प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंच बनाने वाले संजय प्रकाश राय शेरपुरिया का जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से क्या रिश्ता है। आखिर उसने मनोज सिन्हा को 25 लाख का उधार क्यों दिया था। शेरपुरिया के बारे में इंडियन एक्सप्रेस ने आज 29 अप्रैल को कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने मनोज सिन्हा के पास इस संबंध में कुछ सवाल भेजे थे। लेकिन मनोज सिन्हा टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। अलबत्ता उनके एक करीबी सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शेरपुरिया उनके संपर्क में 2015-16 से नहीं है।
संजय प्रकाश राय 'शेरपुरिया' को मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। उस पर कथित तौर पर फर्जी तरीके से पीएमओ में प्रवेश करने और व्यक्तिगत लाभ के लिए पीएम के नाम का "दुरुपयोग" करने का आरोप है। आरोप है कि उसने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को 25 लाख उधार दिए थे।
सिन्हा ने अपने चुनावी हलफनामे में इसे "अनसिक्योर्ड" कर्ज बताया था। सिन्हा 2014 में यूपी के गाजीपुर से लोकसभा के लिए चुने गए थे, लेकिन 2019 में वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार अफजाल अंसारी से हार गए थे। अफजाल अंसारी मुख्तार अंसारी के भाई हैं।
राज्य के विभाजन और अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के लगभग एक साल बाद अगस्त 2020 में उन्हें जम्मू और कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सिन्हा के 2019 के लोकसभा चुनाव हलफनामे में 57 लाख रुपये तक के पांच कर्जों का उल्लेख है। शेरपुरिया द्वारा दिया गया लोन सबसे अधिक है। बाकी चार अन्य व्यक्तियों से 3 लाख रुपये, 6 लाख रुपये, 8 लाख रुपये और 15 लाख रुपये के लोन हैं।
सिन्हा, जो 1996 और 1999 में गाजीपुर से सांसद चुने गए थे, 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी इस क्षेत्र में राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय थे। लेकिन जम्मू-कश्मीर के एलजी के रूप में नियुक्ति के बाद, उनकी संवैधानिक स्थिति को देखते हुए, वो पार्टी की गतिविधियों से दूर रहे हैं।
शेरपुरिया केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और यूपी के मंत्री ब्रजेश पाठक (दाएं) के साथ। फाइल फोटो
लोन वापस करने की कोशिश
एलजी मनोज सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस के सवालों का जवाब तो नहीं दिया लेकिन उनसे जुड़े सूत्र ने कहा, एलजी पारदर्शी हैं और हलफनामे में प्राप्त धन को लोन के रूप में घोषित किया। सूत्र ने यह भी कहा कि एलजी मनोज सिन्हा ने "उन तक (शेरपुरिया) पहुंचने और पैसे वापस करने के कई प्रयास किए हैं लेकिन संजय प्रकाश राय उर्फ शेरपुरिया अनुपलब्ध रहे।संपर्क करने पर गाजीपुर जिला भाजपा के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने कहा कि पार्टी का शेरपुरिया से कोई लेनादेना नहीं है। संजय प्रकाश राय भाजपा के न तो सदस्य हैं और न ही पदाधिकारी। वह गाजीपुर आते थे और हमसे मिलते थे, लेकिन उनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। वाराणसी में एक प्रमुख भाजपा नेता, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बात की थी, ने कहा: "शेरपुरिया को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से निकटता के लिए जाना जाता था और जब भी वे यहां आते थे, स्थानीय पार्टी नेता नियमित रूप से उनसे मिलते थे।"
बहरहाल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और पीएम मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, यूपी के मंत्री ब्रजेश पाठक के अलावा और भी कई भाजपा नेताओं के साथ शेरपुरिया के फोटो हैं। सभी फोटो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। भाजपा नेताओं के पास इस तरह का कोई मौका नहीं है कि वे यह इनकार कर सकें कि वे शेरपुरिया को नहीं जानते हैं। यह ऐसा दूसरा मामला है जब पीएमओ में किसी बाहरी आदमी ने घुसपैठ बनाने की कोशिश की है। इससे पहले जम्मू कश्मीर में गुजरात के एक युवक को पकड़ा गया था जो खुद को पीएमओ से जुड़ा आईपीएस अफसर बताता था। वो मामला अब दब चुका है।