खड़गे ने धनखड़ पर बड़ा हमला बोला, राहुल गांधी ओम बिड़ला से क्यों मिले?
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति मुश्किलों में घिरते जा रहे हैं। उनकी इतनी आलोचना कभी नहीं हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की आलोचना करते हुए उन्हें "सबसे बड़ा सरकारी प्रवक्ता" बताया। धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के नोटिस के बारे में उन्होंने कहा, "राज्यसभा में हंगामे की सबसे बड़ी वजह सभापति धनखड़ ही हैं।"
खड़गे ने कहा कि 1952 के बाद से उपराष्ट्रपति को हटाने का कोई प्रस्ताव राज्यसभा में नहीं लाया गया, क्योंकि इस पद पर रहने वाले लोग "निष्पक्ष और राजनीति से ऊपर" थे और "हमेशा नियमों के अनुसार सदन चलाते थे।" इंडिया गठबंधन ने सभापति जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग को लेकर राज्यसभा में प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस सौंपा है। खड़गे ने विपक्ष के इस कदम पर टिप्पणी करते हुए ये बातें कहीं।
हेडमास्टर बन गए हैं धनखड़
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा "अब सदन में नियमों से ज्यादा राजनीति हो रही है। राज्यसभा सभापति एक हेडमास्टर की तरह स्कूल चला रहे हैं।" उन्होंने कहा- "सभापति ने जानबूझकर विपक्ष द्वारा उठाई गई चर्चा को दबाया। विपक्ष की ओर से जब भी महत्वपूर्ण मुद्दे नियमानुसार उठाए जाते हैं तो सभापति योजनाबद्ध तरीके से चर्चा की अनुमति नहीं देते हैं। बार-बार विपक्षी नेताओं को बोलने से रोका जाता है।"
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उपराष्ट्रपति धनखड़ की 'निष्ठा' संविधान और संवैधानिक परंपरा के बजाय सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति है।
-मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष 11 दिसंबर 2024 सोर्सः एजेंसी न्यूज
खड़गे ने कहा, "धनखड़ अपनी अगली तरक्की के लिए सरकार के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं। मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि राज्यसभा में सबसे बड़े व्यवधानकर्ता खुद सभापति हैं।" बता दें कि धनखड़ उपराष्ट्रपति बनने से पहले बंगाल के गवर्नर थे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन पर गंभीर आरोप लगा चुकी है। यह भी आरोप है कि उन्होंने बंगाल की टीएमसी सरकार को इतना परेशान किया कि उसके बदले पीएम मोदी ने उनके उपराष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ किया। पीएम मोदी के सामने धनखड़ का शिष्टाचार मशहूर हो चुका है।
खड़गे ने यह भी कहा कि राज्यसभा सभापति के कार्यों ने "देश की गरिमा को नुकसान पहुंचाया है। मौजूदा हालात के कारण इंडिया गठबंधन को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा।" मल्लिकार्जुन खड़गे ने अंत में कहा, "हमारी उनसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या राजनीतिक लड़ाई नहीं है। हम देशवासियों को बताना चाहते हैं कि हमने लोकतंत्र, संविधान की रक्षा के लिए और बहुत सोच-विचार करने के बाद यह कदम उठाया है।"
राहुल गांधी स्पीकर ओम बिड़ला से मिले
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ बैठक की और उनसे उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को हटाने का आग्रह किया। राहुल ने पत्रकारों को बताया कि “मैंने स्पीकर के साथ बैठक की। मैंने उनसे कहा कि मेरे खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां हटा दी जानी चाहिए। स्पीकर ने कहा कि वह इस पर गौर करेंगे...हमारा मकसद है कि सदन चले और सदन में चर्चा हो। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे मेरे बारे में क्या कहते हैं, हम 13 दिसंबर को बहस करना चाहते हैं...वे अडानी पर चर्चा नहीं चाहते। हम इसे अंत तक नहीं छोड़ेंगे। वे हम पर आरोप लगाते रहें लेकिन सदन चलना चाहिए।”
5 दिसंबर को बीजेपी के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे और संबित पात्रा ने सदन में बोलते हुए राहुल गांधी और सोरोस के बीच संबंधों का आरोप लगाकर विपक्षी कांग्रेस को नाराज कर दिया था। पात्रा ने राहुल गांधी को गद्दार तक कहा था। हालांकि दुबे और संबित पात्रा ने ये आरोप तभी लगाए जब कांग्रेस ने अडानी घूस कांड को संसद में बार-बार उठाना चाहा। अडानी घूसकांड के जवाब में भाजपा और मोदी सरकार ने सोरोस के संबंध कांग्रेस से जोड़े। लेकिन दांव उल्टा पड़ गया। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा और पीएम के लोग सोरोस से फंडिंग पाते हैं। कांग्रेस ने मोदी सरकार को चुनौती दी कि वो सोरोस के खिलाफ एफआईआर करे और गिरफ्तार कर अमेरिका से भारत लाए। अमेरिका इस मुद्दे पर साफ कह चुका है कि उसे भाजपा के बयानों से निराशा हुई है। क्योंकि भाजपा ने अमेरिकी विदेश विभाग को इस विवाद में घसीटने की कोशिश की थी।
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)