उपचुनाव में श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा की भारी जीत ने पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता में विशेष रूप से उत्साह की लहर पैदा कर दी है।'

पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'कांग्रेस कार्यसमिति झारखंड की जनता को जेएमएम, कांग्रेस और अन्य भारतीय दलों को दिए गए निर्णायक जनादेश के लिए धन्यवाद देती है। उन्होंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, असम के मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा चलाए जा रहे भाजपा के खतरनाक रूप से विभाजनकारी और जहरीले ध्रुवीकरण अभियान को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कांग्रेस कार्यसमिति जम्मू-कश्मीर की जनता को इस बात के लिए धन्यवाद देती है कि उन्होंने एनसी-कांग्रेस गठबंधन में इतने स्पष्ट तरीके से विश्वास जताया है। यह स्वीकार करते हुए कि हमारा अपना प्रदर्शन बेहतर होना चाहिए था, हमारी पार्टी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दबाव बनाना जारी रखेगी।'

हरियाणा, महाराष्ट्र नतीजों पर चर्चा

पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कांग्रेस कार्यसमिति यह भी स्वीकार करती है कि हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन सभी उम्मीदों के विपरीत रहा है। इसने कहा, 'बहुत सरल शब्दों में कहें तो कांग्रेस को राज्य में भारी अंतर से सरकार बनानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लेकिन चुनावी गड़बड़ियां हुई हैं, जिन्होंने राज्य में नतीजों को प्रभावित किया है, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया है। कांग्रेस कार्यसमिति यह भी स्वीकार करती है कि महाराष्ट्र में पार्टी का प्रदर्शन, और वास्तव में इसके एमवीए सहयोगियों का प्रदर्शन, समझ से परे है और वास्तव में चौंकाने वाला है। चुनावी नतीजे सामान्य समझ से परे हैं।'

बयान में कहा गया, 'यह स्पष्ट रूप से लक्षित हेरफेर का मामला लगता है। कांग्रेस कार्यसमिति को विश्वास है कि कांग्रेस अध्यक्ष जल्द ही विस्तृत राज्यवार समीक्षा पूरी करेंगे और ज़रूरी कार्रवाई करेंगे, विशेष रूप से संगठनात्मक मामलों के संबंध में। इन मामलों पर एआईसीसी स्तर पर और सभी राज्यों में तत्काल ध्यान देने की ज़रूरत है। 

बयान में यह भी कहा गया है, 'सीडब्ल्यूसी का मानना ​​है कि पूरी चुनावी प्रक्रिया की निष्ठा से गंभीर रूप से समझौता किया जा रहा है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक संवैधानिक जनादेश है, जिसे चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली द्वारा गंभीर सवालों के घेरे में लाया जा रहा है। समाज के बढ़ते हुए वर्ग निराश और गहरे आशंकित हो रहे हैं। कांग्रेस इन जन चिंताओं को एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाएगी।'

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